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लखीमपुर खीरी हिंसा: पांवटा साहिब और हमीरपुर में किसानों के हक में उठी आवाज, कड़ी कार्रवाई की मांग - हिमाचल न्यूज़ लाइव today

किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी पांवटा साहिब के एसडीएम कार्यालय के बाहर सोमवार सुबह सांकेतिक धरने पर बैठे. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे भारतवर्ष के किसान सड़कों पर हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. मृतक किसानों के परिवारों को एक करोड़ पर मुआवजा दिया जाए. वहीं, दूसरी ओर एसडीएम हमीरपुर के माध्यम से सीटू पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है और इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई है.

Protest against Lakhimpur Kheri violence in Paonta Sahib and Hamirpur
फोटो.
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Published : Oct 4, 2021, 3:56 PM IST

पांवटा साहिब: लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र द्वारा सत्ता के अहंकार व नशे में दर्जनों किसानों को कुचल दिया. जिसमें से पांच किसान शहादत को प्राप्त हुए है. यह देश में अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों पर अब तक की हुई सबसे नृशंस कार्रवाई है. यह किसी भी तरह से सुनोयोजित हत्या से कम नहीं है, क्योंकि केंद्रीय राज्य मंत्री कई दिन पहले अपने वक्तव्य में इस तरह की कार्रवाई की धमकी या चेतावनी दे चुके थे. यह बात किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने कही.

पांवटा साहिब के एसडीएम कार्यालय के बाहर सोमवार सुबह सांकेतिक धरने पर बैठे. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे भारतवर्ष के किसान सड़कों पर हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. मृतक किसानों के परिवारों को एक करोड़ पर मुआवजा दिया जाए. मृतक किसानों के परिवारों से एक सदस्य को नौकरी दी जाए. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा हो. गृह राज्य मंत्री के पुत्र और उसके साथ नामजद नौ साथियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और पूरे प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट के सेटिंग जज से जांच करवाई जाए.

अनिंदर सिंह नॉटी ने कहा कि पशुओं के प्रति प्यार दिखाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी अपना मुंह सिल कर बैठे हैं व संवेदना का एक शब्द भी उनका किसानों और मृतकों के लिए नहीं आया है. शायद इस देश में किसानों और इंसानों का दर्जा पशुओं से भी कम यह सरकार मानती है. देश के सर्वोच्च पद पर बैठकर मूकदर्शक की भूमिका में नहीं रह सकते.

वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में एसडीएम हमीरपुर के माध्यम से सीटू पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है और इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई है.

सीटू पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले में केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र के दबाव में पुलिस उचित कार्यवाई नहीं कर रही है. यह किसानों की भावना के साथ खिलवाड़ है तथा इसे हरगिज भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीटू के पदाधिकारियों ने इसे जघन्य अपराध करार दिया है तथा इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई उठाने की मांग उठाई है इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में हस्तक्षेप कर एक एसआईटी का गठन करने की मांग उठाई है.

सीटू के जिला सचिव जोगिंदर कुमार ने बताया कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के बर्बर हत्या के मामले में केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र के बेटे के खिलाफ तुरंत हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए तथा उन्हें गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने कहा है कि इससे पहले मंत्री अजय मिश्र भी लोगों को उकसाने और संप्रदाय द्वेष फैलाने का कार्य कर चुके हैं अतः उन्हें भी अपने पद से बर्खास्त किया जाए.

उन्होंने कहा कि इस बर्बर वारदात के खिलाफ ही एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है. आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए, क्योंकि इस वारदात के बाद देश में लोगों में काफी आक्रोश है.

ये भी पढ़ें- रामपुर आ रही HRTC की बस पर पहाड़ी से गिरे पत्थर, सवारियों को आईं चोटें

पांवटा साहिब: लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र द्वारा सत्ता के अहंकार व नशे में दर्जनों किसानों को कुचल दिया. जिसमें से पांच किसान शहादत को प्राप्त हुए है. यह देश में अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों पर अब तक की हुई सबसे नृशंस कार्रवाई है. यह किसी भी तरह से सुनोयोजित हत्या से कम नहीं है, क्योंकि केंद्रीय राज्य मंत्री कई दिन पहले अपने वक्तव्य में इस तरह की कार्रवाई की धमकी या चेतावनी दे चुके थे. यह बात किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने कही.

पांवटा साहिब के एसडीएम कार्यालय के बाहर सोमवार सुबह सांकेतिक धरने पर बैठे. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूरे भारतवर्ष के किसान सड़कों पर हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. मृतक किसानों के परिवारों को एक करोड़ पर मुआवजा दिया जाए. मृतक किसानों के परिवारों से एक सदस्य को नौकरी दी जाए. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा हो. गृह राज्य मंत्री के पुत्र और उसके साथ नामजद नौ साथियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और पूरे प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट के सेटिंग जज से जांच करवाई जाए.

अनिंदर सिंह नॉटी ने कहा कि पशुओं के प्रति प्यार दिखाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी अपना मुंह सिल कर बैठे हैं व संवेदना का एक शब्द भी उनका किसानों और मृतकों के लिए नहीं आया है. शायद इस देश में किसानों और इंसानों का दर्जा पशुओं से भी कम यह सरकार मानती है. देश के सर्वोच्च पद पर बैठकर मूकदर्शक की भूमिका में नहीं रह सकते.

वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में एसडीएम हमीरपुर के माध्यम से सीटू पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है और इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठाई है.

सीटू पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले में केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र के दबाव में पुलिस उचित कार्यवाई नहीं कर रही है. यह किसानों की भावना के साथ खिलवाड़ है तथा इसे हरगिज भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीटू के पदाधिकारियों ने इसे जघन्य अपराध करार दिया है तथा इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई उठाने की मांग उठाई है इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में हस्तक्षेप कर एक एसआईटी का गठन करने की मांग उठाई है.

सीटू के जिला सचिव जोगिंदर कुमार ने बताया कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के बर्बर हत्या के मामले में केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र के बेटे के खिलाफ तुरंत हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए तथा उन्हें गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने कहा है कि इससे पहले मंत्री अजय मिश्र भी लोगों को उकसाने और संप्रदाय द्वेष फैलाने का कार्य कर चुके हैं अतः उन्हें भी अपने पद से बर्खास्त किया जाए.

उन्होंने कहा कि इस बर्बर वारदात के खिलाफ ही एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है. आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए, क्योंकि इस वारदात के बाद देश में लोगों में काफी आक्रोश है.

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