नाहन: 1621 में बसे ऐतिहासिक शहर नाहन में स्थित प्राचीन भगवान परशुराम मंदिर जिसे मियां मंदिर (Miyan Mandir nahan) के नाम से जाना जाता है. वहीं, लंबे अरसे से अनदेखी को लेकर अब लोग लामबंद हो गए हैं. क्षेत्र के लोगों ने मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया (protest for renovation of Miyan Mandir) है. रविवार को हिंदू जागरण मंच के बैनर तले स्थानीय लोगों ने मंदिर परिसर में सांकेतिक धरना देकर यह संकेत दे दिए हैं कि अब मंदिर की अनदेखी को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया (protest in Miyan Mandir) जाएगा.
दरअसल सन् 1740 में राजा बिलासपुर के भाई मियां बलदेव सिंह और मियां कुशल देव सिंह ने मंदिर का निर्माण करवाया था. जोकि भगवान परशुराम को समर्पित है. वर्तमान में इस मंदिर की हालत बेहद ही दयनीय हो चुकी है. एक और जहां मंदिर का बड़ा हिस्सा धंस रहा है, तो वहीं मंदिर की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें तक पड़ चुकी (Demand for restoration of Miyan Mandir) है.
लंबे अरसे से स्थानीय लोग इसके जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. ऐसे में अब लोग मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर लामबंद हो गए हैं. वहीं, हिंदू जागरण मंच ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
मीडिया से बात करते हुए हिंदू जागरण मंच के उपरांत सचिव मानव शर्मा ने प्रशासन पर इस मंदिर की लंबे अरसे से अनदेखी करने के आरोप लगाए. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब बड़े धार्मिक स्थलों की राशि अन्य विकास कार्यों पर खर्च की जा सकती है, तो इस मंदिर पर क्यों नहीं की जा (Hindu Jagran Manch protest in nahan) सकती. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जल्द प्रशासन ने इस मंदिर के रखरखाव को लेकर कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा.
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मियां मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है, जोकि शहर में दूर-दूर तक दिखाई देता है. अब इस मंदिर की हालत बेहद खस्ताहाल हो चुकी है. प्रशासन से मांग है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे एक रमणीक स्थल के रूप में विकसित किया जाए.
दूसरी तरफ मंदिर की लंबे अरसे से दुर्दशा के मामले में मुस्लिम समुदाय ने भी अपनी नाराजगी प्रकट की है. स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम सैयद ने कहा कि मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर वह कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि या तो प्रशासन स्वयं इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाएं या फिर इसे स्थानीय लोगों के सुपुर्द किया जाए, ताकि मंदिर का रखरखाव किया जा सके. स्थानीय निवासी कुल मिलाकर एक लंबे अरसे से यह मंदिर अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. लिहाजा अब मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर लोग प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है.
ये भी पढ़ें: कसौली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चमनलाल गाचली का निधन, क्षेत्र में शोक की लहर