नाहन: सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में पिछले 15 दिनों से कोरोना का ग्राफ काफी अधिक बढ़ा है. खासकर इसकी सबसे बड़ी मार शहर के गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोगों पर पड़ी है, जहां से अब तक 175 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि एक महिला की मौत हो चुकी है.
कोरोना का हॉटस्पॉट बने गोबिंदगढ़ मोहल्ला में संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने दिन-रात एक कर दिए हैं और तकरीबन 1700 लोगों के सैंपल लिए गए हैं. सैंपलिंग का कार्य पूरा होने के बाद संबंधित क्षेत्र के लोगों के संपर्क में आए शहरवासियों के बचाव के लिए प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिया है.
बता दें कि जिला प्रशासन ने आशा वर्करों के माध्यम से एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चलाया है. साथ ही वाहनों में लाउड स्पीकरों के माध्यम से लोगों को स्वेच्छा के साथ टेस्टिंग करवाने की बार-बार अपील की जा रही है, ताकि कोरोना जैसी महामारी को फैलने से रोका जा सके, लेकिन प्रशासन को जनता का सहयोग नहीं मिल रहा है.
दरअसल गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोग शहर में कई जगहों पर काम करते थे, लेकिन लोग अब इस बात से इंकार कर रहे हैं कि उनके यहां संबंधित क्षेत्र का कोई व्यक्ति काम भी करता था. घर-घर पहुंचकर कोविड-19 से संबंधित डाटा एकत्रित करने वाली आशा वर्करों को कोई सहयोग नहीं दिया गया है, जिससे जिला प्रशासन शहर के लोगों के इस रवैये से हैरान है.
डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोग शहर की कई जगहों पर काम कर रहे थे, जिससे संबंधित क्षेत्र की सैंपलिंग के बाद इलाके में एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चलाया गया, लेकिन जब आशा वर्करों द्वारा पूरी जानकारी जुटाई गई तो लोगों ने इंकार कर दिया कि संबंधित क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति उनके यहां काम नहीं करता है.
आरके परूथी ने लोगों से आग्रह की कोरोना नाम की ये बीमारी छिपाने से नहीं छिपेगी, इसलिए जो भी व्यक्ति गोबिंदगढ़ मोहल्ला के लोगों के संपर्क में आया है, वो सामने आए, जिससे उसका इलाज किया जा सके और इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. साथ ही कहा कि संक्रमित व्यक्तियों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरा ध्यान रखा जा रहा है और आयुष काढ़ा भी दिया जा रहा है, ताकि संक्रमित व्यक्ति जल्द ठीक हो सकें.
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