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मनरेगा बनी वरदान, यहां सिंचाई टैंक से 40 बीघा बंजर भूमि हुई उपजाऊ - सिंचाई टैंक से 10 परिवारों को फायदा

मनरेगा के तहत निर्मित सामूहिक वर्षा जल संग्रहण सिंचाई टैंक से लोगों को फायदा हो रहा है. पंचायत के प्रधान अनिल ठाकुर ने बताया कि इस टैंक के निर्माण हेतु 5 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी, जिसे मनरेगा द्वारा वर्ष 2019-20 में निर्मित किया गया है. इस टैंक की भंडारण क्षमता 1 लाख 50 हजार लीटर है, जिसे गांव के वार्ड नंबर-2 में निर्मित किया गया है. इससे गांव के 8 से 10 परिवारों के खेतों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है.

मनरेगा बनी वरदान
मनरेगा बनी वरदान
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Published : Aug 19, 2021, 12:41 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 1:04 PM IST

नाहन: विकास खंड नाहन के अंतर्गत पड़ने वाले गांव बेचड का बाग के लगभग 10 परिवारों की आर्थिकी को सुधारने में मनरेगा के तहत निर्मित सामूहिक वर्षा जल संग्रहण सिंचाई टैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. महीपुर पंचायत के बेचड का बाग में अब इस सिंचाई टैंक से लोगों को बड़ा लाभ मिल रहा है.

महीपुर पंचायत के प्रधान अनिल ठाकुर ने बताया कि इस टैंक के निर्माण हेतु 5 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी, जिसे मनरेगा द्वारा वर्ष 2019-20 में निर्मित किया गया है. इस टैंक की भंडारण क्षमता 1 लाख 50 हजार लीटर है, जिसे गांव के वार्ड नंबर-2 में निर्मित किया गया है. इससे गांव के 8 से 10 परिवारों के खेतों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है.

वीडियो

वहीं, सिंचाई टैंक के लाभार्थी रविन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है. वह नौकरी करने की अपेक्षा कृषि क्षेत्र में आजीविका प्राप्त करना चाहते थे, क्योंकि उनके क्षेत्र की भूमि नकदी फसलों के लिए उपजाऊ है. साथ ही क्षेत्र के अधिकतर लोगों के पास सिंचाई के पानी की व्यवस्था है, जिससे वह नकदी फसलें उगाकर अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं.

रविन्द्र सिंह का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर है और वहां जल का कोई स्रोत भी नहीं है. जिस कारण सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था तो दूर की बात, उन्हें गर्मियों में पीने के पानी तक की समस्या हो जाती थी. फिर उन्हें स्थानीय पंचायत प्रधान द्वारा जानकारी मिली की सरकार मनरेगा के तहत सिंचाई के लिए वर्षा जल संग्रहण टैंक का निर्माण करवा रही है.

रविन्द्र सिंह ने अपनी दो बिस्वा निजी भूमि सामूहिक वर्षा जल संग्रहण सिंचाई टैंक के निर्माण हेतु प्रदान की, जिससे उनकी जमीन पर सिंचाई टैंक का निर्माण किया गया. इस टैंक के निर्माण से न केवल रविन्द्र अपितु आस-पास के 8 से 10 परिवार भी लाभान्वित हो रहे हैं और इस टैंक में एकत्रित वर्षा जल से 30 से 40 बीघा भूमि भी सिंचित हो रही है. जो भूमि पहले बंजर पड़ी थी उस भूमि पर अब अच्छी नकदी फसलें पैदा होने लगी हैं.

रविन्द्र ने बताया कि अब वह टमाटर, मूली, खीरा, लहसून, बीन्स और अदरक इत्यादि नकदी फसलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं. जिससे उनकी और आसपास के लोगों की आर्थिकी में सुधार हो रहा है. रविन्द्र ने कहा कि वह सरकार का इस सामूहिक वर्षा जल सग्रहण टैंक के लिए दिल से आभार व्यक्त करते हैं. जिस कारण उन्हें घर पर ही रोजगार के अवसर प्रदान हुए. उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को भी आगे आकर सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.

वहीं, बीडीओ नाहन अनूप शर्मा ने बताया कि मनरेगा के तहत विभाग अनेक प्रकार के विकास कार्य करवाता है, जिसमें जल संग्रहण निर्माण, जोहड़ों व तालाबों का निर्माण, पंचवटी व पौधारोपण एवं मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, जिसमें स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को किचन गार्डनिंग के लिए प्ररित व प्रशिक्षित किया जाता है.

उन्होंने बताया कि पंचायत द्वारा किए जाने वाले कार्यों को ग्राम सभा की बैठक में पारित करवाया जाता है. उन कार्यों की एक सेल्फ बनाकर उन्हें जिला परिषद की बैठक में अनुमोदित करवाया जाता है. खंड विकास कार्यालय द्वारा तकनीकी कार्य व विभाग की देखरेख में इन कार्यों को पूर्ण किया जाता है, ताकि इन कार्यों की गुणवत्ता का ध्यान रखा जा सके.

ये भी पढ़ें: बड़सर से सीएम जयराम की दूरी...क्या है मजबूरी, लोग पूछ रहे हैं मुख्यमंत्री जी कब आओगे

नाहन: विकास खंड नाहन के अंतर्गत पड़ने वाले गांव बेचड का बाग के लगभग 10 परिवारों की आर्थिकी को सुधारने में मनरेगा के तहत निर्मित सामूहिक वर्षा जल संग्रहण सिंचाई टैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. महीपुर पंचायत के बेचड का बाग में अब इस सिंचाई टैंक से लोगों को बड़ा लाभ मिल रहा है.

महीपुर पंचायत के प्रधान अनिल ठाकुर ने बताया कि इस टैंक के निर्माण हेतु 5 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी, जिसे मनरेगा द्वारा वर्ष 2019-20 में निर्मित किया गया है. इस टैंक की भंडारण क्षमता 1 लाख 50 हजार लीटर है, जिसे गांव के वार्ड नंबर-2 में निर्मित किया गया है. इससे गांव के 8 से 10 परिवारों के खेतों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो रही है.

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वहीं, सिंचाई टैंक के लाभार्थी रविन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है. वह नौकरी करने की अपेक्षा कृषि क्षेत्र में आजीविका प्राप्त करना चाहते थे, क्योंकि उनके क्षेत्र की भूमि नकदी फसलों के लिए उपजाऊ है. साथ ही क्षेत्र के अधिकतर लोगों के पास सिंचाई के पानी की व्यवस्था है, जिससे वह नकदी फसलें उगाकर अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं.

रविन्द्र सिंह का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर है और वहां जल का कोई स्रोत भी नहीं है. जिस कारण सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था तो दूर की बात, उन्हें गर्मियों में पीने के पानी तक की समस्या हो जाती थी. फिर उन्हें स्थानीय पंचायत प्रधान द्वारा जानकारी मिली की सरकार मनरेगा के तहत सिंचाई के लिए वर्षा जल संग्रहण टैंक का निर्माण करवा रही है.

रविन्द्र सिंह ने अपनी दो बिस्वा निजी भूमि सामूहिक वर्षा जल संग्रहण सिंचाई टैंक के निर्माण हेतु प्रदान की, जिससे उनकी जमीन पर सिंचाई टैंक का निर्माण किया गया. इस टैंक के निर्माण से न केवल रविन्द्र अपितु आस-पास के 8 से 10 परिवार भी लाभान्वित हो रहे हैं और इस टैंक में एकत्रित वर्षा जल से 30 से 40 बीघा भूमि भी सिंचित हो रही है. जो भूमि पहले बंजर पड़ी थी उस भूमि पर अब अच्छी नकदी फसलें पैदा होने लगी हैं.

रविन्द्र ने बताया कि अब वह टमाटर, मूली, खीरा, लहसून, बीन्स और अदरक इत्यादि नकदी फसलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं. जिससे उनकी और आसपास के लोगों की आर्थिकी में सुधार हो रहा है. रविन्द्र ने कहा कि वह सरकार का इस सामूहिक वर्षा जल सग्रहण टैंक के लिए दिल से आभार व्यक्त करते हैं. जिस कारण उन्हें घर पर ही रोजगार के अवसर प्रदान हुए. उन्होंने कहा कि अन्य लोगों को भी आगे आकर सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.

वहीं, बीडीओ नाहन अनूप शर्मा ने बताया कि मनरेगा के तहत विभाग अनेक प्रकार के विकास कार्य करवाता है, जिसमें जल संग्रहण निर्माण, जोहड़ों व तालाबों का निर्माण, पंचवटी व पौधारोपण एवं मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, जिसमें स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को किचन गार्डनिंग के लिए प्ररित व प्रशिक्षित किया जाता है.

उन्होंने बताया कि पंचायत द्वारा किए जाने वाले कार्यों को ग्राम सभा की बैठक में पारित करवाया जाता है. उन कार्यों की एक सेल्फ बनाकर उन्हें जिला परिषद की बैठक में अनुमोदित करवाया जाता है. खंड विकास कार्यालय द्वारा तकनीकी कार्य व विभाग की देखरेख में इन कार्यों को पूर्ण किया जाता है, ताकि इन कार्यों की गुणवत्ता का ध्यान रखा जा सके.

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Last Updated : Aug 19, 2021, 1:04 PM IST
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