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बाला सुंदरी मंदिर में तीन दिनों में चढ़ा 25 लाख का चढ़ावा, मेले में इंतजामों से श्रद्धालु भी खुश

आश्विन नवरात्र मेले में हिमाचल सहित बाहरी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु बाला सुंदरी मंदिर माता के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. सुबह 5 बजे आरती होने के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. श्रद्धालु भी जिला प्रशासन सहित त्रिलोकपुर मंदिर न्यास द्वारा किए गए इंतजामों और लंबे समय बाद मंदिर खुलने से बेहद खुश हैं.

बाला सुंदरी मंदिर
बाला सुंदरी मंदिर
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Published : Oct 10, 2021, 9:44 AM IST

Updated : Oct 10, 2021, 11:15 AM IST

नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर में चल रहे आश्विन नवरात्र मेले के दौरान तीन दिनों में 24 लाख 98 हजार 350 रुपये नकद चढ़ावा मां बाला सुंदरी के चरणों में अर्पित किया जा चुका है. जबकि इस समयावधि के दौरान करीब 18 हजार श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचे. इसके साथ-साथ 2 किलो 910 ग्राम चांदी भी चढ़ावे के रूप में अर्पित हुई है.

दरअसल आश्विन नवरात्र मेले में हिमाचल सहित बाहरी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. सुबह 5 बजे आरती होने के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. श्रद्धालु भी जिला प्रशासन सहित त्रिलोकपुर मंदिर न्यास द्वारा किए गए इंतजामों और लंबे समय बाद मंदिर खुलने से बेहद खुश हैं.

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त्रिलोकपुर में दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से वह मंदिर में नहीं पहुंच पा रहे थे. मगर इस बार उन्हें मां बाला सुंदरी के दर्शन करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है. यहां प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों से भी श्रद्धालु बेहद खुश हैं.

दूसरी तरफ मंदिर में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही माता के दर्शन करने की अनुमति दी गई है. इस बारे में त्रिलोकपुर मंदिर न्यास के सहायक प्रबंधक गोपाल दत्त शर्मा ने बताया कि प्रशासन के दिशा निर्देशानुसार यहां कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरीके से पालन किया जा रहा है. नवरात्र मेले में इस बार श्रद्धालुओं को कुछ ढील दी गई है. मगर यहां प्रशासन द्वारा जारी एसओपी का सख्ती से पालन किया जा रहा है.

गोपाल दत्त शर्मा ने बताया कि श्रद्धालु मंदिर प्रसाद लेकर आते हैं, उसे ग्रहण नहीं किया जा रहा है. श्रद्धालुओं को प्रसाद देने के लिए मंदिर के बाहर प्रसाद पैकेट में रखा गया है, जिसे खुद यहां से श्रद्धालुओं द्वारा उठाया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन के दिशा-निर्देशानुसार कोविड-19 की दोनों डोज लगा चुके या आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है.

बता दें कि मां बाला सुंदरी के प्रति लोगों में बड़ी आस्था है. यही वजह है कि न केवल हिमाचल बल्कि उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों से यहां भारी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें: नवरात्र का पांचवा दिन: आज होती है मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा

नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर में चल रहे आश्विन नवरात्र मेले के दौरान तीन दिनों में 24 लाख 98 हजार 350 रुपये नकद चढ़ावा मां बाला सुंदरी के चरणों में अर्पित किया जा चुका है. जबकि इस समयावधि के दौरान करीब 18 हजार श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचे. इसके साथ-साथ 2 किलो 910 ग्राम चांदी भी चढ़ावे के रूप में अर्पित हुई है.

दरअसल आश्विन नवरात्र मेले में हिमाचल सहित बाहरी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. सुबह 5 बजे आरती होने के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. श्रद्धालु भी जिला प्रशासन सहित त्रिलोकपुर मंदिर न्यास द्वारा किए गए इंतजामों और लंबे समय बाद मंदिर खुलने से बेहद खुश हैं.

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त्रिलोकपुर में दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से वह मंदिर में नहीं पहुंच पा रहे थे. मगर इस बार उन्हें मां बाला सुंदरी के दर्शन करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है. यहां प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों से भी श्रद्धालु बेहद खुश हैं.

दूसरी तरफ मंदिर में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही माता के दर्शन करने की अनुमति दी गई है. इस बारे में त्रिलोकपुर मंदिर न्यास के सहायक प्रबंधक गोपाल दत्त शर्मा ने बताया कि प्रशासन के दिशा निर्देशानुसार यहां कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरीके से पालन किया जा रहा है. नवरात्र मेले में इस बार श्रद्धालुओं को कुछ ढील दी गई है. मगर यहां प्रशासन द्वारा जारी एसओपी का सख्ती से पालन किया जा रहा है.

गोपाल दत्त शर्मा ने बताया कि श्रद्धालु मंदिर प्रसाद लेकर आते हैं, उसे ग्रहण नहीं किया जा रहा है. श्रद्धालुओं को प्रसाद देने के लिए मंदिर के बाहर प्रसाद पैकेट में रखा गया है, जिसे खुद यहां से श्रद्धालुओं द्वारा उठाया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन के दिशा-निर्देशानुसार कोविड-19 की दोनों डोज लगा चुके या आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है.

बता दें कि मां बाला सुंदरी के प्रति लोगों में बड़ी आस्था है. यही वजह है कि न केवल हिमाचल बल्कि उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों से यहां भारी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें: नवरात्र का पांचवा दिन: आज होती है मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा

Last Updated : Oct 10, 2021, 11:15 AM IST
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