नाहन: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के बाद अब 1621 में बसा ऐतिहासिक शहर नाहन डस्टबिन फ्री हो गया है. शहर के किसी भी कोने में अब कूड़े से भरे डस्टबीन नजर नहीं आएंगे.
दरअसल नाहन नगर परिषद ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा था कि नगर परिषद शहर में घर-घर से कूड़ा उठा रहा है. ऐसे में नगर परिषद को एनजीटी ने आदेश दिए थे कि यदि कूड़ा घर-घर से उठाया जा रहा है तो शहर को डस्टबिन फ्री किया जाए जिसके बाद नगर परिषद ने शहर से डस्टबिन उठा कर इन्हें डंपिंग साइट पर रख दिया है.
नगर परिषद कूड़ा एकत्रित करने की एवज में 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक का मासिक शुल्क लेती है. नगर परिषद के एसडीओ परवेज इकबाल ने बताया कि नगर परिषद ने शहर में प्रतिदिन कूड़ा उठाने के लिए 6 गाड़ियां लगाई हैं. शहर के जिन हिस्सों में गाड़ियां नहीं जा पाती हैं, वहां नगर परिषद के सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं. नगर परिषद के कर्मचारी घरों से कूड़ा इकट्ठा कर गाड़ियों में डालते हैं.
परवेज इकबाल ने कहा कि नगर परिषद लगातार लोगों से सहयोग की अपील कर रही है. फिर भी यदि किसी व्यक्ति ने कूड़ा इधर-उधर फेंका, तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा. उल्लेखनीय है कि नाहन में करीब 10 हजार घर के अलावा दुकानें, होटल, रेस्तरां व ढाबे शामिल हैं, जहां से नगर परिषद द्वारा कूड़ा उठाया जाता है. उम्मीद की जा रही है कि डस्टबिन फ्री होने के बाद नाहन शहर एक बार फिर साफ और स्वच्छ होगा.
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