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पांवटा साहिब में बारिश से खराब हुई मक्के की फसल, किसान हुए मायूस

गिरीपार क्षेत्र के कई गांवों में भारी बारिश होने से कई गांवों में मक्के की फसल मुरझा गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों ने इस बार अच्छी फसल की उम्मीद लगाई थी, लेकिन बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया.

maize crop getting spoiled due to rain in paonta sahib
बारिश से खराब हुई मक्के की फसल
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Published : Aug 19, 2020, 1:27 PM IST

पांवटा साहिब: क्षेत्र में हो रही बारिश किसानों के लिए अब आफत बन रही है, क्योंकि बरसात के कारण गिरीपार क्षेत्र के कई गांवों में मक्की की फसल बर्बाद हो गई है. ऐसे में किसानों की मेहनत पर पानी फेर गया है और किसान चिंतित हो गए हैं, क्योंकि उन्हें इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद थी.

बता दें कि गिरीपार क्षेत्र के दुगना, कोटगा, रगुवा,पाप और बोकाला गांव में भारी बारिश होने से किसानों की मक्के की फसल मुरझा गई है, जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और उनको अपने व अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता सता रही है.

वीडियो

वहीं, क्षेत्र में मक्के की फसल के साथ-साथ मार्गों पर भूस्खलन होने से लोगों की आवाजाही भी ठप पड़ी हुई है. साथ ही मौसम विभाग के अनुसार चार दिन तक बारिश का दौर जारी रहेगा. ऐसे में किसानों के सामने कई परेशानियां खड़ी हो रही हैं.

किसान अनिल तोमर ने बताया कि कोरोना की वजह से पहले ही आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. वहीं, अब मक्के की फसल मुरझाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पहले गेहूं की फसल ओलावृष्टि के कारण खत्म हो गई थी, जिससे उनको भारी नुकसान हुआ था और उसकी अभी तक भरपाई नहीं हुई है. ऐसे में मक्के की फसल खराब होने से उनकों जीवन-यापन में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र तय, कोरोना संकट में होंगी 10 बैठकें

पांवटा साहिब: क्षेत्र में हो रही बारिश किसानों के लिए अब आफत बन रही है, क्योंकि बरसात के कारण गिरीपार क्षेत्र के कई गांवों में मक्की की फसल बर्बाद हो गई है. ऐसे में किसानों की मेहनत पर पानी फेर गया है और किसान चिंतित हो गए हैं, क्योंकि उन्हें इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद थी.

बता दें कि गिरीपार क्षेत्र के दुगना, कोटगा, रगुवा,पाप और बोकाला गांव में भारी बारिश होने से किसानों की मक्के की फसल मुरझा गई है, जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और उनको अपने व अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता सता रही है.

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वहीं, क्षेत्र में मक्के की फसल के साथ-साथ मार्गों पर भूस्खलन होने से लोगों की आवाजाही भी ठप पड़ी हुई है. साथ ही मौसम विभाग के अनुसार चार दिन तक बारिश का दौर जारी रहेगा. ऐसे में किसानों के सामने कई परेशानियां खड़ी हो रही हैं.

किसान अनिल तोमर ने बताया कि कोरोना की वजह से पहले ही आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. वहीं, अब मक्के की फसल मुरझाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पहले गेहूं की फसल ओलावृष्टि के कारण खत्म हो गई थी, जिससे उनको भारी नुकसान हुआ था और उसकी अभी तक भरपाई नहीं हुई है. ऐसे में मक्के की फसल खराब होने से उनकों जीवन-यापन में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

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