नाहन: कृषि विभाग द्वारा गुरुवार को विश्राम गृह परिसर संगड़ाह में आयोजित किसान दिवस कार्यशाला (workshop organised in sirmaur) में 300 के करीब लोगों को प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण (natural farming in himachal) दिया गया. दरअसल, किसान दिवस के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एसडीएम संगड़ाह डॉ. विक्रम नेगी ने की.
कृषि उपनिदेशक राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि हरित क्रांति के दौर में सरकारी प्रोत्साहन व उत्पादन बढ़ाने के प्रयास में किसानों द्वारा पैदावार बढ़ाने के लिए अत्याधिक रासायनिक खादों व दवाइयों का इस्तेमाल किया गया, जिसके साइड इफेक्ट्स आज सामने आ रहे हैं. रसायनों के इस्तेमाल से न केवल जमीन की उर्वरता कम हुई, बल्कि हमारी आहार श्रृंखला में भी केमिकल शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि रसायन युक्त भोजन अथवा अन्न ग्रहण करने से लोग पहले से ज्यादा बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने किसानों को जैविक खेती के विभिन्न लाभ संबंधी जानकारी दी. वहीं, सीट्रेन संस्थान के पदाधिकारी हेमंत सत्यपति द्वारा जैविक खेती की मार्केटिंग के लिए किसानों के एफपीओ ग्रुप की भूमिका व जैविक उत्पादों की सामान्य उत्पादन से ज्यादा कीमत मिलने संबंधी जानकारी दी
किसान दिवस पर आयोजित कार्यशाला में कृषि उपनिदेशक सिरमौर डॉ. राजेंद्र ठाकुर, आत्मा परियोजना के निदेशक डॉ. साहिब सिंह, कृषि विषयवाद विशेषज्ञ संगड़ाह, उद्यान विभाग के एसएमएस राजगढ़ व सीट्रेन संस्थान के पदाधिकारी हेमंत सत्यपति ने प्राकृतिक खेती व अन्य कृषि संबंधी विषयों पर जानकारी दी गई. इस मौके पर एफपीओ संगड़ाह के पदाधिकारी दीप राम, पीसी शर्मा व मधुबाला शर्मा सहित क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों सहित 300 के करीब किसान मौजूद रहे.