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Paonta Sahib: पैसे के लालच में लोगों की जान खतरे में डाल रहे झूला संचालक, प्रशासन भी कर रहा नजरअंदाजी

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Published : Mar 27, 2022, 8:59 PM IST

पांवटा पुलिस थाना के ठीक (Paonta police station) सामने ही झूले पिछले 20 घंटे से अवैध तौर पर चल रहे हैं. इस दौरान यदि कोई अनहोनी या घटना पेश आती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ एक दूसरे को निर्देश-आदेश देने की ही बात करते नजर आए. जबकि उक्त सभी अधिकारियों के संज्ञान में है कि मेले में अवैध तौर पर झूले चले हुए हैं.

Paonta Sahib
पांवटा साहिब

पांवटा साहिब: पांवटा पुलिस थाना (Paonta police station) के ठीक सामने ही झूले पिछले 20 घंटे से अवैध तौर पर चल रहे हैं. इस दौरान यदि कोई अनहोनी या घटना पेश आती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? जब इस बारे में एसडीएम पांवटा विवेक महाजन से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने बीते कल ही आधिकारिक तौर पर झूले और दुकानें बंद करने के आदेश तहसीलदार को जारी किए हैं.

वहीं, जब इस बात को लेकर तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बिजली विभाग को कनेक्शन काटने और पुलिस विभाग डीएसपी वीर बहादुर को निर्देश दिए हैं कि झूले बंद करवाए जाएं. जब यही बात डीएसपी वीर बहादुर से पूछी गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने एसएचओ पांवटा थाना अशोक चौहान को आदेश किए हैं. लेकिन जब पत्रकारों ने एसएचओ के नंबर पर संपर्क करना चाहा, तो उनका नंबर बंद पाया गया.

हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ एक दूसरे को निर्देश-आदेश देने की ही बात करते नजर आए. जबकि उक्त सभी अधिकारियों के संज्ञान में है कि मेले में अवैध तौर पर झूले चले हुए हैं. इस बारे में नगर परिषद पांवटा के वार्ड 6 से पार्षद रविंद्र सिंह ने बताया कि मेले में झूले बिल्कुल अवैध तौर से चल रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. झूलों को लेकर कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है, जिस कारण कोई भी अनहोनी घटना पेश हो सकती हैं.

इस दौरान होने वाली किसी भी घटना का जिम्मेदार पांवटा प्रशासन होगा, क्योंकि नगर परिषद (Paonta City Council) द्वारा मेले को जारी रखने को कोई लिखित आग्रह प्रशासन को नहीं आया है. गौरतलब है कि नगर परिषद ने छोटे दुकानदारों को दो दिनों की और राहत प्रदान करते हुए बिना किराए के सामान बेचने की अनुमति दी है. इस दौरान प्लॉट और झूला ठेकेदार किसी भी तरह का कर व किराया वसूल नहीं करेगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) का 4 अप्रैल को पांवटा प्रवास प्रस्तावित है. ऐसे में किसी भी प्रकार की चूक और सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है. मेले में लगे झूलों में यदि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो उसके लिए प्रशासन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

ये भी पढ़ें: जयराम सरकार को इतिहास में मौज-मस्ती, फिजूलखर्ची और कर्ज लेने के रूप किया जाएगा याद: महेश्वर चौहान

पांवटा साहिब: पांवटा पुलिस थाना (Paonta police station) के ठीक सामने ही झूले पिछले 20 घंटे से अवैध तौर पर चल रहे हैं. इस दौरान यदि कोई अनहोनी या घटना पेश आती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? जब इस बारे में एसडीएम पांवटा विवेक महाजन से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने बीते कल ही आधिकारिक तौर पर झूले और दुकानें बंद करने के आदेश तहसीलदार को जारी किए हैं.

वहीं, जब इस बात को लेकर तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बिजली विभाग को कनेक्शन काटने और पुलिस विभाग डीएसपी वीर बहादुर को निर्देश दिए हैं कि झूले बंद करवाए जाएं. जब यही बात डीएसपी वीर बहादुर से पूछी गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने एसएचओ पांवटा थाना अशोक चौहान को आदेश किए हैं. लेकिन जब पत्रकारों ने एसएचओ के नंबर पर संपर्क करना चाहा, तो उनका नंबर बंद पाया गया.

हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ एक दूसरे को निर्देश-आदेश देने की ही बात करते नजर आए. जबकि उक्त सभी अधिकारियों के संज्ञान में है कि मेले में अवैध तौर पर झूले चले हुए हैं. इस बारे में नगर परिषद पांवटा के वार्ड 6 से पार्षद रविंद्र सिंह ने बताया कि मेले में झूले बिल्कुल अवैध तौर से चल रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. झूलों को लेकर कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है, जिस कारण कोई भी अनहोनी घटना पेश हो सकती हैं.

इस दौरान होने वाली किसी भी घटना का जिम्मेदार पांवटा प्रशासन होगा, क्योंकि नगर परिषद (Paonta City Council) द्वारा मेले को जारी रखने को कोई लिखित आग्रह प्रशासन को नहीं आया है. गौरतलब है कि नगर परिषद ने छोटे दुकानदारों को दो दिनों की और राहत प्रदान करते हुए बिना किराए के सामान बेचने की अनुमति दी है. इस दौरान प्लॉट और झूला ठेकेदार किसी भी तरह का कर व किराया वसूल नहीं करेगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) का 4 अप्रैल को पांवटा प्रवास प्रस्तावित है. ऐसे में किसी भी प्रकार की चूक और सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है. मेले में लगे झूलों में यदि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो उसके लिए प्रशासन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

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