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सिरमौर: महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी डॉ. रोहिणी, खुद का स्वरोजगार स्थापित कर 8 युवाओं को दिया रोजगार

सिरमौर जिले में डॉ. रोहिणी महिला सशक्तिकरण की दिशा में मिसाल बनकर उभर रही है. डॉ. रोहिणी ने जहां सरकार की मदद से खुद का स्वरोजगार स्थापित किया तो वहीं, 8 युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया है. डॉ. रोहिणी शर्मा को आयुर्वेद के महत्व की जानकारी थी और उच्च शिक्षा के साथ-साथ अनुभव की बदौलत उन्होंने पांवटा साहिब के समीप सुरजपुर में रोहिणी बायोकेयर रिसर्च नाम से अपनी कंपनी आरंभ की, जिसके (Rohini Biocare Research Company in Paonta Sahib) लिए 25 हजार रुपये मासिक किराये पर एक भवन 9 साल की लीज पर लिया.

Rohini Biocare Research Company in Paonta Sahib
रोहिणी बायोकेयर रिसर्च
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Published : Jun 19, 2022, 8:36 PM IST

नाहन: सिरमौर जिले में डॉ. रोहिणी महिला सशक्तिकरण की दिशा में मिसाल बनकर उभर रही है. डॉ. रोहिणी ने जहां सरकार की मदद से खुद का स्वरोजगार स्थापित किया तो वहीं, 8 युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया है. दरअसल प्रदेश के ऐसे अनेकों युवा हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर नौकरी के बजाय स्वरोजगार को तरजीह दी और अपना कारोबार आरंभ कर समाज में स्वाभिमान के साथ जीवन यापन करने के अतिरिक्त अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं. इन्हीं में से एक डॉ. रोहिणी भी हैं.


मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) लाभार्थी डॉ. रोहिणी शर्मा पत्नी डॉ. विरेंद्र भारद्वाज मूलतः सिरमौर जिले के पच्छाद विकास खंड के तहत मानगढ़ गांव से ताल्लुक रखती हैं. डॉ. रोहिणी ने आयुर्वेदिक फार्मेसी में पीएचडी तक शिक्षा ग्रहण की. वर्ष 2011 से 2020 तक निजी क्षेत्र में कार्य किया और साल दर साल उनका मासिक वेतन भी बढ़ता गया. इस दौरान जनवरी 2021 में उन्हें 47 हजार रुपये अंतिम वेतन के रूप में मिल रहा था, जिससे वह संतुष्ट नहीं थी. उनके मन में दूसरे के पास नौकरी न कर अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छा थी. वह स्वयं अपना व्यवसाय कर स्वाभिमान के साथ जीवन जीना चाहती थीं. यही वजह है कि आज वह महिला सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर हैं.

रोहिणी बायोकेयर रिसर्च


डॉ. रोहिणी ने बताया कि फरवरी 2021 में जिला उद्योग केंद्र नाहन में संपर्क किया. स्वरोजगार संचालन के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर 39 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत करवाई, जिस पर उन्हें 8 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ. डॉ. रोहिणी शर्मा को आयुर्वेद के महत्व की जानकारी थी और उच्च शिक्षा के साथ-साथ अनुभव की बदौलत उन्होंने पांवटा साहिब के समीप सुरजपुर में रोहिणी बायोकेयर रिसर्च नाम से (Rohini Biocare Research Company in Paonta Sahib) अपनी कंपनी आरंभ की, जिसके लिए 25 हजार रुपये मासिक किराये पर एक भवन 9 साल की लीज पर लिया.


डॉ. रोहिणी बताती हैं कि उनके द्वारा निर्मित सारे उत्पाद पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक हैं, जिनमें मुख्यतः लीवर, पत्थरी, कफ सिरप, जोड़ों की दवा, प्लैटलेटस सुधार दवा, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के अतिरिक्त कैप्सूलए पाउडर व त्वचा देखभाल सबंधी उत्पाद निर्मित किए जा रहे हैं. उन्होंने 8 बेरोजगारों को रोजगार दिया है. जिसमें 5 महिलाएं व 3 पुरुष कर्मी शामिल हैं. डॉ. रोहिणी बताती हैं कि उनके उत्पाद ऑनलाइन के साथ-साथ हिमाचल, केरल, सिक्किम व उत्तर भारत में भी विक्रय हो रहे हैं, जिससे उन्हें 1 लाख 25 हजार रुपए की मासिक आमदनी हो रही है. डॉ. रोहिणी अपने कारोबार से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं, जिसके लिए वह प्रदेश सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करती हैं. डॉ. रोहिणी ने अन्य युवाओं से भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) का लाभ उठाकर खुद का स्वरोजगार स्थापित करने की अपील की है.

ये भी पढ़ें: एचपीयू के प्रोफेसर हिम चटर्जी ने बनाई है प्रगति मैदान टनल की दीवारों पर मुरल पेंटिग, PM मोदी ने भी की प्रशंसा

नाहन: सिरमौर जिले में डॉ. रोहिणी महिला सशक्तिकरण की दिशा में मिसाल बनकर उभर रही है. डॉ. रोहिणी ने जहां सरकार की मदद से खुद का स्वरोजगार स्थापित किया तो वहीं, 8 युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया है. दरअसल प्रदेश के ऐसे अनेकों युवा हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर नौकरी के बजाय स्वरोजगार को तरजीह दी और अपना कारोबार आरंभ कर समाज में स्वाभिमान के साथ जीवन यापन करने के अतिरिक्त अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं. इन्हीं में से एक डॉ. रोहिणी भी हैं.


मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) लाभार्थी डॉ. रोहिणी शर्मा पत्नी डॉ. विरेंद्र भारद्वाज मूलतः सिरमौर जिले के पच्छाद विकास खंड के तहत मानगढ़ गांव से ताल्लुक रखती हैं. डॉ. रोहिणी ने आयुर्वेदिक फार्मेसी में पीएचडी तक शिक्षा ग्रहण की. वर्ष 2011 से 2020 तक निजी क्षेत्र में कार्य किया और साल दर साल उनका मासिक वेतन भी बढ़ता गया. इस दौरान जनवरी 2021 में उन्हें 47 हजार रुपये अंतिम वेतन के रूप में मिल रहा था, जिससे वह संतुष्ट नहीं थी. उनके मन में दूसरे के पास नौकरी न कर अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छा थी. वह स्वयं अपना व्यवसाय कर स्वाभिमान के साथ जीवन जीना चाहती थीं. यही वजह है कि आज वह महिला सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर हैं.

रोहिणी बायोकेयर रिसर्च


डॉ. रोहिणी ने बताया कि फरवरी 2021 में जिला उद्योग केंद्र नाहन में संपर्क किया. स्वरोजगार संचालन के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर 39 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत करवाई, जिस पर उन्हें 8 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ. डॉ. रोहिणी शर्मा को आयुर्वेद के महत्व की जानकारी थी और उच्च शिक्षा के साथ-साथ अनुभव की बदौलत उन्होंने पांवटा साहिब के समीप सुरजपुर में रोहिणी बायोकेयर रिसर्च नाम से (Rohini Biocare Research Company in Paonta Sahib) अपनी कंपनी आरंभ की, जिसके लिए 25 हजार रुपये मासिक किराये पर एक भवन 9 साल की लीज पर लिया.


डॉ. रोहिणी बताती हैं कि उनके द्वारा निर्मित सारे उत्पाद पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक हैं, जिनमें मुख्यतः लीवर, पत्थरी, कफ सिरप, जोड़ों की दवा, प्लैटलेटस सुधार दवा, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के अतिरिक्त कैप्सूलए पाउडर व त्वचा देखभाल सबंधी उत्पाद निर्मित किए जा रहे हैं. उन्होंने 8 बेरोजगारों को रोजगार दिया है. जिसमें 5 महिलाएं व 3 पुरुष कर्मी शामिल हैं. डॉ. रोहिणी बताती हैं कि उनके उत्पाद ऑनलाइन के साथ-साथ हिमाचल, केरल, सिक्किम व उत्तर भारत में भी विक्रय हो रहे हैं, जिससे उन्हें 1 लाख 25 हजार रुपए की मासिक आमदनी हो रही है. डॉ. रोहिणी अपने कारोबार से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं, जिसके लिए वह प्रदेश सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करती हैं. डॉ. रोहिणी ने अन्य युवाओं से भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) का लाभ उठाकर खुद का स्वरोजगार स्थापित करने की अपील की है.

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