पांवटा साहिब: हाटी समुदाय (Hati community in Sirmaur) को जनजातीय दर्जा देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. वहीं, केंद्रीय हाटी समुदाय के अध्यक्ष ने साफ तौर पर कह दिया कि अब लोगों का सब्र का बांध टूट गया है और आने वाले समय में नेताओं पर ये भारी पड़ेगा.
रविवार को गुरु की नगरी पांवटा साहिब के लोक निर्माण विश्राम गृह में हाटी समिति की बैठक हुई. जिसमें केंद्रीय हाटी समुदाय के अध्यक्ष डॉ. अमिचंद कमल ने बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है, लेकिन सरकार को हाटी समुदाय की याद सिर्फ चुनावों के समय आती है.
उन्होंने कहा कि ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि लोकसभा (Hati community meeting in Paonta Sahib) के चुनाव हों या विधानसभा के. ये हाटी समुदाय का मुद्दा हर पार्टी का ऐजेंडा रहा है, लेकिन आज तक इसे कोई भी पार्टी हल नहीं कर पाई है. डॉ. अमिचंद कमल ने कहा कि 2022 में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए नेताओं ने इस मुद्दे को फिर हवा दे दी है.
डॉ. अमिचंद कमल ने कहा कि हाटी समुदाय के लोग इस (Hati community demand) बार किसी भी झांसे में आने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों में बीजेपी की सरकार है और उनसे ज्यादा उम्मीद है. अगर हाटी समुदाय के लोगों को उनका हक नहीं मिलता है तो आने वाले चुनावों में सरकार इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें.
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