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8 साल की बेटी ने प्रधानमंत्री की सात बातों का कर रही पालन, लोगों को भी कर रही जागरूक

पांवटा साहिब के अजोली गांव की प्राइमरी स्कूल में पढ़ रही छात्रा दिव्यांशी प्रधानमंत्री के सात बातों का पालन कर रही है. वहीं, दिव्यांशी अपने अपने परिवार वालों व पड़ोस के लोगों को मास्क पहनने और सेनिटाइजर का उपयोग करने के बारे में जागरूक कर रही है.

Divyanshi Chowdhary, दिव्यांशी चौधरी
दिव्यांशी चौधरी
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Published : Jun 5, 2020, 2:41 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 9:04 PM IST

पांवटा साहिब: देश में वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमितों की संख्या सवा दो लाख के पार हो चुकी है. इस महामारी से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं. कर्मचारी से अधिकारी और नेता-अभिनेता से आम जन तक कोरोना से लड़ाई में सभी लोग किसी न किसी रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

ऐसा ही कुछ कर रही है पांवटा साहिब की 8 साल की दिव्यांशी. दिव्यांशी सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो जारी कर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही हैं. दिव्यांशी लोगों को खुद को बनाए वीडियो के जरिए सोशल डिस्टेंस के असली मायने बता रही हैं. साथ ही साथ लोगों को प्रधानमंत्री की अपील की पालना करने को कह रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट

दिव्यांशी पांवटा साहिब के अजोली गांव की रहने वाली है और अपने ही गांव के सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकारी गाइडलाइन के निर्देशों को पालन कर खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने का काम कर रही है. यही नहीं दिव्यांशी अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी मास्क पहनने और सेनिटाइजर का प्रयोग करने के लिए जागरूक कर रही है.

8 साल की दिव्यांशी चौधरी बताती हैं, 'जैसे होती हैं हफ्ते में 7 रातें और 7 दिन, याद हैं न वो जिंदगी की 7 बातें'. घर के बुजुर्गों का खास ध्यान रखें, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पालन करें, इम्‍यूनिटी बढ़ाएं, आरोग्य सेतु मोबाइल एप डाउनलोड करें, गरीब परिवारों की मदद करें, लोगों को नौकरी से न निकालें और कोरोना योद्धाओं का सम्‍मान करें.

सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वह लोगों को जागरूक करते हुए कहती हैं, जंगल में अगर आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाता है. कुछ दूरी रखकर पौधे लगाए जाते हैं, ताकि आग आगे ना बढ़ सके. ठीक ऐसे ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर कोरोना वायरस को आगे बढ़ने से रोकना चाहिए.

दिव्यांशी पढ़ने में भी काफी होशियार हैं. बचपन से ही पढ़ने और कुछ करने का जुनून देखकर माता-पिता बेटी को हर तरह की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं. दिव्यांशी के पिता सुनील चौधरी कहते हैं कि वे अपनी बेटी पर गर्व महसूस करते हैं कि इतनी छोटी उम्र में कोरोना जैसे गंभीर विषयों पर वह लोगों को जागरूक कर रही है. भविष्य में वह उसके सपनों को पूरा करने में पूरा सहयोग करेंगे.

ये भी पढ़ें: शैक्षणिक संस्थान खोलेने के लिए शिक्षा विभाग का प्लान तैयार, सरकार के आदेश का इंतजार

पांवटा साहिब: देश में वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमितों की संख्या सवा दो लाख के पार हो चुकी है. इस महामारी से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं. कर्मचारी से अधिकारी और नेता-अभिनेता से आम जन तक कोरोना से लड़ाई में सभी लोग किसी न किसी रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

ऐसा ही कुछ कर रही है पांवटा साहिब की 8 साल की दिव्यांशी. दिव्यांशी सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो जारी कर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही हैं. दिव्यांशी लोगों को खुद को बनाए वीडियो के जरिए सोशल डिस्टेंस के असली मायने बता रही हैं. साथ ही साथ लोगों को प्रधानमंत्री की अपील की पालना करने को कह रही हैं.

वीडियो रिपोर्ट

दिव्यांशी पांवटा साहिब के अजोली गांव की रहने वाली है और अपने ही गांव के सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकारी गाइडलाइन के निर्देशों को पालन कर खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने का काम कर रही है. यही नहीं दिव्यांशी अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी मास्क पहनने और सेनिटाइजर का प्रयोग करने के लिए जागरूक कर रही है.

8 साल की दिव्यांशी चौधरी बताती हैं, 'जैसे होती हैं हफ्ते में 7 रातें और 7 दिन, याद हैं न वो जिंदगी की 7 बातें'. घर के बुजुर्गों का खास ध्यान रखें, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पालन करें, इम्‍यूनिटी बढ़ाएं, आरोग्य सेतु मोबाइल एप डाउनलोड करें, गरीब परिवारों की मदद करें, लोगों को नौकरी से न निकालें और कोरोना योद्धाओं का सम्‍मान करें.

सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वह लोगों को जागरूक करते हुए कहती हैं, जंगल में अगर आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाता है. कुछ दूरी रखकर पौधे लगाए जाते हैं, ताकि आग आगे ना बढ़ सके. ठीक ऐसे ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर कोरोना वायरस को आगे बढ़ने से रोकना चाहिए.

दिव्यांशी पढ़ने में भी काफी होशियार हैं. बचपन से ही पढ़ने और कुछ करने का जुनून देखकर माता-पिता बेटी को हर तरह की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं. दिव्यांशी के पिता सुनील चौधरी कहते हैं कि वे अपनी बेटी पर गर्व महसूस करते हैं कि इतनी छोटी उम्र में कोरोना जैसे गंभीर विषयों पर वह लोगों को जागरूक कर रही है. भविष्य में वह उसके सपनों को पूरा करने में पूरा सहयोग करेंगे.

ये भी पढ़ें: शैक्षणिक संस्थान खोलेने के लिए शिक्षा विभाग का प्लान तैयार, सरकार के आदेश का इंतजार

Last Updated : Jun 5, 2020, 9:04 PM IST
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