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कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना नदी में प्रवाहित किए दीप, कोरोना नियमों का किया गया पालन

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यमुना नदी के किनारे दीपदान कार्यक्रम आयोजित हुआ. यहां स्थानीय लोगों ने यमुना नदी में करीब एक हजार दीप प्रज्वलित कर प्रवाहित किए. इस अवसर पर लोगों ने यमुना किनारे विधिवत पूजा-पाठ और यमुना नदी की आरती भी की.

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Published : Nov 30, 2020, 9:57 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 10:04 PM IST

dev deepawali celebrated in yamuna
dev deepawali celebrated in yamuna

पांवटा साहिबः कार्तिक पूर्णिमा इस बार सोमवार को मनाई गई. उपमंडल पांवटा साहिब में यमुना नदी के किनारे देव दीपावली के अवसर पर दीपदान कार्यक्रम आयोजित हुआ. यहां स्थानीय लोगों ने यमुना नदी में करीब एक हजार दीप प्रज्वलित कर प्रवाहित किए. इस अवसर पर लोगों ने यमुना किनारे विधिवत पूजा-पाठ और यमुना नदी की आरती भी की.

वहीं, कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार की ओर से जारी सभी दिशा-निर्देशों का भी पालन भी किया गया. देव दीपावली के लिए यमुना घाट को विशेष रूप से सजाया गया था.

वीडियो रिपोर्ट.

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का महत्व

बता दें कि पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का महत्व है. इस दिन नदी या जलकुंड में स्नान करना बहुत फलदाई है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते नदियों में स्न्नान करना संभव नहीं रहा तो घर पर सूर्योदय से पूर्व नहाने के जल में गंगा जल डालकर स्न्नान किया गया. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर इन कामों को करने से जीवन में सुख-सौभाग्य की बरसात होती है.

ये भी पढ़ें- शीतकालीन सत्र को लेकर कैबिनेट मीटिंग में हो सकता है फैसला, कोरोना संक्रमण रोकने पर भी फैसला संभव

ये भी पढ़ें- कुल्लू: ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में नीली भेड़ की मौजूदगी के साक्ष्य मिले

पांवटा साहिबः कार्तिक पूर्णिमा इस बार सोमवार को मनाई गई. उपमंडल पांवटा साहिब में यमुना नदी के किनारे देव दीपावली के अवसर पर दीपदान कार्यक्रम आयोजित हुआ. यहां स्थानीय लोगों ने यमुना नदी में करीब एक हजार दीप प्रज्वलित कर प्रवाहित किए. इस अवसर पर लोगों ने यमुना किनारे विधिवत पूजा-पाठ और यमुना नदी की आरती भी की.

वहीं, कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार की ओर से जारी सभी दिशा-निर्देशों का भी पालन भी किया गया. देव दीपावली के लिए यमुना घाट को विशेष रूप से सजाया गया था.

वीडियो रिपोर्ट.

कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का महत्व

बता दें कि पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का महत्व है. इस दिन नदी या जलकुंड में स्नान करना बहुत फलदाई है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के चलते नदियों में स्न्नान करना संभव नहीं रहा तो घर पर सूर्योदय से पूर्व नहाने के जल में गंगा जल डालकर स्न्नान किया गया. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर इन कामों को करने से जीवन में सुख-सौभाग्य की बरसात होती है.

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Last Updated : Nov 30, 2020, 10:04 PM IST
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