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मंदिर समितियों को दी जाएगी अनुदान राशि, सिरमौर में भाषा विभाग ने मांगे आवेदन

सिरमौर जिला की सांस्कृतिक विरासतों के संवर्धन व संरक्षण के लिए आवर्ती निधि योजना के तहत अनुदान राशि दी जाएगी. भाषा एवं संस्कृति विभाग ने मंदिर समितियों से अनुदान राशी के लिए आवेदन मांगे हैं.

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Published : Jul 12, 2020, 10:42 AM IST

temples of Sirmaur
सिरमौर में मंदिर

नाहन: हिमाचल प्रदेश सरकार भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से सिरमौर जिला की सांस्कृतिक विरासतों के संवर्धन व संरक्षण के लिए आवर्ती निधि योजना के तहत अनुदान राशि देगी. इसी के तहत जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग ने इच्छुक मंदिर समितियों से अनुदान राशि के लिए आवेदन मांगे हैं.

सिरमौर जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने बताया कि सरकार ने सांस्कृतिक विरासतों के संवर्धन के साथ ही आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत अनुदान राशि दी जानी है. उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत वह मंदिर शामिल होंगे, जिनकी भूमि विभिन्न भू-सुधार अधिनियमों के तहत मुजारों, सरकार में निहित हुई है और जिस कारण मंदिरों का रखरखाव व पूजा-अर्चना का कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

जिला भाषा अधिकारी ने बताया कि आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत अनुदान राशि के माध्यम से मंदिरों में पूजा अर्चना व रखरखाव के अलावा सीसीटीवी कैमरे इत्यादि लगवाए जा सकते हैंं. इसके अलावा एकमुश्त अनुदान लेकर मंदिर परिसर में आय का साधन बढ़ाने के लिए सराय, दुकान या अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण करवा सकते हैं.

अनिल हारटा ने बताया कि ऐसे पात्र मंदिर समितियां कारदारों के माध्यम से आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते है. जिला भाषा अधिकारी ने ऐसी मंदिर समितियां कारदारों के माध्यम से आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में 4 नेशनल हाइवे की निगरानी करेगा NH अथाॅरिटी, फील्ड स्टाफ की छुट्टियां भी रद्द

नाहन: हिमाचल प्रदेश सरकार भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से सिरमौर जिला की सांस्कृतिक विरासतों के संवर्धन व संरक्षण के लिए आवर्ती निधि योजना के तहत अनुदान राशि देगी. इसी के तहत जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग ने इच्छुक मंदिर समितियों से अनुदान राशि के लिए आवेदन मांगे हैं.

सिरमौर जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने बताया कि सरकार ने सांस्कृतिक विरासतों के संवर्धन के साथ ही आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत अनुदान राशि दी जानी है. उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत वह मंदिर शामिल होंगे, जिनकी भूमि विभिन्न भू-सुधार अधिनियमों के तहत मुजारों, सरकार में निहित हुई है और जिस कारण मंदिरों का रखरखाव व पूजा-अर्चना का कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

जिला भाषा अधिकारी ने बताया कि आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत अनुदान राशि के माध्यम से मंदिरों में पूजा अर्चना व रखरखाव के अलावा सीसीटीवी कैमरे इत्यादि लगवाए जा सकते हैंं. इसके अलावा एकमुश्त अनुदान लेकर मंदिर परिसर में आय का साधन बढ़ाने के लिए सराय, दुकान या अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण करवा सकते हैं.

अनिल हारटा ने बताया कि ऐसे पात्र मंदिर समितियां कारदारों के माध्यम से आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते है. जिला भाषा अधिकारी ने ऐसी मंदिर समितियां कारदारों के माध्यम से आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया है.

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