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राजस्थान में दलित छात्र की मौत के खिलाफ हिमाचल में प्रदर्शन, शिमला समेत नाहन और धर्मशाला में हुआ विरोध

Dalit student death in Rajasthan, राजस्थान में दलित छात्र द्वारा अध्यापक की मटकी से पानी पीने पर छात्र की निर्मम हत्या करने के विरोध में मंगलवार को हिमाचल में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हुए. शिमला समेत नाहन और धर्मशाला में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया. आरोप लगाए कि केन्द्र की मोदी सरकार एक तरफ आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रही है तो वहीं, दूसरी तरफ पानी पीने पर दलित बच्चों की हत्या की जा रही है. देश में छुआ-छूत, समाजिक भेद भाव, दलितों की हत्याओं व उन पर अत्याचारों की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है.

Dalit student death in Rajasthan
दलित छात्र की मौत के खिलाफ हिमाचल में प्रदर्शन
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Published : Aug 16, 2022, 6:35 PM IST

नाहन: राजस्थान के जालोर जिले में दलित बच्चे की मौत के मामले में (Dalit student death in Rajasthan) नाहन में दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया. दरअसल नाहन के मुख्य बस अड्डा परिसर में दलित शोषण मुक्ति मंच की अगुवाई में आयोजित प्रदर्शन में करीब आधा दर्जन संगठनों के लोगों ने हिस्सा लेकर राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही बच्चे की मौत मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है.

मीडिया से बात करते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर के संयोजक आशीष कुमार ने बताया कि राजस्थान में तीसरी कक्षा के दलित छात्र द्वारा स्कूल में अध्यापक का पानी पीने पर उसकी पिटाई की गई और कुछ ही दिनों बाद छात्र की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में दोषी अध्यापक को फांसी देने की मांग दलित शोषण मुक्ति मंच द्वारा की जा रही है.

Dalit student death in Rajasthan
नाहन में प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को सिर्फ 5 लाख रुपए देने की बात कही जा रही है. जबकि दलित शोषण मुक्ति मंच सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग करता है. दलित शोषण मुक्ति मंच ने यह भी कहा कि दलितों पर अत्याचार के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. इस पर सरकार को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है.

शिमला में भी हुआ प्रदर्शन: दलित शोषण मुक्ति मंच और एसएफआई ने संयुक्त रूप (Demonstration in Shimla against Dalit student death) से शिमला उपायुक्त कार्यलय के बाहर राजस्थान में दलित छात्र द्वारा अध्यापक की मटकी से पानी पीने पर छात्र की निर्मम हत्या करने के विरोध में प्रदर्शन किया. दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक जगत राम ने बताया कि 20 जुलाई 2022 को राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल में तीसरी कक्षा के दलित छात्र इंद्र कुमार ने स्कूल के मुख्य अध्यापक की मटकी से पानी पिया तो मुख्य अध्यापक छेल सिंह ने छात्र की इतनी बेरहमी से पिटाई कर दी कि उसकी दिमाग की नस फट गई.

पिटाई के 23 दिन बाद 13 अगस्त को छात्र की मौत हो गई. इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया है. केन्द्र की मोदी सरकार एक तरफ आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रही है तो वहीं, दूसरी तरफ पानी पीने पर दलित बच्चों की हत्या की जा रही है. देश में छुआ-छूत, समाजिक भेद भाव, दलितों की हत्याओं व उन पर अत्याचारों की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. एक सर्वे के मुताबिक तमिलनाडू में दलित प्रधान पंचायत में कुर्सी पर नहीं बैठ सकता. दलित प्रधान राष्ट्रीय झंडा नहीं फहरा सकता. आजादी के 75 साल पूरे होने के बावजूद भी जातिवाद, छुआ-छूत की सड़ी गली व्यवस्था देश में अपनी जड़ें तेजी से फैला रही है.

Dalit student death in Rajasthan
दलित शोषण मुक्ति मंच और एसएफआई का प्रदर्शन

केंद्र व राज्य की सत्तासीन सरकारें इस व्यवस्था को रोकने के बजाए इसे फलने फूलने की जमीन तैयार करती आ रही है. मौजूदा भाजपा सरकार के चलते दलितों के अधिकारों को छीना जा रहा है. प्रदेश में मल्टी टास्क वर्करज की भर्ती में आरक्षण लागू नहीं किया गया है. देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं लेकिन दलितों को छुआ- छूत और सामाजिक भेद भाव से आजादी नहीं मिल पाई है. दलित शोषण मुक्ति मंच और SFI ने मांग की है कि राजस्थान में दलित छात्र की हत्या के आरोपी को सख्त सजा दी जाए . मृतक छात्र के परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया जाए.

धर्मशाला में भी विरोध प्रदर्शन: प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में (Demonstration in dharamshala against Dalit student death) मंगलवार को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई. मामला राजस्थान के एक निजी स्कूल में शिक्षारत अनुसूचित जाति के बच्चे की पिटाई के बाद मौत से जुड़ा था. जिसके विरोध में वाल्मीकि सभा, रविदास सभा, कबीर पंथी सभा, बटवाल सभा, अन्य पिछड़ा वर्ग, वामसेफ हिमाचल प्रदेश, भीम आर्मी हिमाचल प्रदेश के पदाधिकारियों व सदस्यों ने डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. दिलजीत ने कहा कि इस तरह के कृत्य समाज में ठीक नहीं है, यदि इस मामले में दोषी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो समुदाय के लोग राजस्थान का रुख करेंगे और प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. विभिन्न सभाओं के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: शिमला में अलका लांबा बोली, जनता पर फेंके गए डबल इंजन के बम को कांग्रेस करेगी डिफ्यूज

नाहन: राजस्थान के जालोर जिले में दलित बच्चे की मौत के मामले में (Dalit student death in Rajasthan) नाहन में दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया. दरअसल नाहन के मुख्य बस अड्डा परिसर में दलित शोषण मुक्ति मंच की अगुवाई में आयोजित प्रदर्शन में करीब आधा दर्जन संगठनों के लोगों ने हिस्सा लेकर राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही बच्चे की मौत मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है.

मीडिया से बात करते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर के संयोजक आशीष कुमार ने बताया कि राजस्थान में तीसरी कक्षा के दलित छात्र द्वारा स्कूल में अध्यापक का पानी पीने पर उसकी पिटाई की गई और कुछ ही दिनों बाद छात्र की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में दोषी अध्यापक को फांसी देने की मांग दलित शोषण मुक्ति मंच द्वारा की जा रही है.

Dalit student death in Rajasthan
नाहन में प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को सिर्फ 5 लाख रुपए देने की बात कही जा रही है. जबकि दलित शोषण मुक्ति मंच सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग करता है. दलित शोषण मुक्ति मंच ने यह भी कहा कि दलितों पर अत्याचार के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. इस पर सरकार को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है.

शिमला में भी हुआ प्रदर्शन: दलित शोषण मुक्ति मंच और एसएफआई ने संयुक्त रूप (Demonstration in Shimla against Dalit student death) से शिमला उपायुक्त कार्यलय के बाहर राजस्थान में दलित छात्र द्वारा अध्यापक की मटकी से पानी पीने पर छात्र की निर्मम हत्या करने के विरोध में प्रदर्शन किया. दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक जगत राम ने बताया कि 20 जुलाई 2022 को राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल में तीसरी कक्षा के दलित छात्र इंद्र कुमार ने स्कूल के मुख्य अध्यापक की मटकी से पानी पिया तो मुख्य अध्यापक छेल सिंह ने छात्र की इतनी बेरहमी से पिटाई कर दी कि उसकी दिमाग की नस फट गई.

पिटाई के 23 दिन बाद 13 अगस्त को छात्र की मौत हो गई. इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया है. केन्द्र की मोदी सरकार एक तरफ आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रही है तो वहीं, दूसरी तरफ पानी पीने पर दलित बच्चों की हत्या की जा रही है. देश में छुआ-छूत, समाजिक भेद भाव, दलितों की हत्याओं व उन पर अत्याचारों की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. एक सर्वे के मुताबिक तमिलनाडू में दलित प्रधान पंचायत में कुर्सी पर नहीं बैठ सकता. दलित प्रधान राष्ट्रीय झंडा नहीं फहरा सकता. आजादी के 75 साल पूरे होने के बावजूद भी जातिवाद, छुआ-छूत की सड़ी गली व्यवस्था देश में अपनी जड़ें तेजी से फैला रही है.

Dalit student death in Rajasthan
दलित शोषण मुक्ति मंच और एसएफआई का प्रदर्शन

केंद्र व राज्य की सत्तासीन सरकारें इस व्यवस्था को रोकने के बजाए इसे फलने फूलने की जमीन तैयार करती आ रही है. मौजूदा भाजपा सरकार के चलते दलितों के अधिकारों को छीना जा रहा है. प्रदेश में मल्टी टास्क वर्करज की भर्ती में आरक्षण लागू नहीं किया गया है. देश को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं लेकिन दलितों को छुआ- छूत और सामाजिक भेद भाव से आजादी नहीं मिल पाई है. दलित शोषण मुक्ति मंच और SFI ने मांग की है कि राजस्थान में दलित छात्र की हत्या के आरोपी को सख्त सजा दी जाए . मृतक छात्र के परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया जाए.

धर्मशाला में भी विरोध प्रदर्शन: प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में (Demonstration in dharamshala against Dalit student death) मंगलवार को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई. मामला राजस्थान के एक निजी स्कूल में शिक्षारत अनुसूचित जाति के बच्चे की पिटाई के बाद मौत से जुड़ा था. जिसके विरोध में वाल्मीकि सभा, रविदास सभा, कबीर पंथी सभा, बटवाल सभा, अन्य पिछड़ा वर्ग, वामसेफ हिमाचल प्रदेश, भीम आर्मी हिमाचल प्रदेश के पदाधिकारियों व सदस्यों ने डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा. दिलजीत ने कहा कि इस तरह के कृत्य समाज में ठीक नहीं है, यदि इस मामले में दोषी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो समुदाय के लोग राजस्थान का रुख करेंगे और प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे. विभिन्न सभाओं के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

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