नाहन: देश सहित हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के काफी संख्या मे मामले बढ़ रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की जांच का दायरा बढ़ रहा है. साथ ही संक्रमण से बचाव को लेकर भी लगातार जंग लड़ी जा रही है.
सिरमौर जिला भी कोरोना संक्रमण से काफी प्रभावित हो रहा है. इसी को देखते हुए अब जिला में जल्द ही नई तकनीक के साथ कोरोना की टेस्टिंग की जाएगी. दरअसल जिला में अब तक कोरोना जांच को लेकर आरटी-पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं, जिसकी रिपोर्ट के लिए करीब 12 घंटे का इंतजार करना पड़ता है.
वहीं, ठीक इसके विपरीत जल्द ही जिला में रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरू होने जा रही है. टेस्टिंग की यह नई तकनीक बहुत खास है. इस तकनीक से 15 से 20 मिनट में यह पता चल जाएगा कि व्यक्ति पॉजिटिव है या नहीं. कुछ दिनों में ही यह सुविधा जिला में शुरू होने की उम्मीद है.
सिरमौर जिला के सीएमओ डॉ. केके पराशर ने बताया कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा जल्द ही जिला में शुरू होने जा रही है, जिसके बाद कोरोना से संबंधित रिपोर्ट 15 से 20 मिनट में आ जाएंगी. उन्होंने बताया कि जैसे ही यह सुविधा शुरू होगी, तो जल्द ही कोरोना से संबंधित रिजल्ट मिल सकेगा.
डॉ. केके पराशर ने बताया कि अब तक जिला में आरटी-पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं, जिसमें रिपोर्ट आने में पूरा दिन लग जाता है, लेकिन रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट जल्द ही मिल सकेगी. ऐसे में जैसे ही व्यक्ति की 15 से 20 मिनट में रिपोर्ट आती है तो पॉजिटिव आने की सूरत में तुरंत ही व्यक्ति को आइसोलेट किया जा सकेगा.
क्या है ये तकनीक ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो रैपिड एंटीजन टेस्ट तकनीक में व्यक्ति की नाक की दोनों तरफ से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है, जिसके बाद इसकी जांच होती है. अगर टेस्टिंग स्ट्रिप पर एक लाइन आती है, तो इसका मतलब निगेटिव होता है. मगर उसको पुख्ता तौर पर निगेटिव नहीं माना जा सकता और कंफर्म करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी होता है.
अगर दो लाल लकीर दिखाई देती हैं, तो इसका मतलब व्यक्ति पॉजिटिव है, जिसको पुख्ता तौर पर पॉजिटिव मान लिया जाएगा. मगर यदि कोई लकीर नहीं दिखती तो इसका मतलब टेस्ट बेनतीजा है. कुल मिलाकर रैपिड एंटीजन टेस्ट तकनीक से जिला में बढ़ते कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद मिल सकेगी.
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