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कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में वर्कशाप का आयोजन, 42 लाख की परियोजनाओं के लिए MOU साइन - krishi vigyan kendr sundernagar

कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित परियोजनाओं के शुभारम्भ के मौके पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई.

krishi vigyan kendr sundernagar workshop news
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Published : Dec 18, 2019, 10:43 PM IST

मंडीः जिला मंडी में बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित परियोजनाओं के शुभारम्भ के मौके पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नाबार्ड के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों सहित लगभग 30 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया.

कार्याशाला में प्रदेश नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर निलय डी. कपूर बतौर मुख्यतिथि उपस्थित हुए. इस कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और नाबार्ड के बीच तीन कृषि विज्ञान केन्द्रों मण्डी, ऊना और सिरमौर में किसानों के आय बढ़ाने के लिए संचालित की जाने वाली लगभग 42 लाख रूपयों की परियोजनाओं पर एमओयू साइन हुए.

वीडियो.

इस अवसर पर निलय डी. कपूर ने कहा कि नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाबार्ड की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कैलकुलेटिव जोखिम लेना ही सफल उद्यमी की पहचान है और वास्तव में किसान ही सबसे बड़े उद्यमी हैं जो खेती में जोखिम उठाते हैं.

निलय डी. कपूर ने कहा कि कृषि विश्विद्यालय पालमपुर व कृषि विज्ञान केन्द्र उद्यमिता विकास किसानों की आमदनी बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का मुख्य उद्वेश्य कृषि व संबन्धित विषयों में किसानों के सफल मॉडल विकसित करना है, जिससे अन्य किसान उनसे प्रेरणा लेकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकें.

ये भी पढ़ें- राज्यपाल पहुंचे डीसी ऑफिस, सरकारी योजनाओं को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक

मंडीः जिला मंडी में बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित परियोजनाओं के शुभारम्भ के मौके पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नाबार्ड के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों सहित लगभग 30 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया.

कार्याशाला में प्रदेश नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर निलय डी. कपूर बतौर मुख्यतिथि उपस्थित हुए. इस कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और नाबार्ड के बीच तीन कृषि विज्ञान केन्द्रों मण्डी, ऊना और सिरमौर में किसानों के आय बढ़ाने के लिए संचालित की जाने वाली लगभग 42 लाख रूपयों की परियोजनाओं पर एमओयू साइन हुए.

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इस अवसर पर निलय डी. कपूर ने कहा कि नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाबार्ड की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कैलकुलेटिव जोखिम लेना ही सफल उद्यमी की पहचान है और वास्तव में किसान ही सबसे बड़े उद्यमी हैं जो खेती में जोखिम उठाते हैं.

निलय डी. कपूर ने कहा कि कृषि विश्विद्यालय पालमपुर व कृषि विज्ञान केन्द्र उद्यमिता विकास किसानों की आमदनी बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का मुख्य उद्वेश्य कृषि व संबन्धित विषयों में किसानों के सफल मॉडल विकसित करना है, जिससे अन्य किसान उनसे प्रेरणा लेकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकें.

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Intro:कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में नाबार्ड़ के तहत कार्यशाला का आयोजन,

किसानों की आय बढ़ाने के लिए 42 लाख की परियोजनाओं पर एमओयू (MOU) साईनBody:एंकर : बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में नाबार्ड़ द्वारा वित्तपौषित परियोजनाओं के शुभारम्भ अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में नाबार्ड़ के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों सहित लगभग 30 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। कार्याशाला में निलय डी कपूर, चीफ जनरल मैनेजर, नाबार्ड़ हिमाचल प्रदेश बतौर मुख्यतिथि उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर व नाबार्ड़ के बीच तीन कृषि विज्ञान केन्द्रों मण्डी, ऊना व सिरमौर में किसानों के आय बढ़ाने के लिए संचालित की जाने वाली लगभग 42 लाख रूपयों की परियोजनाओं पर एमओयू(MOU) साईन किया गया। इस अवसर पर निलय डी कपूर ने कहा कि नाबार्ड़ कृषि व ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाबार्ड़ द्वारा किसानों के लिए कई प्रकार की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कैलकुलेटिव जोखिम लेना ही सफल उद्यमी की पहचान है और वास्तव में किसान ही सबसे बड़े उद्यमी हैं जो खेती में जोखिम उठाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विष्वविद्यालय पालमपुर व कृषि विज्ञान केन्द्र उद्यमिता विकास द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का मुख्य उद्वेष्य कृषि व संबन्धित विषयों में किसानों के सफल माॅडल विकसित करना है,जिससे अन्य किसान उनसे प्रेरणा लेकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकें। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि परियोजनाओं के अंतर्गत लिए गए प्रषिक्षणों को मात्र प्रषिक्षण न समझकर बल्कि उन्हें उद्यम के रूप में अपनाकर एक सफल उद्यमी बनें।
डा. वाईपी ठाकुर, निदेशक प्रसार शिक्षा, कृषि विष्वविद्यालय पालमपुर ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही गतिविधियों की विस्ततृ जानकारी दी। उन्होंने परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड़ का आभार प्रकट किया। साथ ही यह विश्वास दिलाया कि कृषि विज्ञान केन्द्र इन परियोजनाओं को बेहतर तरीके से संचालित करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन परियोजनाओं के माध्यम से कृषि व संबन्धित विषयों में उद्यमिता विकास के सफल माॅडल जैसे मशरूम उत्पादन, सब्जी व विदेषी सब्जी उत्पादन, हाइड्रोपोनिक्स, पालीहाउस, डेयरी फार्मिंग आदि विकसित करके अन्य किसानों को अपनाने में एक नई दिशा प्रदान करेंगे। कार्यशाला में डा. आरके राजू, सदस्य, बोर्ड़ आफ मैनेजमैंट, डा. बीआर प्रेमी, डीजीएम नाबार्ड़ तथा सफल उद्यमी डा. युसुफ खान ने भी अपने विचार किसानों से सांझा किए। इससे पूर्व केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक, डा. पंकज सूद ने उपस्थित मुख्यतिथि व अन्य अधिकारियों व किसानों का स्वागत किया तथा परियोजनाओं की भूमिका से अवगत करवाया। इस अवसर पर डा. सोहन प्रेमी, डीडीएम, नाबार्ड़ केन्द्र के वैज्ञानक डा. कविता शर्मा, डा. डीएस यादव, डा. शकुन्तला राही, डा. एलके शर्मा तथा कृषि अधिकारी विशेष तौर पर मौजूद रहे।Conclusion:बाइट : निलय डी कपूर, चीफ जनरल मैनेजर, नाबार्ड़ हिमाचल प्रदेश

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