मंडीः जिला मंडी में बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सुंदरनगर में नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित परियोजनाओं के शुभारम्भ के मौके पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नाबार्ड के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों, कृषि अधिकारियों सहित लगभग 30 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया.
कार्याशाला में प्रदेश नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर निलय डी. कपूर बतौर मुख्यतिथि उपस्थित हुए. इस कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और नाबार्ड के बीच तीन कृषि विज्ञान केन्द्रों मण्डी, ऊना और सिरमौर में किसानों के आय बढ़ाने के लिए संचालित की जाने वाली लगभग 42 लाख रूपयों की परियोजनाओं पर एमओयू साइन हुए.
इस अवसर पर निलय डी. कपूर ने कहा कि नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में नाबार्ड की ओर से किसानों के लिए कई प्रकार की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कैलकुलेटिव जोखिम लेना ही सफल उद्यमी की पहचान है और वास्तव में किसान ही सबसे बड़े उद्यमी हैं जो खेती में जोखिम उठाते हैं.
निलय डी. कपूर ने कहा कि कृषि विश्विद्यालय पालमपुर व कृषि विज्ञान केन्द्र उद्यमिता विकास किसानों की आमदनी बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का मुख्य उद्वेश्य कृषि व संबन्धित विषयों में किसानों के सफल मॉडल विकसित करना है, जिससे अन्य किसान उनसे प्रेरणा लेकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकें.
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