करसोगः जिला में मार्च 2021 तक लकड़ी के पोल नजर नहीं आएंगे. बिजली बोर्ड ने लकड़ी के पोल बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में एक हजार लोहे के पोल भी पहुंच चुके हैं. ऐसे में जल्द ही गले सड़े लकड़ी के पोल्स की वजह से लगने वाले बिजली कट से लोगों को अब राहत मिलने वाली है.
राज्य बिजली बोर्ड ने उपमंडल में मार्च 2021 तक लकड़ी के सभी पोल्स को बदलने का लक्ष्य दिया है. इसको देखते हुए बिजली बोर्ड के करसोग मंडल ने लकड़ी के पोल बदले जाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है.
हालांकि कोरोना की वजह से ऑफिस बंद होने के कारण बिजली बोर्ड को कुछ दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा था, जिस वजह से समय पर पोल बदलने के लिए टेंडर प्रकिया शुरू नहीं हो सकी, लेकिन अब बिजली बोर्ड करसोग मंडल में लकड़ी के पोल बदलने के लिए ठेकेदारों को कार्य बांटना शुरू कर दिया है.
अभी जैसे-जैसे और पोल आ रहे हैं, ठेकेदारों को साथ में ही काम दिया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2021 तक लकड़ी के पोल बदलने के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा. करसोग मंडल के सभी पांच उपमंडल में लकड़ी के करीब 6500 पोल बदले जाने हैं. इसकी रिपोर्ट फील्ड अधिकारियों ने पहले ही मैनेजमेंट को भेज दी थी.
जिसके बाद करसोग में लोहे के पोल पहुंचने शुरू हो गए हैं. बता दें कि लकड़ी के पोल्स की वजह से सर्दियों के मौसम में लोगों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
सर्दियों के मौसम में गले सड़े पोल बर्फ के भार से टूट जाते है. जिस कारण लोगों को कई दिनों तक अंधेरे में रहना पड़ता है. यहीं, नही तेज हवाएं चलने के कारण भी लकड़ी के पोल हवा में लटक जाते है. ऐसे में लकड़ी के पोल बदले जाने से लोगों को बिजली कट की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा.
बिजली बोर्ड करसोग मंडल के अधिशाषी अभियंता सुशील कुमार का कहना है कि करसोग मंडल के पांचों उपमंडल में लकड़ी के पोल बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
करसोग में एक हजार पोल भी पहुंच चुके हैं. जिसको बदलने के लिए ठेकेदारों को वर्क अलॉट कर दिया है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड मैनेजमेंट ने मार्च 2021 तक लकड़ी के सभी पोल बदलने का लक्ष्य दिया है.