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बारिश ना होने से धर्मपुर में गेहूं की फसल बर्बाद, किसानों ने की मुआवजे की मांग

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Published : Apr 3, 2021, 8:43 PM IST

धर्मपुर में बारिश ना होने से किसानों की गेहूं की फसल 80 प्रतिशत खराब हो गई है. जिससे किसानों ने फसल काटकर उसका प्रयोग पशुओं के चारे के रुप में करना शुरू कर दिया है. वहीं किसानों ने सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है.

wheat crop destroyed due to lack of rain
धर्मपुर में गेहूं फसल बर्बाद

धर्मपुर/मंडी: इस बार बारिश ना होने से हिमाचल के कई इलाके सूखे की मार झेल रहे हैं. किसानों की फसले सूखे की मार से बर्बाद हो चुकी है. धर्मपुर में बिना बारिश से गेहूं की फसल 80 प्रतिशत तक खराब हो गई है. किसानों ने गेहूं की कटाई करके इसे पशुओं के चारे के लिए प्रयोग में लाना शुरू कर दिया है. क्षेत्र में 90 प्रतिशत से ऊपर के किसान वर्षा पर ही निर्भर रहते हैं और अगर समय पर बारिश हो जाये तो उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल जाता है. वहीं, अगर समय पर बारिश ना होने से गेहूं की पैदावार नहीं हो पाती है.

जंगली पशुओं से भी किसान बेहाल

इसके साथ ही क्षेत्र में वर्षा के अलावा जंगली जानवरों, बंदरों व आवारा पशुओं का आंतक है. पशुओं के आतंक के चलते कई किसान खेती करना भी छोड़ चुके हैं. धर्मपुर में मक्का की बंपर फसल हुआ करती थी, लेकिन जंगली जानवरों के कारण किसानों ने मक्का बीजना बंद कर दिया है और अब मक्की का बीज तक नहीं मिलता है.

किसानों ने सरकार से मुआवजा देने उठाई मांग

किसान जीवानंद और विधि ठाकुर ने बताया कि वर्षा न होने के कारण उनकी रबी की गेहूं, लहसुन, जौ, मसर, सरसों और धनिया की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. ऐसे में उन्होंने सरकार से फसलों के नुकसान का आकलन करके उन्हें उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है.

ये भी पढ़ें: 5 अप्रैल से शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ आएंगे स्कूल, अधिसूचना जारी

धर्मपुर/मंडी: इस बार बारिश ना होने से हिमाचल के कई इलाके सूखे की मार झेल रहे हैं. किसानों की फसले सूखे की मार से बर्बाद हो चुकी है. धर्मपुर में बिना बारिश से गेहूं की फसल 80 प्रतिशत तक खराब हो गई है. किसानों ने गेहूं की कटाई करके इसे पशुओं के चारे के लिए प्रयोग में लाना शुरू कर दिया है. क्षेत्र में 90 प्रतिशत से ऊपर के किसान वर्षा पर ही निर्भर रहते हैं और अगर समय पर बारिश हो जाये तो उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल जाता है. वहीं, अगर समय पर बारिश ना होने से गेहूं की पैदावार नहीं हो पाती है.

जंगली पशुओं से भी किसान बेहाल

इसके साथ ही क्षेत्र में वर्षा के अलावा जंगली जानवरों, बंदरों व आवारा पशुओं का आंतक है. पशुओं के आतंक के चलते कई किसान खेती करना भी छोड़ चुके हैं. धर्मपुर में मक्का की बंपर फसल हुआ करती थी, लेकिन जंगली जानवरों के कारण किसानों ने मक्का बीजना बंद कर दिया है और अब मक्की का बीज तक नहीं मिलता है.

किसानों ने सरकार से मुआवजा देने उठाई मांग

किसान जीवानंद और विधि ठाकुर ने बताया कि वर्षा न होने के कारण उनकी रबी की गेहूं, लहसुन, जौ, मसर, सरसों और धनिया की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. ऐसे में उन्होंने सरकार से फसलों के नुकसान का आकलन करके उन्हें उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है.

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