सुंदरनगरः उपमंडल सुदंरनगर के जलाशय में छलांग लगाने वाले कोयला कारोबारी की तलाश के लिए प्रशासन ने बीबीएमबी नंगल से गोताखोर बुलाए थे. मंगलवार को गोताखोरों ने कारोबारी को ढूंढने के लिए झील में खूब गोते लगाए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.
प्रशासन के आग्रह पर नंगल के यह गोताखोर केवल एक दिन के लिए ही सुंदरनगर आए थे. दिन भर कारोबारी की तलाश करने के बाद गोताखोर वापस लौट गए. जानकारों के मुताबिक सर्दियों में झील में डूबने वाले व्यक्ति के शव को बाहर निकलने में कई दिन लग जाते हैं. ऐसे में शव के इतनी जल्दी झील से बाहर आने की अभी तक संभावना नहीं दिख रही है. वहीं, झील में डूबे लालचंद शर्मा के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस की छानबीन भी आगे नहीं बढ़ पाई है.
पुलिस का तर्क है कि जब तक शव बाहर नहीं आता है तब तक पूछताछ नहीं हो सकती है. शव नहीं मिलने तक डूबे व्यक्ति को मृत घोषित नहीं किया जा सकता है. पुलिस ने इस मामले में सुंदरनगर डैंटल कालेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सिंगला सहित पूर्ण चंद, देशराज, नारायण और पीके गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
मृतक लाल चंद शर्मा की बेटी जया शर्मा की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि सुंदरनगर के पुराना बाजार में रहने वाले लकड़ी और कोयले के कारोबारी लाल चंद शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में लाखों की लेनदारी के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाने की बात की थी. उन्होंने सुसाइड नोट में पांच लोगों पर आरोप लगाए हैं.
एसडीएम राहुल चौहान ने बताया कि कारोबारी के शव की तलाश के लिए बीबीएमबी नंगल से गोताखोर बुलाए गए थे, लेकिन उन्हें भी कामयाबी नहीं मिली है. अब शव के अपने आप झील से बाहर आने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
ये भी पढ़ें- सुनील हत्या कांड में पुलिस की कार्रवाई पर जगत सिंह नेगी ने खड़े किए सवाल, SIT जांच की मांग