मंडी: जिला में नशामुक्त भारत अभियान के तहत नशा निवारण गतिविधियों को और गति देने के लिए 'संयम' कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा. इसके तहत पंचायत स्तर पर नशा निवारण समितियों का गठन होगा. इन समितियों में पंचायत प्रतिनिधियों के अतिरिक्त महिला मंडल, युवक मंडल, आगंनबाड़ी-आशा वर्कर व समाज सेवियों को शामिल किया जाएगा.
नशामुक्त भारत अभियान के कार्यान्वयन की समीक्षा बैठक
अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने नशामुक्त भारत अभियान के कार्यान्वयन की समीक्षा बैठक में कहा कि संयम कार्यक्रम के तहत एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा. इसके माध्यम से जिला में नशे से पीड़ित व्यक्तियों की काउंसलिंग एवं उनके परिवारजनों की समस्याओं के समाधान व सहायता का प्रयास किया जाएगा.
पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान
जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव को एकीकृत पुनर्वास केन्द्र शुरू करने के लिए शीघ्र प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं. अतिरिक्त उपायुक्त ने नशामुक्त भारत अभियान में पंचायतों की भागीदार सुनिश्चित करने को कहा. जिला पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए कि युवाओं को नशे जैसी बुराई से दूर रखने के लिए पंचायत स्तर जागरूकता गतिविधियां आयोजित करवाएं. पंचायतों में रीडिंग रूम, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल जैसे खेल व जिम आदि सुविधाओं के प्रावधान पर जोर दें. ताकि युवा इन गतिविधियों मे शामिल हों और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने को प्रेरित हों.
महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश
अतिरिक्त उपायुक्त ने शिक्षा विभाग को बच्चों को डिजिटल माध्यमों से जोड़कर नैतिक शिक्षा पर बल देने को कहा. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, शिष्टाचार, नैतिक मूल्य व नशामुक्त आदि के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते अभिभावक व अध्यापकों की बैठकों का ऑनलाइन आयोजन करें, ताकि बच्चों को मादक द्रव्यों की लत से छुड़ाने के लिए चितंन व उनके सुझावों को जानना व कार्यान्वित किया जा सके.
उन्होंने महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकता अपने-अपने क्षेत्रों में युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और सप्ताहिक तौर पर नशा निवारण से जुड़ी कोई न कोई गतिविधि का आयोजन करना सुनिश्चित करें.
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