करसोग/मंडीः पहले ही विशेषज्ञ की कमी से जूझ रहे करसोग सिविल अस्पताल से प्रदेश सरकार ने सर्जन का तबादला कर दिया है. इतने कम समय में अच्छी सेवाएं देकर सर्जन ने लोगों के दिलों में जगह बना दी थी. ऐसे में एकदम से सर्जन की बदली किए जाने से करसोग की जनता भड़क गई है.
लोगों से सरकार से तुरन्त प्रभाव से सर्जन का तबादला आदेश रद्द किए जाने की मांग की है. मंडी जिला से जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार ने जुलाई 2020 में पहली बार करसोग सिविल अस्पताल में एक साथ 5 विभागों रेडियोलॉजिस्ट, सर्जन, गायनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी में विशेषज्ञ डॉक्टर के पद भरने के आदेश जारी किए थे.
घर-द्वार पर मिल रही थी स्वास्थ्य सुविधा
इससे करसोग की जनता को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद जगी थी. इसके लिए लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि इसमें से तीन विभागों गाइनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी विभाग में विशेषज्ञ ने तो ज्वाइन ही नहीं किया. ऐसे में केवल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार सहित सर्जन कमल दत्ता दो विशेषज्ञों ने अगस्त 2020 में अपना कार्यभार संभाला था, जबकि 3 अन्य विभागों के डॉक्टर ने आदेशों के तुरन्त बाद अपना जुगाड़ कही और फिट कर दिया है.
इसके बावजूद सरकार ने आठ महीनों में ही सर्जन कमल दत्ता का तबादला कर दिया है. सरकार के इस तुगलकी फरमान का करसोग की जनता ने विरोध कर इन आदेशों को तुरन्त प्रभाव से रद्द करने की मांग की है. इसके बाद भी अगर तबादला आदेश को वापस नहीं लिया गया, तो लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे.
अस्पताल में विशेषज्ञ की कमी
जिला मंडी के सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल में दो सर्जन तैनात थे. एक सर्जन का तबादला किया गया है. उन्होंने कहा कि जहां तक अन्य विभागों में विशेषज्ञ की कमी है. आने वाले दिनों में इन पदों को भी जल्द ही भरा जाएगा. यह मामला सरकार के विचाराधीन है.
करसोग ब्लॉक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष व खादरा पंचायत के प्रधान रमेश कुमार का कहना है कि सरकार ने सिविल अस्पताल से सर्जन का तबादला कर दिया है, जबकि करसोग में पहले ही विशेषज्ञ की कमी है. उन्होंने सरकार से तुरन्त प्रभाव से आदेश वापस लेने की मांग की है. अगर इसके बाद भी तबादला रद्द नहीं किया जाता है, तो युवा कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी.
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