सुंदरनगर: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए स्वच्छ भारत मिशन की जिला मंडी में सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. जिला में पिछले कई दशकों से शहरी व नगर पंचायत क्षेत्रों से इकट्टा होने वाला हजारों टन कूड़ा अब सरकार के लिए गले की फांस बन गया है.
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बता दें कि पिछले कई सालों से सुंदरनगर के चांदपुर में हजारों टन कूड़ा-कचरा रोजाना डंप किया जाता है, जिससे क्षेत्र के हजारों लोगों को गंदगी व जानलेवा प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. विशेष तौर पर बरसात और गर्मी के दिनों में की जनता को चांदपुर में डंप की गई गंदगी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इसके अलावा इस डंपिंग साइट के आसपास के क्षेत्र रोपा, भरजवाणु, जुगाहण की जनता को भी डंपिंग साइट की गंदगी और दुर्गंध से निजात नहीं मिल पा रही है. स्थानीय निवासी विनोद स्वरूप ने बताया कि गंदगी से निजात पाने के लिए कई बार प्रदर्शन किया गया, लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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नगर परिषद सुंदरनगर के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि एनजीटी के निर्देश व प्रदेश शहरी विकास विभाग के सहयोग से पॉलिवेस्ट मेनेजमेंट रूल 2016 के तहत शहर के हर घर से नप. के वाहनों द्वारा डोर टू डोर कूड़ा उठाया जा रहा है. इसके उन्होंने बताया कि डंपिंग साईट पर कई वर्षों से पड़े हुए कूड़े को साफ करने के लिए सरकार की सहायता ली जा रही है.
सरकार की तरफ से ट्रॉमेल, कंपैक्टर सहित इंसिनेटर मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं. अशोक शर्मा ने बताया कि न गलने व सडने वाला कूड़ा बिलासपुर जिला के बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री में नष्ट होने के लिए भेजा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि कूड़े की बीच रहना नर्क के समान है.