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सीएम साहब! 'हमने कोरोना में दी सेवाएं, लेकिन अब कंपनी ने दिखाया बाहर का रास्ता'

कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में आउटसोर्सिंग स्टाफ (outsourcing staff) के तौर पर ड्यूटी देने वाली स्टाफ नर्सों (Staff Nurses) को कंपनी बाहर का रास्ता दिखा रही है. स्टाफ नर्सों का कहना है कि कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौर में उन्होंने बखूबी अपनी सेवाएं दी हैं लेकिन उन्हें बाहर निकालकर सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है.

outsourced staff nurses
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Published : Nov 20, 2021, 5:29 PM IST

मंडी: कोरोना महामारी (corona pandemic) के मुश्किल दौर में कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में आउटसोर्सिंग स्टाफ (outsourcing staff) के तौर पर अपनी सेवाएं देने वाली स्टाफ नर्सों (Staff Nurses) को आउटसोर्स कंपनियों (Outsource companies) ने अब बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है. जिससे स्टाफ नर्सों में कंपनी के खिलाफ भारी रोष है. अपनी इसी समस्या को लेकर स्टाफ नर्सों का एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त उपायुक्त मंडी (Additional Deputy Commissioner Mandi) जतिन लाल (Jatin Lal) से मिला और उनके माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन (memorandum) भेजा.

स्टाफ नर्सों ने प्रदेश सरकार (state government) से मांग की है कि आउटसोर्स (outsource) के लिए अगर सरकार कोई पॉलिसी (policy) बनाती है तो उसमें नियुक्ति के लिए उन्हें ही पहले अधिमान (Preference) दिया जाए. इस मौके पर स्टाफ नर्स कनिका कपूर, हर्षा शर्मा और रीतु ने बताया कि 6 महीने पहले 60 स्टाफ नर्सों की ड्यूटी कोविड केयर सेंटर खलियार मंडी (covid care center khaliyar mandi) में लगाई गई थी. इस दौरान उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल मंडी जिले के अन्य अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दी, लेकिन अब उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.

वीडियो.

स्टाफ नर्सों का कहना है कि कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौर में उन्होंने अपने परिवार से अलग रह कर लगातार अपनी सेवाएं दीं, लेकिन आज सरकार उन्हें उनकी सेवाओं के बदले बाहर का रास्ता दिखा रही है. स्टाफ नर्सों का कहना है कि सरकार उन्हें बाहर निकाल कर नई पॉलिसी बनाने जा रही है. नई पॉलिसी में यदि उन्हें नजरअंदाज किया जाता है तो वह सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर देंगी. जिसकी जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश की सरकार (Government of Himachal Pradesh) होगी.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में बीते 8 महीने में बाल विवाह के 21 मामले, इन तीन उपमंडलों से ही अधिकतर केस

मंडी: कोरोना महामारी (corona pandemic) के मुश्किल दौर में कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में आउटसोर्सिंग स्टाफ (outsourcing staff) के तौर पर अपनी सेवाएं देने वाली स्टाफ नर्सों (Staff Nurses) को आउटसोर्स कंपनियों (Outsource companies) ने अब बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है. जिससे स्टाफ नर्सों में कंपनी के खिलाफ भारी रोष है. अपनी इसी समस्या को लेकर स्टाफ नर्सों का एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त उपायुक्त मंडी (Additional Deputy Commissioner Mandi) जतिन लाल (Jatin Lal) से मिला और उनके माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन (memorandum) भेजा.

स्टाफ नर्सों ने प्रदेश सरकार (state government) से मांग की है कि आउटसोर्स (outsource) के लिए अगर सरकार कोई पॉलिसी (policy) बनाती है तो उसमें नियुक्ति के लिए उन्हें ही पहले अधिमान (Preference) दिया जाए. इस मौके पर स्टाफ नर्स कनिका कपूर, हर्षा शर्मा और रीतु ने बताया कि 6 महीने पहले 60 स्टाफ नर्सों की ड्यूटी कोविड केयर सेंटर खलियार मंडी (covid care center khaliyar mandi) में लगाई गई थी. इस दौरान उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल मंडी जिले के अन्य अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दी, लेकिन अब उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.

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स्टाफ नर्सों का कहना है कि कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौर में उन्होंने अपने परिवार से अलग रह कर लगातार अपनी सेवाएं दीं, लेकिन आज सरकार उन्हें उनकी सेवाओं के बदले बाहर का रास्ता दिखा रही है. स्टाफ नर्सों का कहना है कि सरकार उन्हें बाहर निकाल कर नई पॉलिसी बनाने जा रही है. नई पॉलिसी में यदि उन्हें नजरअंदाज किया जाता है तो वह सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर देंगी. जिसकी जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश की सरकार (Government of Himachal Pradesh) होगी.

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