मंडी: करसोग सिविल अस्पताल से (Karsog Civil Hospital) रेडियोलॉजिस्ट को डेपुटेशन पर भेजने के आदेश रद्द हो गए हैं. ऐसे में डेढ़ लाख की जनता ने राहत की सांस ली है. बता दें कि इस अस्पताल में करसोग सहित सीमा के साथ सटे मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र सिराज के गुडाह, छतरी सहित सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के निहरी से भी लोग इलाज के लिए आते हैं.
बता दें कि हाल ही में रेडियोलॉजिस्ट प्रवीण कुमार को डेपुटेशन पर तीन महीने के लिए जोनल अस्पताल कुल्लू भेजे जाने के आदेश जारी किए गए थे. मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद जनता भड़क गई थी. इस बारे में दो सामाजिक संगठनों ने तहसीलदार के माध्यम से सरकार को अलग अलग ज्ञापन भी सौंपे. यही नहीं सराहन वार्ड से जिला परिषद किशोरी लाल के नेतृत्व में लोगों ने दो दिनों तक अस्पताल परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया. ऐसे में चौतरफा दबाव पड़ने के बाद सरकार ने डेपुटेशन के आदेश को (Order cancelled to send radiologist on deputation) वापस ले लिया है. जिसके लिए जनता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार प्रकट किया है.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने पांच मई को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार को तीन महीने के डेपुटेशन पर जोनल हॉस्पिटल कुल्लू भेजने के आदेश जारी किए थे. हैरानी इस बात की थी कि करसोग सिविल अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट पहले ही सप्ताह में एक दिन सिविल अस्पताल जंजेहली में भी डेपुटेशन पर अपनी सेवाएं दे रहा था. ऐसे में दो जगहों पर सेवाएं दे रहे एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट को करसोग से सैंकड़ों किलोमीटर दूर डेपुटेशन पर कुल्लू भेज दिया गया था, जबकि सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए पहले ही तीन महीने की वेटिंग चल रही थी. इसके अतिरिक्त रोजाना जांच के दौरान 50 से 60 मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है. ऐसे में रेडियोलॉजिट को डेपुटेशन पर भेजे जाने के आदेशों से जनता में भारी रोष था.
जिला मंडी के अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट की पहले ही भारी कमी (shortage of radiologists in mandi hospitals) चल रही है. वर्तमान में जिला के दो ही सिविल अस्पताल सरकाघाट और करसोग में रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं. अन्य सभी अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट के पद खाली है. इसके अलावा लोगों ने करसोग सिविल अस्पताल में खाली पड़े विशेषज्ञों डॉक्टरों के खाली पदों को भी भरने की मांग की है ताकि गरीब जनता को घरद्वार पर ही सस्ते इलाज की सुविधा मिल सके.