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आसान नहीं मंडी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण की राह - survey report mandi airport

मंडी में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण प्रदेश सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं है. यहां बड़े जहाज उतारने के लिए बंदली धार की पहाड़ी काटनी पड़ेगी. ओएलएस की सर्वेक्षण रिपोर्ट ये बात साामने आई है.

international airport in mandi
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Published : Sep 11, 2020, 3:42 PM IST

मंडीः प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण करना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. ओएलएस की सर्वेक्षण रिपोर्ट बड़ा हवाई जहाज उतारने की कवायद में चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है.

सर्वे में वर्तमान भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक बल्ह में चिह्नित साइट 2150 मीटर रनवे के लिए बताई गई है. यहां केवल एटीएस-72 सीटर छोटा हवाई जहाज ही उतर सकता है. बड़ा हवाई जहाज उतारने की भी संभावनाएं हैं, लेकिन इसके लिए 3150 मीटर हवाई पट्टी की जरूरत होगी.

यह तभी संभव होगा, जब सुंदरनगर की बंदली धार पहाड़ी को 500 मीटर तक काटा जाए. हालांकि सरकार ने 3150 मीटर रनवे के हिसाब से जमीनी के अधिग्रहण की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन इस पहाड़ी को काटना चुनौतीपूर्ण कार्य होगा.

बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति की बैठक में ओएलएस के सर्वे का खुलासा करते हुए हवाई अड्डा को जाहू में बनाने के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया. बैठक में परस राम, प्रेम दास चौधरी, भवानी सिंह, भगीरथ, प्रदीप कुमार, हरी राम चौधरी, गुलाम रसूल, चुनी लाल सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे. एसडीएम आशीष शर्मा ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है.

जाहू में भी बन सकता है बड़ा एयरपोर्ट: वालिया

बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया और सचिव नंद लाल शर्मा ने कहा कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जाहू में बनाना चाहिए. यहां बिना पहाड़ काटे कम लागत से, बिना किसानों को उजाड़े 3150 मीटर हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है.

72 सीटर हवाई जहाज के लिए तो मंडी जिला में ही नंदगढ़, ढांगसीधार, मौवीसेरी आदि उपयुक्त जगह है. जाहू में 80 फीसदी सरकारी जमीन उपलब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज कर प्रस्ताविक हवाई अड्डे को जाहू में बनाए जाने की मांग की गई है.

ये भी पढे़ं- अन्नदाता के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मोदी सरकार समर्पित: अनुराग ठाकुर

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मंडीः प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण करना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. ओएलएस की सर्वेक्षण रिपोर्ट बड़ा हवाई जहाज उतारने की कवायद में चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है.

सर्वे में वर्तमान भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक बल्ह में चिह्नित साइट 2150 मीटर रनवे के लिए बताई गई है. यहां केवल एटीएस-72 सीटर छोटा हवाई जहाज ही उतर सकता है. बड़ा हवाई जहाज उतारने की भी संभावनाएं हैं, लेकिन इसके लिए 3150 मीटर हवाई पट्टी की जरूरत होगी.

यह तभी संभव होगा, जब सुंदरनगर की बंदली धार पहाड़ी को 500 मीटर तक काटा जाए. हालांकि सरकार ने 3150 मीटर रनवे के हिसाब से जमीनी के अधिग्रहण की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन इस पहाड़ी को काटना चुनौतीपूर्ण कार्य होगा.

बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति की बैठक में ओएलएस के सर्वे का खुलासा करते हुए हवाई अड्डा को जाहू में बनाने के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया. बैठक में परस राम, प्रेम दास चौधरी, भवानी सिंह, भगीरथ, प्रदीप कुमार, हरी राम चौधरी, गुलाम रसूल, चुनी लाल सहित अन्य पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे. एसडीएम आशीष शर्मा ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया जा रहा है.

जाहू में भी बन सकता है बड़ा एयरपोर्ट: वालिया

बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया और सचिव नंद लाल शर्मा ने कहा कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जाहू में बनाना चाहिए. यहां बिना पहाड़ काटे कम लागत से, बिना किसानों को उजाड़े 3150 मीटर हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है.

72 सीटर हवाई जहाज के लिए तो मंडी जिला में ही नंदगढ़, ढांगसीधार, मौवीसेरी आदि उपयुक्त जगह है. जाहू में 80 फीसदी सरकारी जमीन उपलब्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज कर प्रस्ताविक हवाई अड्डे को जाहू में बनाए जाने की मांग की गई है.

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