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निर्भया गैंग रेप मामले में आए फैसले का हिमाचल वासियों ने किया स्वागत, कहा अब सुरक्षित महसूस करेंगी बेटियां - निर्भया गैंग रेप मामले में चोरों आरोरियों के खिलाफ डेथ वारंट

मंगलवार को बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप मामले में चारों आरोपियों को 22 जनवरी सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी. अदालत के इस फैसला का हिमाचल वासियों ने स्वागत किया है.

Nirbhaya gang rape case news in mandi
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Published : Jan 7, 2020, 8:05 PM IST

मंडी: बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप मामले में मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, चारों आरोपियों को 22 जनवरी सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी. अदालत के इस फैसला का हिमाचल वासियों ने स्वागत किया है. इसी कड़ी में जिला के उपमंडल सुंदरनगर के लोगों ने इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए खुशी जाहिर की है.

समाज सेवी विनोद स्वरूप का कहना है कि पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा ये जो फैसला सुनाया गया है, वो ऐतिहासिक निर्णय है. उन्होंने कहा कि इससे हर व्यक्ति इस तरह के काम करने से पहले लाख बार सोचेगा और अब प्रदेश की हर बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर की सड़कों पर खतरनाक हुआ सफर: एक कार खाई में गिरी, दूसरी हवा में लटकी

ये है मामला

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था. चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

वीडियो

एक अन्य अपराधी, जो घटना के समय नाबालिग था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. अब ये अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उसकी सजा पूरी हो चुकी है.

मंडी: बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप मामले में मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, चारों आरोपियों को 22 जनवरी सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी. अदालत के इस फैसला का हिमाचल वासियों ने स्वागत किया है. इसी कड़ी में जिला के उपमंडल सुंदरनगर के लोगों ने इस फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए खुशी जाहिर की है.

समाज सेवी विनोद स्वरूप का कहना है कि पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा ये जो फैसला सुनाया गया है, वो ऐतिहासिक निर्णय है. उन्होंने कहा कि इससे हर व्यक्ति इस तरह के काम करने से पहले लाख बार सोचेगा और अब प्रदेश की हर बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी.

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ये है मामला

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था. चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

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एक अन्य अपराधी, जो घटना के समय नाबालिग था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. अब ये अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उसकी सजा पूरी हो चुकी है.

Intro:अदालत ने देर से सुनाया फैसला लेकिन ऐतिहासिक है फैसला : हर दोषी को होनी चाहिए फांसी की सजाBody:एंकर : बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप केस (Nirbhaya Gang rape Case) में सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7:00 बजे फांसी दी जाएगी यह ऐलान मंगलवार को अदालत द्वारा सुनाया गया है इस समय सभी चार दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय अपना आखिरी वक्त गिन रहे हैं।

वही वही निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए जो ऐलान अदालत द्वारा सुनाया गया है उस पर देश की जनता खुश है वहीं हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर के रहने वाले समाज सेवी विनोद स्वरूप का कहना है कि कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला देश के लिए एक ऐतिहासिक फैसला हुआ है उन्होंने कहा कि हर दोषी इस तरह के केस करने से पहले लाखों बार सोचेगा कि हम इस तरह के गुना करें या ना करें। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि चारों दोषियों को फांसी की सजा के ऐलान के बाद हर बेटी और महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी और समाज को एक बहुत अच्छा संदेश इस ऐलान के बाद मिला है।

क्या था मामला :

आप को बता दे की 16 दिसंबर (December) 2012 की उस रात चार नहीं छह लोगों ने निर्भया के साथ दरिंदगी की थी. बाद में एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी और एक कम उम्र की वजह से फांसी के फंदे से बच गया।
2012 के 16 दिसंबर की रात देश की राजधानी दिल्ली में हुए एक जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया, इन चारों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. निर्भया गैंगरेप के कांड के आरोपी मुकेश सिंह, विनय सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर फांसी की दहलीज पर खड़े हैं. दरअसल अपराधी 6 थे लेकिन एक ने आत्महत्या कर ली और दूसरा कम उम्र की वजह से फांसी की सजा से बच गया. इस घटना के मुख्य आरोपी और बस के ड्राइवर राम सिंह ने साल 2103 में जेल के भीतर ही फांसी लगा ली थी।Conclusion:बाइट : समाजसेवी विनोद स्वरूप
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