मंडीः करसोग में कई महीनों बाद झमाझम हुई बारिश ग्रामीणों के लिए वरदान बनी है. यहां लगातार चार दिन हुई बारिश से पांडली नाले में फिर से पानी भरना शुरू हो गया है. ऐसे में इस नाले से सैंकड़ों लोगों की प्यास बुझाने वाली जल शक्ति विभाग की दो स्कीमों को संजीवनी मिल गई है.
अब सूख चुके नाले में फिर से जलधारा बहने लगी है, जिससे पेयजल सकंट की समस्या से जूझ रहे लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि, पानी के तेज बहाव के साथ आया भारी मलबा और बड़े-बड़े पत्थर ने अपने साथ नाले में लगाये गए सभी चेक डैम को भी उखाड़कर अपने साथ ले गया.
विभाग की दो पेयजल स्कीम क्षतिग्रस्त
इससे नाले में जल शक्ति विभाग की दो पेयजल स्कीमों को भी भारी क्षति पहुंची है. इसमें नाले पर ही लहोट गांव को पानी की आपूर्ति करने वाला प्राकृतिक पेयजल स्रोत मलबे से भर गया है. इसके साथ ही निचली तरफ जेन्स गांव के लिए बिछाई गई पेयजल लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है.लोगों ने इन दोनों की पेयजल स्कीमों को दुरस्त करने की मांग की है.
गर्मियों में सूख गए थे प्राकृतिक जल स्त्रोत
बता दें कि लहोट गांव को जल आपूर्ति करने वाला पेयजल सोर्स पिछली बार गर्मियों के मौसम में सूख गया था. जिस कारण क्षेत्र के सात से अधिक परिवार भारी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन अप्रैल माह में हुई अच्छी बारिश से सूख चुका ये प्राकृतिक जल स्त्रोत फिर से रिचार्ज हुआ है. ऐसे में इन टैंक में भरे मलवे की वजह से सोर्स रिचार्ज होने का ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं हुआ है.
विभाग ने टैंक तक पानी पहुंचाने की मांग
स्थानीय लोगों ने खुद सोर्स से मलबे को हटाए जाने का भी प्रयास किया, लेकिन भंडारण टैंक तक पानी पहुंचाने में कामयाबी नहीं मिली. ऐसे में लोगों ने जल शक्ति विभाग से सोर्स का निरक्षण कर टैंक तक पानी पहुंचाने की मांग की है.
नाले में पानी भरने से चेक डैम उखड़े
स्थानीय निवासी घनश्याम शर्मा का कहना है कि सूखे की वजह से पहले पांडली नाला सूख चुका था, लेकिन चार दिन हुई बारिश से फिर नाले में जलधारा बहने लगी है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश से नाले में दो स्कीमों को नुकसान भी पहुंचा है. इसके साथ पानी का तेज बहाव नाले पर बने सभी चैक डैम भी उखाड़ कर ले गया. उन्होंने विभाग से पानी की स्कीमों को दुरुस्त करने और नाले में फिर से चेक डैम निर्माण की मांग की है.
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