मंडी: 25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लगा था तो उस दौरान तत्कालीन सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया था. देश भर की तरह हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे बहुत से (Emergency in India 25 June 1975) योद्धा थे जिन्होंने आपातकाल का जमकर विरोध किया और खुद व परिवार के साथ आजाद भारत में जेल की हवा खाई. ऐसे लोगों को आज आपातकाल की 51वीं वर्षगांठ पर मंडी सदर भाजपा मंडल की तरफ से सम्मानित किया गया.
आपातकाल देख चुके और इसका विरोध कर चुके लोगों ने बताया कि यह आजाद भारत के इतिहास का सबसे काला अध्याय था, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूरे देश को आपातकाल में झोंक दिया. लेकिन जिस तरह से देश भर में इसका विरोध हुआ, उसका ही नतीजा है कि आज देश में लोकतंत्र बचा हुआ है. वरिष्ठ नेता हेमंत राज वैद्य और सुरेंद्र पाल ने बताया कि आज देश एक मजबूत हाथों में है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.
सदर मंडल भाजपा के अध्यक्ष मुनीष कपूर ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने हमेशा अपनी राजनीति चमकाने के लिए देश को खतरे में डाला है और आपातकाल उसका जीता जागता (Emergency in India 25 June 1975) उदाहरण है. जिन लोगों ने देश का लोकतंत्र बचाने का कार्य किया, उन्हें आज भाजपा ने सम्मानित करने को जो बीड़ा उठाया है, वो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का भाजपा हमेशा मान-सम्मान करती है और आगे भी करती रहेगी. इस मौके पर मंडी जिला भाजपा के अध्यक्ष रणवीर सिंह, नगर निगम मंडी की महापौर दीपाली जसवाल, उपमहापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा और अन्य पार्षद व भाजपा नेता मौजूद रहे.
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