करसोग: करसोग नगर पंचायत से बाहर होने के लिए वॉर्ड नंबर-7 ममेल के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. नगर पंचायत परिधि से बाहर होने के लिए ममेल वॉर्ड के लोगों ने अपनी आपत्तियां डीसी मंडी को भेज दी हैं. ममेल वासियों का दो टूक कहना है कि लोगों को विश्वास में लिए बिना ममेल को नगर पंचायत में शामिल किया गया है.
बता दें कि ममेल एक ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां लोग खेतीबाड़ी के पेशे से जुड़े हैं. ऐसे में ग्रामीण मानसिक रूप से भी नगर पंचायत में शामिल होने के लिए तैयार नहीं है. इन सभी तरह की स्थितियों को देखते हुए ममेल वॉर्ड को नगर पंचायत परिधि से बाहर किया जाना चाहिए. नगर पंचायत करसोग के गठन से ही लोग लगातार विरोध जताते आ रहे हैं. इस तरह से जबरदस्ती मर्ज किए जाने पर लोगों ने पिछली बार नगर पंचायत चुनाव का बहिष्कार भी किया था.
बता दें कि 6 जुलाई को उपायुक्त मंडी ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें नगर पंचायत में शामिल किए गए लोगों से 10 दिनों में अपनी आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा गया था. इसको देखते हुए ममेल वार्ड के 120 परिवारों में नगर पंचायत कार्यालय के माध्यम से उपायुक्त मंडी को आपत्तियां भेज दी हैं. लोगों ने उम्मीद जताई है कि आपत्तियों को सुनकर उपायुक्त मंडी उचित निर्णय लेंगे और ममेल वार्ड को नगर पंचायत परिधि से बाहर कर लोगों को राहत प्रदान करेंगे.
गैर सरकारी संस्था आरुण्या फाउंडेशन प्रधान संदीप कुमार चौहान ने बताया कि ममेल वार्ड के लोग नगर पंचायत करसोग में नहीं रहना चाहते हैं. इसको देखते हुए लोगों ने उपायुक्त मंडी को आपत्तियां भेज दी है. ममेल ग्रामीण क्षेत्र है और लोग कृषि के पेशे से जुड़ें हैं. ऐसे में लोग नगर पंचायत में नहीं रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने नगर पंचायत में शामिल क्षेत्रों के लोगों से 10 दिनों में अपनी आपत्तियां दर्ज करवाने को कहा था जिसकी नोटिफिकेशन 6 जुलाई को जारी की गई थी.
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