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CM के गृह जिला में मूलभूत सुविधाओं की कमी, जन संघर्ष समिति करेगी लोहड़ी मेले का बहिष्कार - करसोग के विधायक हीरालाल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में पर्यटन स्थल तत्तापानी में मूलभुत समस्याओं की कमी को लेकर आगामी जिला स्तरीय लोहड़ी मेले का तत्तापानी जनसंघर्ष समिति ने बहिष्कार करने का एलान किया है.

Lack of basic facilities in Tattapani
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Published : Oct 30, 2019, 6:48 PM IST

मंडीः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी में दो महीने बाद आयोजित होने वाले जिला स्तरीय लोहड़ी मेले का इस बार तत्तापानी जनसंघर्ष समिति ने बहिष्कार करने का एलान किया है.

जयराम ने सत्ता की बागडोर संभालते ही तत्तापानी के लोहड़ी मेले को जिला स्तरीय मेले का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन भाजपा सरकार को बने दो साल का समय होने जा रहा है, अभी तक तत्तापानी में न तो जिला स्तर के लायक मेला ग्राउंड बन पाया है और न ही यहां पर स्थानीय लोगों सहित बाहर से मेला लगाने आने वाले कारोबारियों के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.

जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद भी लगातार दो बार लोहड़ी मेला देखने तत्तापानी आ चुके हैं और दोनों बार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्तापानी के खोए अस्तिव को लौटाने के लिए जीर्णोद्धार के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बाबजूद प्रशासन ने इस दिशा में कोई प्रयास जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं.

वीरभद्र सरकार के समय बीजेपी कर चुकी है विरोध प्रदर्शन
हैरानी की बात ये है कि प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में रहते हुए भाजपा के मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद राम स्वरूप शर्मा व करसोग के वर्तमान विधायक हीरालाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने तत्तापानी की समस्याओं पर तत्कालीन वीरभद्र सरकार को घेरने के लिए करीब 3 साल पहले यहां पुल पर बैठकर धरना प्रदर्शन भी किया था.

वीडियो.

अब केंद्र सहित प्रदेश की सत्ता पर भी भाजपा सरकार काबिज है और दोनों ही नेता सरकार में रहते हुए अपने अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन अब इन्हें तत्तापानी की जनता की समस्याएं नजर नहीं आ रही है. इस कारण सरकार के प्रति स्थानीय लोगों में भारी रोष है. वहीं, प्रशासन की लापरवाही से प्रदेश सरकार की छवि भी लोगों के बीच खराब हो रही है.

इसको देखते हुए हाल ही में क्षेत्र के विकास के लिए नवगठित तत्तापानी संघर्ष समिति ने इस बार लोहड़ी पर लगने वाले मेले का सार्वजनिक बहिष्कार कर सरकार और प्रशासन के प्रति अपना विरोध दर्ज करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें- बेहतरीन काम के लिए करसोग पंचायत राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित, ग्रामीणों ने जताई खुशी

800 मेगावाट की कौल डेम की भेंट चढ़ गया पौराणिक अस्तित्व
तत्तापानी धार्मिक पर्यटन स्थल का पौराणिक अस्तिव हिमाचल में बनी 800 मेगावाट की कौल डेम की भेट चढ़ गया है, यहां सतलुज नदी के किनारे देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले गर्म पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जल मग्न हो गए.

यहां प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोतों में स्नान का मजा लेने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते थे, लेकिन देश विदेश में धार्मिक महत्व वाले पर्यटन स्थल के जीर्णोद्धार के लिए किसी भी तरह के सरकारी प्रयास धरातल पर उतरते नजर नहीं आ रहे हैं.

पूर्व सरकार के समय में ड्रील करके नहाने के लिए गर्म पानी निकाला गया था और स्थानीय लोगों ने पैसा एकत्रित कर अपने स्तर पर जो गर्म पानी की जो खुर्लियां बनाई गई थी, वह भी प्रशासन की अनदेखी के कारण जगह-जगह से टूट चुकी है, यही नहीं यहां के लिए जो सड़क बनाई गई है, वह भी खस्ताहाल है, यहां पानी की निकासी के लिए पक्की नालियों की भी कोई व्यवथा नहीं है.

ये है प्रशासन की लापरवाही का हाल
तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति का दावा करने वाली सरकार के करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन की लापरवाही का हाल ये है कि विभाग के अधिकारी 1 साल से कुछ मीटर की खराब हुई ग्रेटिंग तक को नहीं बदल पाए हैं. नालियों को कवर करने के लिए लगाई गई ग्रेटिंग जंग खाने के बाद कई जगह से टूट चुकी है. ऐसे में इस जगह पर हादसा भी हो सकता है.

यही नहीं, ग्रेटिंग टूटने के कारण यहां नालियां कचरे से भर गई है. जिस कारण यहां गन्दगी से चारों सडांध से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है, जबकि 24 अक्टूबर को मंडी के सांसद ने तत्तापानी में स्वच्छता अभियान भी चलाया था. इसके अतिरिक्त तत्तापानी बस स्टैंड के कई मीटर तक पीडब्ल्यूडी सड़क पर लोगों ने टीन के अवैध ढारे खड़े भी खड़े कर दिए है, लेकिन करसोग का पीडब्ल्यूडी विभाग सिवाए नोटिस देने के कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है.

तत्तापानी की सुंदरता पर ग्रहण लगने के साथ सड़क भी तंग हो गई है. लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक दवाब के कारण लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है. यहां शिमला-करसोग सड़क की हालत भी खस्ता है. सड़क के किनारे बनाई गई नालियां गन्दा पानी जमा होने के कारण बदबू फैला रही है. ऐसे में इन सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं की कमी को देखते हुए तत्तापानी जन संघर्ष समिति ने जिला स्तरीय लोहड़ी मेले के बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें- अश्लील तस्वीरों को वायरल करने की धमकी देकर युवती से 1 महीने तक दुष्कर्म, मामला दर्ज

मूलभूत सुविधाएं नहीं दी तो मेले का बहिष्कार- व्यास
तत्तापानी जन संघर्ष समिति के महासचिव भगतराम व्यास का कहना है कि जयराम सरकार ने दो वर्ष पहले लोहड़ी मेले को जिला स्तरीय बनाने की तो घोषणा कर दी, लेकिन प्रशासन अब यहां उस हिसाब से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. उनका कहना है कि अब भी अगर यहां लोगों को सभी तरह की मुलभुत सुविधाएं नहीं दी गई तो जन संघर्ष समिति लोहड़ी मेले का बहिष्कार कर सरकार और प्रशासन के प्रति अपना रोष जाहिर करेगी.

जयराम सरकार ने जीर्णोद्धार के लिए दिए करोड़ों- विधायक
करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने दो सालों से तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए पूरी कोशिश की है. इसके तहत यहां घाट के निर्माण के लिए 2 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है.

विधायक ने कहा कि स्नानागार की हालत को सुधारने और यहां तक जाने वाली सड़क की मरम्मत के लिए 60 लाख की राशि दी गई है. इन दोनों की कार्य के टेंडर लग चुके हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस की सरकार में तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया था.

ये भी पढ़ें- स्वच्छता में अव्वल मंडी शहर में लगे गंदगी के ढेर, अब खुले में कूड़ा फेंकने वालों पर 'तीसरी आंख' रखेगी नजर

मंडीः मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी में दो महीने बाद आयोजित होने वाले जिला स्तरीय लोहड़ी मेले का इस बार तत्तापानी जनसंघर्ष समिति ने बहिष्कार करने का एलान किया है.

जयराम ने सत्ता की बागडोर संभालते ही तत्तापानी के लोहड़ी मेले को जिला स्तरीय मेले का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन भाजपा सरकार को बने दो साल का समय होने जा रहा है, अभी तक तत्तापानी में न तो जिला स्तर के लायक मेला ग्राउंड बन पाया है और न ही यहां पर स्थानीय लोगों सहित बाहर से मेला लगाने आने वाले कारोबारियों के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.

जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद भी लगातार दो बार लोहड़ी मेला देखने तत्तापानी आ चुके हैं और दोनों बार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्तापानी के खोए अस्तिव को लौटाने के लिए जीर्णोद्धार के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बाबजूद प्रशासन ने इस दिशा में कोई प्रयास जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं.

वीरभद्र सरकार के समय बीजेपी कर चुकी है विरोध प्रदर्शन
हैरानी की बात ये है कि प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में रहते हुए भाजपा के मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद राम स्वरूप शर्मा व करसोग के वर्तमान विधायक हीरालाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने तत्तापानी की समस्याओं पर तत्कालीन वीरभद्र सरकार को घेरने के लिए करीब 3 साल पहले यहां पुल पर बैठकर धरना प्रदर्शन भी किया था.

वीडियो.

अब केंद्र सहित प्रदेश की सत्ता पर भी भाजपा सरकार काबिज है और दोनों ही नेता सरकार में रहते हुए अपने अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन अब इन्हें तत्तापानी की जनता की समस्याएं नजर नहीं आ रही है. इस कारण सरकार के प्रति स्थानीय लोगों में भारी रोष है. वहीं, प्रशासन की लापरवाही से प्रदेश सरकार की छवि भी लोगों के बीच खराब हो रही है.

इसको देखते हुए हाल ही में क्षेत्र के विकास के लिए नवगठित तत्तापानी संघर्ष समिति ने इस बार लोहड़ी पर लगने वाले मेले का सार्वजनिक बहिष्कार कर सरकार और प्रशासन के प्रति अपना विरोध दर्ज करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें- बेहतरीन काम के लिए करसोग पंचायत राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित, ग्रामीणों ने जताई खुशी

800 मेगावाट की कौल डेम की भेंट चढ़ गया पौराणिक अस्तित्व
तत्तापानी धार्मिक पर्यटन स्थल का पौराणिक अस्तिव हिमाचल में बनी 800 मेगावाट की कौल डेम की भेट चढ़ गया है, यहां सतलुज नदी के किनारे देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले गर्म पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जल मग्न हो गए.

यहां प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोतों में स्नान का मजा लेने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते थे, लेकिन देश विदेश में धार्मिक महत्व वाले पर्यटन स्थल के जीर्णोद्धार के लिए किसी भी तरह के सरकारी प्रयास धरातल पर उतरते नजर नहीं आ रहे हैं.

पूर्व सरकार के समय में ड्रील करके नहाने के लिए गर्म पानी निकाला गया था और स्थानीय लोगों ने पैसा एकत्रित कर अपने स्तर पर जो गर्म पानी की जो खुर्लियां बनाई गई थी, वह भी प्रशासन की अनदेखी के कारण जगह-जगह से टूट चुकी है, यही नहीं यहां के लिए जो सड़क बनाई गई है, वह भी खस्ताहाल है, यहां पानी की निकासी के लिए पक्की नालियों की भी कोई व्यवथा नहीं है.

ये है प्रशासन की लापरवाही का हाल
तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति का दावा करने वाली सरकार के करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन की लापरवाही का हाल ये है कि विभाग के अधिकारी 1 साल से कुछ मीटर की खराब हुई ग्रेटिंग तक को नहीं बदल पाए हैं. नालियों को कवर करने के लिए लगाई गई ग्रेटिंग जंग खाने के बाद कई जगह से टूट चुकी है. ऐसे में इस जगह पर हादसा भी हो सकता है.

यही नहीं, ग्रेटिंग टूटने के कारण यहां नालियां कचरे से भर गई है. जिस कारण यहां गन्दगी से चारों सडांध से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है, जबकि 24 अक्टूबर को मंडी के सांसद ने तत्तापानी में स्वच्छता अभियान भी चलाया था. इसके अतिरिक्त तत्तापानी बस स्टैंड के कई मीटर तक पीडब्ल्यूडी सड़क पर लोगों ने टीन के अवैध ढारे खड़े भी खड़े कर दिए है, लेकिन करसोग का पीडब्ल्यूडी विभाग सिवाए नोटिस देने के कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है.

तत्तापानी की सुंदरता पर ग्रहण लगने के साथ सड़क भी तंग हो गई है. लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक दवाब के कारण लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है. यहां शिमला-करसोग सड़क की हालत भी खस्ता है. सड़क के किनारे बनाई गई नालियां गन्दा पानी जमा होने के कारण बदबू फैला रही है. ऐसे में इन सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं की कमी को देखते हुए तत्तापानी जन संघर्ष समिति ने जिला स्तरीय लोहड़ी मेले के बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें- अश्लील तस्वीरों को वायरल करने की धमकी देकर युवती से 1 महीने तक दुष्कर्म, मामला दर्ज

मूलभूत सुविधाएं नहीं दी तो मेले का बहिष्कार- व्यास
तत्तापानी जन संघर्ष समिति के महासचिव भगतराम व्यास का कहना है कि जयराम सरकार ने दो वर्ष पहले लोहड़ी मेले को जिला स्तरीय बनाने की तो घोषणा कर दी, लेकिन प्रशासन अब यहां उस हिसाब से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. उनका कहना है कि अब भी अगर यहां लोगों को सभी तरह की मुलभुत सुविधाएं नहीं दी गई तो जन संघर्ष समिति लोहड़ी मेले का बहिष्कार कर सरकार और प्रशासन के प्रति अपना रोष जाहिर करेगी.

जयराम सरकार ने जीर्णोद्धार के लिए दिए करोड़ों- विधायक
करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने दो सालों से तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए पूरी कोशिश की है. इसके तहत यहां घाट के निर्माण के लिए 2 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है.

विधायक ने कहा कि स्नानागार की हालत को सुधारने और यहां तक जाने वाली सड़क की मरम्मत के लिए 60 लाख की राशि दी गई है. इन दोनों की कार्य के टेंडर लग चुके हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस की सरकार में तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया था.

ये भी पढ़ें- स्वच्छता में अव्वल मंडी शहर में लगे गंदगी के ढेर, अब खुले में कूड़ा फेंकने वालों पर 'तीसरी आंख' रखेगी नजर

Intro:मूलभूत सुविधाएं न मिलने से नाराज लोग, विपक्ष में रहते सांसद स्वरूप शर्मा वर्तमान विधायक हीरालाल खुद भी समस्याओं के समाधान को बैठे थे धरने परBody:मुख्यमंत्री के गृह जिला में इस जिला स्तरीय मेले का सार्वजनिक बहिष्कार करेगी तत्तापानी जन संघर्ष समिति

करसोग
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल तत्तापानी में दो महीने बाद आयोजित होने वाले जिला स्तरीय लोहड़ी मेले का इस बार तत्तापानी जनसंघर्ष समिति सार्वजनिक बहिष्कार करेगी । जयराम ने सत्ता की बागडोर संभालते ही तत्तापानी के लोहड़ी मेले को जिला स्तरीय मेले का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन भाजपा सरकार को बने दो वर्ष का समय होने जा रहा है, अभी तक तत्तापानी में न तो जिला स्तर के लायक मेला ग्राउंड बन पाया है और न ही यहां पर स्थानीय लोगों सहित बाहर से मेला लगाने आने वाले कारोबारियों के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाई गई है, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद भी लगातार दो बार लोहड़ी मेले देखने तत्तापानी आ चुके हैं और दोनों की बार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्तापानी के खोए अस्तिव को लौटने के लिए जीर्णोद्धार के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बाबजूद प्रशासन ने इस दिशा में कोई प्रयास किए हों, ऐसा अभी तक जमीनी स्तर पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। इसको देखते हुए हाल ही में क्षेत्र के विकास के लिए नवगठित तत्तापानी संघर्ष समिति ने इस बार लोहड़ी पर लगने वाले मेले का सार्वजनिक बहिष्कार कर सरकार और प्रशासन के प्रति अपना विरोध प्रकट करने का निर्णय लिया है। हैरानी की बात ये है कि प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में रहते हुए भाजपा के मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद राम स्वरूप शर्मा व करसोग के वर्तमान विधायक हीरालाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने तत्तापानी की समस्याओं पर तत्कालीन वीरभद्र सरकार को घेरने के लिए करीब 3 साल पहले यहां पुल पर बैठकर धरना प्रदर्शन भी किया था। अब केंद्र सहित प्रदेश की सत्ता पर भी भाजपा सरकार काबिज है और दोनों ही नेता सरकार में रहते हुए अपने अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन अब इन्हें तत्तापानी की जनता की समस्याएं नजर नहीं आ रही है। इस कारण सरकार के प्रति स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उधर प्रशासन की लापरवाही से प्रदेश सरकार की छवि भी लोगों के बीच खराब हो रही है।

800 मेगावाट की कौल डेम की भेंट चढ़ गया पौराणिक अस्तित्व:
तत्तापानी धार्मिक पर्यटन स्थल का पौराणिक अस्तिव प्रदेश में बनी 800 मेगावाट की कौल डेम की भेट चढ़ गया है, यहां सतलुज नदी के किनारे देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले गर्म पानी के प्राकृतिक स्त्रोत जल मग्न हो गए। यहां प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोतों में स्नान का मजा लेने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते थे, लेकिन देश विदेश में धार्मिक महत्व वाले पर्यटन स्थल के जीर्णोद्धार के लिए किसी भी तरहः के सरकारी प्रयास धरातल पर उतरते नजर नहीं आ रहे हैं। पूर्व सरकार के समय मे नहाने के लिए ड्रील करके नहाने के लिए गर्म पानी निकाला गया था और स्थानीय लोगों ने पैसा एकत्रित कर अपने स्तर पर जो गर्म पानी की जो खुर्लियां बनाई गई थी, वह भी प्रशासन की अनदेखी के कारण जगह जगह से टूट चुकी है, यही नहीं यहां के लिए जो सड़क बनाई गई है, वह भी खस्ताहाल है, यहां पानी की निकासी के लिए पक्की नालियों की भी कोई व्यवथा नहीं है।



ये है प्रशासन की लापरवाही का हाल, एक साल से ग्रेटिंग तक नहीं बदल पाया:
तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति का दावा करने वाली सरकार के करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन की लापरवाही का हाल ये है कि विभाग के अधिकारी 1 साल से कुछ मीटर की सड़ी हुई ग्रेटिंग तक को नहीं बदल पाए हैं। नालियों को कवर करने के लिए लगाई गई ग्रेटिंग जंग खाने के बाद कई जगह से टूट गई है। ऐसे में इस जगह पर किसी का भी पांव नाली में घुसने के कारण कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है। यही नहीं ग्रेटिंग टूटने के कारण यहां नालियां कचरे से भर गई है। जिस कारण यहां गन्दगी से चारों सडांध से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है, जबकि 24 अक्टूबर को मंडी के सांसद ने तत्तापानी में स्वच्छता अभियान भी चलाया था। इसके अतिरिक्त तत्तापानी बस स्टैंड के कई मीटर तक पीडब्ल्यूडी सड़क पर लोगों ने टीन के अवैध ढारे खड़े भी खड़े कर दिए है, लेकिन करसोग का पीडब्ल्यूडी विभाग सिवाए नोटिस देने के कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। जिससे तत्तापानी की सुंदरता पर ग्रहण लगने के साथ सड़क भी तंग हो गई है। लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक दवाब के कारण लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। यहां शिमला करसोग सड़क की हालत भी खस्ता है। सड़क के किनारे बनाई गई नालियां गन्दा पानी जमा होने के कारण बदबू फैला रही है। ऐसे में इन सभी तरहः की मूलभूत सुविधाओं की कमी को देखते हुए तत्तापानी जन संघर्ष समिति ने जिला स्तरीय लोहड़ी मेले के बहिष्कार करने का फैसला लिया है।

मूलभूत सुविधाएं नहीं दी तो मेले का बहिष्कार: व्यास
तत्तापानी जन संघर्ष समिति के महासचिव भगतराम व्यास का कहना है कि जयराम सरकार ने दो वर्ष पूर्व लोहड़ी मेले को जिला स्तरीय बनाने की तो घोषणा कर दी, लेकिन प्रशासन अब यहां उस हिसाब से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। उनका कहना है कि अब भी अगर यहां लोगों को सभी तरह की मुलभुत सुविधाएं नहीं दी गई तो जन संघर्ष समिति लोहड़ी मेले का बहिष्कार कर सरकार और प्रशासन के प्रति अपना रोष प्रकट करेगी।

जयराम सरकार ने जीर्णोद्धार के लिए दिए करोड़ों: विधायक
करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने दो सालों से तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए पूरा प्रयास किए हैं। इसके तहत यहां घाट के निर्माण के लिए 2 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह से स्नानागार की हालत को सुधारने और यहां तक जाने वाली सड़क की मरम्मत के लिए 60 लाख की राशि दी गई है। इन दोनों की कार्य के टेंडर लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस की सरकार में तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया था।Conclusion:करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और मंडी के सांसद राम स्वरूप शर्मा ने दो सालों से तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए पूरा प्रयास किए हैं। इसके तहत यहां घाट के निर्माण के लिए 2 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह से स्नानागार की हालत को सुधारने और यहां तक जाने वाली सड़क की मरम्मत के लिए 60 लाख की राशि दी गई है। इन दोनों की कार्य के टेंडर लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस की सरकार में तत्तापानी के जीर्णोद्धार के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया था।
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