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सुंदरनगर HRTC को भारी नुकसान, सवारियों की कमी ने बढ़ाई चिंता

करोना संकट के बीच हिमाचल सरकार ने जनता को राहत देते हुए प्रदेश में परिवहन सेवा शुरू तो कर दी है. वहीं, बसों में सवारियों के कम सफर करने से सुंदरनगर डिपो को भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा है.

HRTC is facing losses in Himachal due to corona
हिमाचल में HRTC को झेलना पड़ रहा घाटा,सुंदरनगर डिपो ने1 सप्ताह में कमाएं मात्र 3 लाख 50 हजार
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Published : Jun 8, 2020, 4:39 PM IST

सुंदरनगरः हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. करोना संकट के बीच हिमाचल सरकार ने जनता को राहत देते हुए प्रदेश में परिवहन सेवा शुरू तो कर दी है. वहीं, बसों में सवारियों के कम सफर करने से सुंदरनगर डिपो को भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा है.

सुंदरनगर डिपो पहले हर रोज लगभग 6 लाख तक की कमाई करता था, लेकिन अब ये डिपो कोरोना महामारी के कारण लोगों के कम सफर करने से महज तीन लाख 50 हजार ही कमा पाया है. हर रोज हजारों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली एचआरटीसी सुंदरनगर के कर्मचारी अब सवारियों के इंतजार में घंटों इंतजार करते रहते हैं.

कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार ने 1 जून से पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने के आदेश जारी होते ही सुंदरनगर डिपो ने 67 बसें कई लोकल रुटों पर शुरू कर दी गई थी, लेकिन अब इन बसों एक हफ्ते के बाद कटौती करते हुए, इनकी संख्या 47 तक सिमट गई है.

वीडियो रिपोर्ट

एचआरटीसी सुंदरनगर डिपो के इंटर स्टेट 12 रूट बंद पड़े हुए हैं. आंकड़ों की बात करें तो सुंदरनगर डिपो को 35 रुपये प्रति एक किलोमीटर कमाने पर सिर्फ बस के तेल का ही खर्चा निकल पाता है. कर्मचारियों की सैलरी निकालनी है, तो 42 रुपये से ऊपर की एवरेज प्रति किलोमीटर चाहिए. वहीं, अब पूरा स्टाफ बुलाने के बावजूद एचआरटीसी का घाटा सरकारी खजाने पर एक बड़ा अतिरिक्त बोझ बढ़ा रहा है.

बता दें कि कोरोना महामारी के चलते हिमाचल सरकार ने लोगों को सुविधा मुहैया करवाने के लिए एचआरटीसी बसों को शुरू कर किया है. बावजूद इसके रूटों पर चलने वाली बसों को कम सवारीयों के चलते काफी नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़ें : कोविड-19: कोरोना मामले सामने आने के बाद जोगिन्दरनगर के ये क्षेत्र बनाए गए कंटेनमेंट व बफर जोन

सुंदरनगरः हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. करोना संकट के बीच हिमाचल सरकार ने जनता को राहत देते हुए प्रदेश में परिवहन सेवा शुरू तो कर दी है. वहीं, बसों में सवारियों के कम सफर करने से सुंदरनगर डिपो को भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा है.

सुंदरनगर डिपो पहले हर रोज लगभग 6 लाख तक की कमाई करता था, लेकिन अब ये डिपो कोरोना महामारी के कारण लोगों के कम सफर करने से महज तीन लाख 50 हजार ही कमा पाया है. हर रोज हजारों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली एचआरटीसी सुंदरनगर के कर्मचारी अब सवारियों के इंतजार में घंटों इंतजार करते रहते हैं.

कोरोना काल के दौरान प्रदेश सरकार ने 1 जून से पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने के आदेश जारी होते ही सुंदरनगर डिपो ने 67 बसें कई लोकल रुटों पर शुरू कर दी गई थी, लेकिन अब इन बसों एक हफ्ते के बाद कटौती करते हुए, इनकी संख्या 47 तक सिमट गई है.

वीडियो रिपोर्ट

एचआरटीसी सुंदरनगर डिपो के इंटर स्टेट 12 रूट बंद पड़े हुए हैं. आंकड़ों की बात करें तो सुंदरनगर डिपो को 35 रुपये प्रति एक किलोमीटर कमाने पर सिर्फ बस के तेल का ही खर्चा निकल पाता है. कर्मचारियों की सैलरी निकालनी है, तो 42 रुपये से ऊपर की एवरेज प्रति किलोमीटर चाहिए. वहीं, अब पूरा स्टाफ बुलाने के बावजूद एचआरटीसी का घाटा सरकारी खजाने पर एक बड़ा अतिरिक्त बोझ बढ़ा रहा है.

बता दें कि कोरोना महामारी के चलते हिमाचल सरकार ने लोगों को सुविधा मुहैया करवाने के लिए एचआरटीसी बसों को शुरू कर किया है. बावजूद इसके रूटों पर चलने वाली बसों को कम सवारीयों के चलते काफी नुकसान हो रहा है.

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