मंडी: हिमाचल प्रदेश की सीमाओं पर कितनी चौकस है इसकी पोल एक 68 वर्षीय बुजुर्ग ने खोलकर रख दी है. 68 वर्षीय मेहर सिंह मोहाली से मंडी जिला के पंडोह अपनी निजी गाड़ी को खुद चलाकर ले आए और रास्ते में इन्हें किसी ने नहीं पूछा. घटना गुरुवार की है.
खुद मेहर सिंह ने माना कि रास्ते में उससे किसी ने न तो कर्फ्यू पास मांगा और न ही अन्य दस्तावेज. हिमाचल की सीमा में प्रवेश करने से पहले मेडिकल तक करवाया गया, लेकिन हिमाचल में प्रवेश की अनुमति के बारे में कोई जांच पड़ताल नहीं हुई. मेहर सिंह का तर्क है कि वह अपनी बची हुई सैलरी लेने यहां आए हैं.
बता दें कि मेहर सिंह बीबीएमबी पंडोह में बतौर एसडीओ कार्यरत थे. यहां यह जिस सरकारी क्वार्टर में रहते थे उसका ताला तोड़कर वहीं पर रात बीताई. मेहर सिंह अपने साथ रहने और खाने का सामान भी लेकर आए हैं.
शुक्रवार सुबह जब बीबीएमबी प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया. बीबीएमबी के एक्सईएन राजेश हांडा ने बताया कि जेई के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद पुलिस को कार्रवाई के लिए सूचित कर दिया गया है.
वहीं, पंडोह पुलिस चौकी से हैड कांस्टेबल भानु प्रताप अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की सारी जांच पड़ताल की. उन्होंने बताया कि व्यक्ति बिना पास के आया है और क्वार्टर का ताला तोड़कर यहां रह रहा है. इन्हें वापिस भिजवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
अब सवाल यह उठता है कि हिमाचल प्रदेश की सीमा से लेकर पंडोह तक पुलिस के दर्जनों नाके हैं. ऐसे में क्या बाहर से आने वाले वाहनों को इतनी लापरवाही के साथ यहां आने दिया जा रहा है. यदि बुजुर्ग की कही जा रही बात सच है तो यह प्रदेश के लिए किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं. राज्य सरकार को सोचना होगा कि सख्ती दिखावे के लिए की जा रही है या फिर बचाव के लिए.
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