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सराज की 15 दुर्गम पंचायतों की तकदीर और तस्वीर बदलेगा हिमाचल प्रदेश का पहला केबल स्टेड ब्रिज

सीएम जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र सराज की 15 दुर्गम पंचायतों की अब तकदीर और तस्वीर बदलने वाली है. इस क्षेत्र को नेशनल हाईवे के साथ जोड़ने वाला पुल (double lane cable stayed bridge in seraj) अब जनता को समर्पित कर दिया गया है. पुल की सुविधा न होने के कारण यह दुर्गम क्षेत्र हाईवे के नजदीक होने के बाद भी उससे कोसो दूर था. लोगों में इस पुल के बन जाने से खासी खुशी देखने को मिल रही है.

double lane cable stayed bridge in seraj
सराज में डबल लेन केबल स्टे ब्रिज
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Published : Oct 2, 2022, 4:54 PM IST

Updated : Oct 2, 2022, 5:32 PM IST

मंडी: सराज विधानसभा क्षेत्र की 15 दुर्गम पंचायतों के लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें एक ऐसे पुल की सौगात मिलेगी जो उन्हें सड़क मार्ग से सीधे नेशनल हाईवे के साथ जोड़ देगा. लेकिन आज इस सौगात को अपनी आंखों के सामने देख, लोग फूले नहीं समा रहे हैं. राज्य सरकार ने हणोगी के पास द्रंग और सराज विधानसभा क्षेत्रों को आपस में सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए 25 करोड़ की लागत से प्रदेश का पहला डबल लेन केबल स्टेड ब्रिज बनाकर जनता के हवाले कर दिया है.

इस पुल के बन जाने से अब सराज विधानसभा क्षेत्र की 15 दुर्गम पंचायतें सीधे नेशनल हाईवे के साथ (cable stayed bridge in seraj) जुड़ गई हैं. खाहरी, खोलानाल, नलवागी, कशौड़, कल्हणी और सराची सहित अन्य दुर्गम पंचायतों में पहले सड़क सुविधा नहीं थी. यहां के लोगों को नेशनल हाईवे अपने सामने तो नजर आता था, लेकिन बीच में बहने वाली ब्यास नदी उस फासले को कोसो दूर कर देती थी. पैदल चलने के लिए हणोगी के पास 50 वर्ष पहले एक झूला पुल बनाया गया था.

सराज में डबल लेन केबल स्टे ब्रिज.

सड़क मार्ग से हाईवे तक आने के लिए 50 से 60 किमी का सफर तय करना पड़ता था. लेकिन अब सड़क और पुल की सुविधा मिल जाने से यह इलाका हाईवे से पूरी तरह से जुड़ गया है. लोगों ने इसके लिए राज्य सरकार और सीएम जयराम ठाकुर का आभार जताया है. लोगों का कहना है कि जयराम ठाकुर ने उनकी पीठ का बोझ पूरी तरह से उतार दिया है.

सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि जब वे विधायक थे तो उस वक्त उन्होंने इन 15 पंचायतों के लोगों से पुल बनाने का वादा किया था और विधायक प्राथमिकता में इसे शामिल किया था. जब उन्हें प्रदेश में बतौर सीएम कार्य करने का मौका मिला तो उन्होंने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करवाया. ब्यास नदी से इतनी अधिक उंचाई पर पुल बनाना संभव नहीं था तो इसके लिए केबल स्टेड तकनीक का सहारा लिया गया.

सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि सराज की यह 15 पंचायतें अब पर्यटन की दृष्टि से उभर कर सामने आएंगी और लोगों को सुविधा के साथ रोजगार भी मिलेगा. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इससे पहले इक्का-दुक्का ही केबल स्टेयड ब्रिज बन पाए हैं. यह प्रदेश का पहला डबल लेन केबल स्टेड ब्रिज (double lane cable stayed bridge in seraj) है. इस ब्रिज के बन जाने से अब लोगों की पीठ का बोझ पूरी तरह से उतर गया है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर पहुंचे जेपी नड्डा का जोरदार स्वागत, लेकिन धूमल रहे गैरहाजिर, सियासी चर्चाएं शुरू

मंडी: सराज विधानसभा क्षेत्र की 15 दुर्गम पंचायतों के लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें एक ऐसे पुल की सौगात मिलेगी जो उन्हें सड़क मार्ग से सीधे नेशनल हाईवे के साथ जोड़ देगा. लेकिन आज इस सौगात को अपनी आंखों के सामने देख, लोग फूले नहीं समा रहे हैं. राज्य सरकार ने हणोगी के पास द्रंग और सराज विधानसभा क्षेत्रों को आपस में सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए 25 करोड़ की लागत से प्रदेश का पहला डबल लेन केबल स्टेड ब्रिज बनाकर जनता के हवाले कर दिया है.

इस पुल के बन जाने से अब सराज विधानसभा क्षेत्र की 15 दुर्गम पंचायतें सीधे नेशनल हाईवे के साथ (cable stayed bridge in seraj) जुड़ गई हैं. खाहरी, खोलानाल, नलवागी, कशौड़, कल्हणी और सराची सहित अन्य दुर्गम पंचायतों में पहले सड़क सुविधा नहीं थी. यहां के लोगों को नेशनल हाईवे अपने सामने तो नजर आता था, लेकिन बीच में बहने वाली ब्यास नदी उस फासले को कोसो दूर कर देती थी. पैदल चलने के लिए हणोगी के पास 50 वर्ष पहले एक झूला पुल बनाया गया था.

सराज में डबल लेन केबल स्टे ब्रिज.

सड़क मार्ग से हाईवे तक आने के लिए 50 से 60 किमी का सफर तय करना पड़ता था. लेकिन अब सड़क और पुल की सुविधा मिल जाने से यह इलाका हाईवे से पूरी तरह से जुड़ गया है. लोगों ने इसके लिए राज्य सरकार और सीएम जयराम ठाकुर का आभार जताया है. लोगों का कहना है कि जयराम ठाकुर ने उनकी पीठ का बोझ पूरी तरह से उतार दिया है.

सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि जब वे विधायक थे तो उस वक्त उन्होंने इन 15 पंचायतों के लोगों से पुल बनाने का वादा किया था और विधायक प्राथमिकता में इसे शामिल किया था. जब उन्हें प्रदेश में बतौर सीएम कार्य करने का मौका मिला तो उन्होंने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करवाया. ब्यास नदी से इतनी अधिक उंचाई पर पुल बनाना संभव नहीं था तो इसके लिए केबल स्टेड तकनीक का सहारा लिया गया.

सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि सराज की यह 15 पंचायतें अब पर्यटन की दृष्टि से उभर कर सामने आएंगी और लोगों को सुविधा के साथ रोजगार भी मिलेगा. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इससे पहले इक्का-दुक्का ही केबल स्टेयड ब्रिज बन पाए हैं. यह प्रदेश का पहला डबल लेन केबल स्टेड ब्रिज (double lane cable stayed bridge in seraj) है. इस ब्रिज के बन जाने से अब लोगों की पीठ का बोझ पूरी तरह से उतर गया है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर पहुंचे जेपी नड्डा का जोरदार स्वागत, लेकिन धूमल रहे गैरहाजिर, सियासी चर्चाएं शुरू

Last Updated : Oct 2, 2022, 5:32 PM IST
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