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प्रधानाचार्य, डीपीई के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश, अध्यापिका के खिलाफ रचा था षड़यंत्र - District Court mandi

उप निदेशक उच्च शिक्षा अशोक कुमार शर्मा, रावमापा तरौर के प्रधानाचार्य महेन्द्र सिंह और रावमापा बगला के डीपीई संजय यादव के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509, 218 और 120-बी के तहत दर्ज करने के आदेश दिए हैं. दो साल पहले अध्यापिका को अपमानित करने का आरोप है.

court order for FIR registered of Insulted teacher
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Published : Sep 11, 2019, 10:16 PM IST

मंडी: अध्यापिका को अपमानित करने, झूठा रिकॉर्ड तैयार करने और षड़यंत्र रचने के मामले में अदालत ने उपनिदेशक, प्रधानाचार्य और डीपीई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिभा नेगी ने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पैड़ी में कार्यरत पीजीटी (अंग्रेजी) अध्यापिका ओर से धारा 156(3) के तहत दायर याचिका को स्वीकार किया है. उप निदेशक उच्च शिक्षा अशोक कुमार शर्मा, रावमापा तरौर के प्रधानाचार्य महेन्द्र सिंह और रावमापा बगला के डीपीई संजय यादव के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509, 218 और 120-बी के तहत दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि अधिवक्ता रूपिन्द्र सिंह के माध्यम से अदालत में दायर याचिका के अनुसार शिकायतकर्ता मई 2017 में रावमापा पैड़ी में नियुक्त हुई थी. शिकायतकर्ता के मुताबिक पाठशाला में आने के बाद से ही पाठशाला के प्रधानाचार्य और डीपीई ने उसकी शारीरिक बनावट को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां करके प्रताड़ित करना शुरू किया था. इसी सिलसिले में 24 अक्टूबर 2017 को प्रधानाचार्य ने शिकायतकर्ता को सुबह की प्रार्थना के समय अपमानित करके चिल्लाते हुए उसे वहां से जाने और पीछे खड़े होने को कहा था. ऐसे में शिकायतकर्ता ने प्रधानाचार्य के माध्यम से उपनिदेशक को अर्जी देकर इस मामले का निराकरण करने को कहा था, लेकिन प्रधानाचार्य ने अर्जी लेने से इंकार कर दिया.

शिकायतकर्ता ने डाक के माध्यम से उपनिदेशक और प्रधानाचार्य को अपनी अर्जी भेजी थी. इसके बाद प्रधानाचार्य और डीपीई ने षडयंत्र रचते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठा रिकॉर्ड और जांच रिपोर्ट तैयार की. सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी से पता चला कि उपनिदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट में सारे सही तथ्यों को छिपाया है. ऐसे में अध्यापिका ने अदालत में याचिका दायर की थी. अदालत ने शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर माना कि आरोपियों के खिलाफ अध्यापिका को अपमानित करने, झूठा रिकॉर्ड तैयार करने और षड़यंत्र रचने का मामला दर्ज होना चाहिए.

मंडी: अध्यापिका को अपमानित करने, झूठा रिकॉर्ड तैयार करने और षड़यंत्र रचने के मामले में अदालत ने उपनिदेशक, प्रधानाचार्य और डीपीई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिभा नेगी ने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पैड़ी में कार्यरत पीजीटी (अंग्रेजी) अध्यापिका ओर से धारा 156(3) के तहत दायर याचिका को स्वीकार किया है. उप निदेशक उच्च शिक्षा अशोक कुमार शर्मा, रावमापा तरौर के प्रधानाचार्य महेन्द्र सिंह और रावमापा बगला के डीपीई संजय यादव के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 509, 218 और 120-बी के तहत दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि अधिवक्ता रूपिन्द्र सिंह के माध्यम से अदालत में दायर याचिका के अनुसार शिकायतकर्ता मई 2017 में रावमापा पैड़ी में नियुक्त हुई थी. शिकायतकर्ता के मुताबिक पाठशाला में आने के बाद से ही पाठशाला के प्रधानाचार्य और डीपीई ने उसकी शारीरिक बनावट को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां करके प्रताड़ित करना शुरू किया था. इसी सिलसिले में 24 अक्टूबर 2017 को प्रधानाचार्य ने शिकायतकर्ता को सुबह की प्रार्थना के समय अपमानित करके चिल्लाते हुए उसे वहां से जाने और पीछे खड़े होने को कहा था. ऐसे में शिकायतकर्ता ने प्रधानाचार्य के माध्यम से उपनिदेशक को अर्जी देकर इस मामले का निराकरण करने को कहा था, लेकिन प्रधानाचार्य ने अर्जी लेने से इंकार कर दिया.

शिकायतकर्ता ने डाक के माध्यम से उपनिदेशक और प्रधानाचार्य को अपनी अर्जी भेजी थी. इसके बाद प्रधानाचार्य और डीपीई ने षडयंत्र रचते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठा रिकॉर्ड और जांच रिपोर्ट तैयार की. सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी से पता चला कि उपनिदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट में सारे सही तथ्यों को छिपाया है. ऐसे में अध्यापिका ने अदालत में याचिका दायर की थी. अदालत ने शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर माना कि आरोपियों के खिलाफ अध्यापिका को अपमानित करने, झूठा रिकॉर्ड तैयार करने और षड़यंत्र रचने का मामला दर्ज होना चाहिए.

Intro:मंडी। अध्यापिका को अपमानित करने, झूठा रिकार्ड तैयार करने और षडयंत्र रचने के एक मामले में अदालत ने उपनिदेशक, प्रधानाचार्य और डीपीई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने संबंधित थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इस मामले में सही तरीके से तहकीकात करने के निर्देश दिये हैं। Body:न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर (2) प्रतिभा नेगी के न्यायलय ने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पैड़ी में कार्यरत पीजीटी (अंग्रेजी) अध्यापिका आशा वर्मा की ओर से आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत दायर याचिका को स्वीकार करते हुए उप निदेशक उच्च शिक्षा अशोक कुमार शर्मा, रावमापा तरौर के प्रधानाचार्य महेन्द्र सिंह और रावमापा बगला के डीपीई संजय यादव के खिलाफ प्रथम दृष्टया भादंस की धारा 509, 218 और 120-बी के तहत मामला बनने के कारण प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में पुलिस तहकीकात जरूरी है जिससे सही नतीजे पर पहुंचा जा सके। अधिवक्ता रूपिन्द्र सिंह के माध्यम से अदालत में दायर याचिका के अनुसार शिकायतकर्ता मई 2017 में रावमापा पैड़ी में नियुक्त हुई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक पाठशाला में आने के बाद से ही पाठशाला के प्रधानाचार्य और डीपीई ने उसकी शारीरिक बनावट को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां करके प्रताडित करना शुरू कर दिया। इसी सिलसिले में 24 अक्तूबर 2017 को प्रधानाचार्य ने शिकायतकर्ता को सुबह की प्रार्थना के समय अपमानित करके चिल्लाते हुए उसे वहां से जाने और पीछे खड़े होने को कहा। ऐसे में शिकायतकर्ता ने प्रधानाचार्य के माध्यम से उपनिदेशक को अर्जी देकर इस मामले का निराकरण करने को कहा था। लेकिन प्रधानाचार्य ने अर्जी लेने से इंकार कर दिया। जिसके चलते शिकायतकर्ता ने डाक के माध्यम से उपनिदेशक और प्रधानाचार्य को अपनी अर्जी भेजी थी। इसके बाद प्रधानाचार्य और डीपीई ने षडयंत्र रचते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठा रिकार्ड और जांच रिपोर्ट तैयार की। सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी से पता चला कि उपनिदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट में सारे सही तथ्यों को छिपाया है। इतना ही नहीं थाना प्रभारी और जिला पुलिस अधीक्षक ने भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अध्यापिका ने अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर माना कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। जिसके चलते अदालत ने अध्यापिका को अपमानित करने, झूठा रिकार्ड तैयार करने और षडयंत्र रचने की प्राथमिकी दर्ज करने और किसी नतीज पर पहुंचने के लिए सही तरीके से तहकीकात करने के निर्देश दिए हैं। Conclusion:
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