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करसोग की 54 पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियों का गठन, जानें इनकी शक्तियां

करसोग में लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए करसोग उपमंडल की सभी 54 पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है. जो गांव में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों सहित बाउड़ियों की भी देखरेख करेंगी.

Constitution of Rural Drinking Water Sanitation Committees in all Panchayats of Karsog
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Published : Oct 24, 2020, 12:41 PM IST

करसोगः जिला में लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए करसोग उपमंडल की सभी 54 पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है. जो गांव में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों सहित बाउड़ियों की भी देखरेख करेंगी.

यही नहीं गांव में बाउड़ियां या प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूखने से पैदा होने वाले पेयजल संकट से निपटने में भी ये समितियां सक्षम होगी. ये समिति गांव में नई पेयजल लाइन बिछाने के लिए प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग को भेज सकती हैं. जिस पर विभाग की ओर से फील्ड अधिकारी गांव के लिए नई योजना तैयार करेंगे.

वीडियो रिपोर्ट

स्वच्छता बनाए रखने में भी समितियां अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. पेयजल स्त्रोतों की साफ सफाई के अलावा गांव को साफ सुधरना रखने के लिए भी समिति कार्य करेगी. इसके अलावा गांव को दी जाने वाली पेयजल सप्लाई सहित प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों से भी समिति को पानी के सैंपल भरने का भी अधिकार होगा. ताकि ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो.

इसके लिए हर पंचायत में गठित की गई ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति को पानी के सैंपल भरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा. अभी तक कई पंचायतों में प्रशिक्षण देने का कार्य भी पूरा हो चुका है. जल शक्ति विभाग ने हर पंचायत को फील्ड किट उपलब्ध करवा रखी है, जिससे समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों के सैंपल भरे जा सकें. ऐसे में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति को बहुत सी शक्तियां प्रदान की गई है.

जल शक्ति विभाग ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सुंदर लाल ने बताया कि हर पंचायत में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति का गठन किया गया. इन समितियों की भूमिका पानी के सैंपल भरने सहित प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों की साफ सफाई रखना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ये समितियां गांव को पेयजल लाइन बिछाने के लिए भी प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग को भेज सकती है.

करसोगः जिला में लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए करसोग उपमंडल की सभी 54 पंचायतों में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समितियों का गठन किया गया है. जो गांव में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों सहित बाउड़ियों की भी देखरेख करेंगी.

यही नहीं गांव में बाउड़ियां या प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूखने से पैदा होने वाले पेयजल संकट से निपटने में भी ये समितियां सक्षम होगी. ये समिति गांव में नई पेयजल लाइन बिछाने के लिए प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग को भेज सकती हैं. जिस पर विभाग की ओर से फील्ड अधिकारी गांव के लिए नई योजना तैयार करेंगे.

वीडियो रिपोर्ट

स्वच्छता बनाए रखने में भी समितियां अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. पेयजल स्त्रोतों की साफ सफाई के अलावा गांव को साफ सुधरना रखने के लिए भी समिति कार्य करेगी. इसके अलावा गांव को दी जाने वाली पेयजल सप्लाई सहित प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों से भी समिति को पानी के सैंपल भरने का भी अधिकार होगा. ताकि ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो.

इसके लिए हर पंचायत में गठित की गई ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति को पानी के सैंपल भरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा. अभी तक कई पंचायतों में प्रशिक्षण देने का कार्य भी पूरा हो चुका है. जल शक्ति विभाग ने हर पंचायत को फील्ड किट उपलब्ध करवा रखी है, जिससे समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों के सैंपल भरे जा सकें. ऐसे में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति को बहुत सी शक्तियां प्रदान की गई है.

जल शक्ति विभाग ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सुंदर लाल ने बताया कि हर पंचायत में ग्रामीण पेयजल स्वच्छता समिति का गठन किया गया. इन समितियों की भूमिका पानी के सैंपल भरने सहित प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों की साफ सफाई रखना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ये समितियां गांव को पेयजल लाइन बिछाने के लिए भी प्रस्ताव पारित कर जल शक्ति विभाग को भेज सकती है.

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