मंडी: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Himachal Assembly Elections 2022) को लेकर भाजपा ने नारा दिया है कि इस बार 'सरकार नहीं, रिवाज बदलेंगे'. भाजपा यह नारा फलीभूत होता है या नहीं, इसका पता तो चुनावों के परिणामों के बाद ही चल पाएगा, लेकिन चुनावों से पहले इस बार प्रदेश में एक ऐसा रिवाज बदल गया, जिसके बारे में शायद सोचा भी नहीं जा सकता था और वो रिवाज है चार्जशीट का. (BJP Mission Repeat in Himachal)
हिमाचल विधानसभा चुनावों से लगभग एक या डेढ़ महीना पहले विपक्षी दल की तरफ से सत्तापक्ष पर आरोपों की बौछार करने के लिए एक चार्जशीट बनाकर राज्यपाल को सौंपी जाती थी. उसके बाद फिर चुनावों के दौरान यही चार्जशीट सबसे बड़ा मुद्दा भी बनकर रह जाती थी, लेकिन इस बार विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस इस चार्जशीट को लाने में पूरी तरह से नाकाम रही है. कांग्रेस ने इस बार चार्जशीट पेश करने के 'रिवाज' को पूरी तरह से बदल डाला है. (Congress charge sheet against Government)
क्या भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के पास मुद्दा ही नहीं?: चार्जशीट न लाने पाने के बाद अब एक सवाल यह भी लोगों के जहन में उठ रहा है कि क्या कांग्रेस के पास मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा ही नहीं. जो आरोप विपक्ष की तरफ से लगाए जा रहे हैं उन्हें तथ्यों के साथ पेश करने में कांग्रेस पार्टी नाकाम कैसे रह गई, जबकि चार्जशीट पर काम करने के लिए बाकायदा कमेटी का गठन किया गया था. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अभी तक अपनी चार्जशीट को ही सही ढंग से नहीं बना पाई है.
'चार्जशीट बनाकर हाईकमान को सौंप दी है': इस बारे में जब कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित चार्जशीट कमेटी के चेयरमैन राजेश धर्माणी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, उनकी तरफ से समय रहते चार्जशीट कांग्रेस हाईकमान को सौंप दी गई है. उसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. चार्जशीट पर हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगी कि इसे कब जारी करना है. उन्होंने कहा कि, मुझे जो दायित्व सौंपा गया था मैंने उसका बखूबी निर्वहन कर दिया है.
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