ETV Bharat / city

मंडी शिवरात्रि महोत्सव की शोभा बढ़ाने के लिए मूल स्थान से रवाना हुए बड़ा देव कमरूनाग और देव हुरंग नारायण - DC Mandi Arindam Chaudhary

मंडी शिवरात्रि महोत्सव (International Mandi Shivratri Festival) की शोभा बढ़ाने के लिए मंडी जनपद के अराध्य माने जाने वाले बड़ा देव कमरूनाग (Bada Dev Kamrunag) और चौहार घाटी के अधिष्ठाता देव हुरंग नारायण (Dev Hurang Narayan) मंगलवार को अपने मूल स्थान से मंडी के लिए निकल गए हैं. देव कमरूनाग एक सप्ताह की पैदल यात्रा के बाद 28 फरवरी को मंडी पहुंचेंगे.

Mandi Shivratri festival
मंडी शिवरात्रि महोत्सव
author img

By

Published : Feb 22, 2022, 3:43 PM IST

मंडी: अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव (International Mandi Shivratri Festival) की शोभा बढ़ाने के लिए मंडी जनपद के अराध्य माने जाने वाले बड़ा देव कमरूनाग (Bada Dev Kamrunag) और चौहार घाटी के अधिष्ठाता देव हुरंग नारायण (Dev Hurang Narayan) मंगलवार को अपने मूल स्थान से मंडी के लिए निकल गए हैं. देव कमरूनाग की छड़ी ज्यूणी घाटी के कांडी कमरूनाग गांव के पास बने भंडार में रखी होती है. देव कमरूनाग एक सप्ताह की पैदल यात्रा के बाद 28 फरवरी को मंडी पहुंचेंगे.

यहां पहुंचने पर जिला प्रशासन की तरफ से डीसी मंडी अरिंदम चौधरी (DC Mandi Arindam Chaudhary) उनका स्वागत करेंगे. इसके बाद देव कमरूनाग पूरे महोत्सव के दौरान टारना माता मंदिर परिसर में विराजमान रहेंगे. यहां बड़ी संख्या में भक्त उनके दर्शनों के लिए पहुंचते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. देव कमरूनाग के साथ उनके गुर और अन्य कारदार पूरे बाजे-गाजे के साथ मंडी के लिए चल पड़े हैं.

सात्विक इच्छाएं तत्काल पूरी करने वाले अधिष्ठाता देव हुरंग नारायण की जनपद में काफी मान्यता है. लोक आस्था में देव हुरंग नारायण चौहार घाटी के सबसे बड़े देवता स्वीकार किए गए हैं. मंडी जनपद में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि मेले का इतिहास सदियों पुराना है. वहीं, देव हुरंग नारायण का मंडी वासियों से उतना ही प्रगाढ़ संबंध रहा है.

देव कमरूनाग जब तक मंडी नहीं पहुंचते, तब तक शिवरात्रि महोत्सव (Mandi Shivratri festival) का आगाज नहीं होता. हालांकि तैयारियां पहले से ही चल रही होती हैं और जब देव कमरूनाग मंडी पहुंचते हैं, उसके बाद ही अन्य देवी-देवता भी मंडी पहुंचते हैं. सबसे पहले बड़ा देव कमरूनाग का छोटी काशी मंडी में आगमन होता है. देव कमरूनाग साल में सिर्फ एक बार मंडी आते हैं और इस महोत्सव में भाग लेते हैं.

ये भी पढ़ें: राजकीय महाविद्यालय सलूणी में प्रिंसिपल और प्रोफेसर के पद खाली, छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

मंडी: अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि महोत्सव (International Mandi Shivratri Festival) की शोभा बढ़ाने के लिए मंडी जनपद के अराध्य माने जाने वाले बड़ा देव कमरूनाग (Bada Dev Kamrunag) और चौहार घाटी के अधिष्ठाता देव हुरंग नारायण (Dev Hurang Narayan) मंगलवार को अपने मूल स्थान से मंडी के लिए निकल गए हैं. देव कमरूनाग की छड़ी ज्यूणी घाटी के कांडी कमरूनाग गांव के पास बने भंडार में रखी होती है. देव कमरूनाग एक सप्ताह की पैदल यात्रा के बाद 28 फरवरी को मंडी पहुंचेंगे.

यहां पहुंचने पर जिला प्रशासन की तरफ से डीसी मंडी अरिंदम चौधरी (DC Mandi Arindam Chaudhary) उनका स्वागत करेंगे. इसके बाद देव कमरूनाग पूरे महोत्सव के दौरान टारना माता मंदिर परिसर में विराजमान रहेंगे. यहां बड़ी संख्या में भक्त उनके दर्शनों के लिए पहुंचते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. देव कमरूनाग के साथ उनके गुर और अन्य कारदार पूरे बाजे-गाजे के साथ मंडी के लिए चल पड़े हैं.

सात्विक इच्छाएं तत्काल पूरी करने वाले अधिष्ठाता देव हुरंग नारायण की जनपद में काफी मान्यता है. लोक आस्था में देव हुरंग नारायण चौहार घाटी के सबसे बड़े देवता स्वीकार किए गए हैं. मंडी जनपद में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि मेले का इतिहास सदियों पुराना है. वहीं, देव हुरंग नारायण का मंडी वासियों से उतना ही प्रगाढ़ संबंध रहा है.

देव कमरूनाग जब तक मंडी नहीं पहुंचते, तब तक शिवरात्रि महोत्सव (Mandi Shivratri festival) का आगाज नहीं होता. हालांकि तैयारियां पहले से ही चल रही होती हैं और जब देव कमरूनाग मंडी पहुंचते हैं, उसके बाद ही अन्य देवी-देवता भी मंडी पहुंचते हैं. सबसे पहले बड़ा देव कमरूनाग का छोटी काशी मंडी में आगमन होता है. देव कमरूनाग साल में सिर्फ एक बार मंडी आते हैं और इस महोत्सव में भाग लेते हैं.

ये भी पढ़ें: राजकीय महाविद्यालय सलूणी में प्रिंसिपल और प्रोफेसर के पद खाली, छात्रों की पढ़ाई हो रही प्रभावित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.