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CM के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की कवायद तेज, AAI की टीम ने किया सर्वेक्षण

मंडी के बल्ह में प्रदेश के पहले प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम ने एयरपोर्ट का सर्वेक्षण किया. यह टीम रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी.

mandi international airport
मंडी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
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Published : Jul 14, 2020, 8:52 AM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की कवायद तेज हो गई है. सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अहम मंडी के बल्ह में प्रदेश के पहले प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम ने हवाई अड्डे के दोनों छोर का सर्वेक्षण किया.

बड़े विमान उतारने को टीम ने कंसा, सुकेती खड्ड, भोर व डूगराई क्षेत्र में हवाई पट्टी के एंडिंग और ओपनिंग प्वाइंट्स का सर्वे किया. हवाई पट्टी करीब पांच किलोमीटर की होगी. यह टीम रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी. सर्वेक्षण में दोनों प्वाइंट्स को हरी झंडी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. छह सदस्यों की टीम भारत सरकार के उपक्रम वैपकास से आई थी.

mandi international airport
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित जमीन

टीम में एयरपोर्ट सेक्टर एक्सपर्ट राजकुमार निर्वाणा, प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज दुबे, ट्रांसपोर्ट इंजीनियर रामप्रकाश गुप्ता, सीनियर आर्किटेक्ट रश्मि द्विवेदी, आर्किटेक्ट अक्षय तिवारी, इंजीनियर पंकज भारद्वाज शामिल थे. मंडी जिला की बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में सरकार पिछले दो वर्षों से काम कर रही है. लगभग 3500 बीघा भूमि एयरपोर्ट की जद में आएगी. इस में डडौर, कुम्मी, स्यांह, छातड़ू, टावां, जरलू, भौर, ढाबण व डुगराईं से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा.

एयरपोर्ट पर होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी. एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने के बाद इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का 51 और राज्य सरकार का 49 फीसदी शेयर रहेगा. इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण दो चरणों में होगा. पहले चरण में 2400 मीटर लंबा रनवे बनाया जाएगा. इस पर कुल खर्च करीब 2000 करोड़ आएगा. मंडी में एयरपोर्ट बनने पर पर्यटन को फायदा मिलेगा. मंडी प्रदेश के केंद्र में स्थित है. शिमला और धर्मशाला के लिए सड़क मार्ग से बल्ह के लिए चार घंटे का समय लग जाता है. वहीं, कुल्लू और मनाली के लिए भी इतना ही समय लगता है.

एयरपोर्ट बनने के बाद स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू और शिमला में एयरपोर्ट हैं. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से आई सर्वेक्षण टीम ने मंडी जिला के बल्ह में प्रस्तावित एयरपोर्ट का सर्वेक्षण किया. प्रस्तावित एयरपोर्ट के निर्माण से पहले ऐसे तकनीकी सर्वेक्षण अनिवार्य होते हैं. यह सर्वेक्षण भी इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है.

ये भी पढ़े: सरकार की प्रभावी नीतियों से कोरोना रिकवरी रेट बढ़ा: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर

मंडी: हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की कवायद तेज हो गई है. सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अहम मंडी के बल्ह में प्रदेश के पहले प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम ने हवाई अड्डे के दोनों छोर का सर्वेक्षण किया.

बड़े विमान उतारने को टीम ने कंसा, सुकेती खड्ड, भोर व डूगराई क्षेत्र में हवाई पट्टी के एंडिंग और ओपनिंग प्वाइंट्स का सर्वे किया. हवाई पट्टी करीब पांच किलोमीटर की होगी. यह टीम रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी. सर्वेक्षण में दोनों प्वाइंट्स को हरी झंडी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. छह सदस्यों की टीम भारत सरकार के उपक्रम वैपकास से आई थी.

mandi international airport
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित जमीन

टीम में एयरपोर्ट सेक्टर एक्सपर्ट राजकुमार निर्वाणा, प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज दुबे, ट्रांसपोर्ट इंजीनियर रामप्रकाश गुप्ता, सीनियर आर्किटेक्ट रश्मि द्विवेदी, आर्किटेक्ट अक्षय तिवारी, इंजीनियर पंकज भारद्वाज शामिल थे. मंडी जिला की बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण में सरकार पिछले दो वर्षों से काम कर रही है. लगभग 3500 बीघा भूमि एयरपोर्ट की जद में आएगी. इस में डडौर, कुम्मी, स्यांह, छातड़ू, टावां, जरलू, भौर, ढाबण व डुगराईं से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा.

एयरपोर्ट पर होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी. एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने के बाद इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का 51 और राज्य सरकार का 49 फीसदी शेयर रहेगा. इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण दो चरणों में होगा. पहले चरण में 2400 मीटर लंबा रनवे बनाया जाएगा. इस पर कुल खर्च करीब 2000 करोड़ आएगा. मंडी में एयरपोर्ट बनने पर पर्यटन को फायदा मिलेगा. मंडी प्रदेश के केंद्र में स्थित है. शिमला और धर्मशाला के लिए सड़क मार्ग से बल्ह के लिए चार घंटे का समय लग जाता है. वहीं, कुल्लू और मनाली के लिए भी इतना ही समय लगता है.

एयरपोर्ट बनने के बाद स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू और शिमला में एयरपोर्ट हैं. डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से आई सर्वेक्षण टीम ने मंडी जिला के बल्ह में प्रस्तावित एयरपोर्ट का सर्वेक्षण किया. प्रस्तावित एयरपोर्ट के निर्माण से पहले ऐसे तकनीकी सर्वेक्षण अनिवार्य होते हैं. यह सर्वेक्षण भी इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है.

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