मंडी: प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में मंडी जिले के चयनित 74 गांवों का कायाकल्प होगा. योजना के तहत चयनित प्रत्येक गांव (50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव) के आदर्श विकास के लिए अंतर पाटन निधि (गैप फिलिंग फंड) के तौर पर 20-20 लाख रुपये मिलेंगे. इसके अलावा विभिन्न विभागों की योजनाओं के कन्वर्जेंस से इन गांवों के समग्र विकास से जुड़े कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाएगा. उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने यह जानकारी दी है.
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की समीक्षा बैठक में उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में विभिन्न चरणों में मंडी जिला के 10 विकास खंडों के 74 गांव चयनित किए गए हैं. इनमें 2019-20 में 26 और 2020-21 में 39 गांव जबकि 2018-19 में 9 गांव चयनित हुए हैं. इन गावों की विकास योजना बनाने के लिए संबंधित पंचायत प्रधान के नेतृत्व में हर जगह ग्रामस्तर पर अभिसरण समिति गठित की गई है.
30 नवंबर तक पूरा करें ग्राम विकास योजना बनाने का शेष काम
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि चयनित गांवों में जहां अभी ग्राम विकास योजना नहीं बनाई गई हैं, वहां एक महीने के भीतर इस काम को पूरा किया जाए. उन्होंने चयनित गांवों में संबंधित पंचायत प्रधानों व सचिवों को ग्राम अभिसरण समितियों की बैठकें आयोजित कर 30 नवंबर से पहले अंतरिम ग्राम विकास योजना बनाकर अनुमोदन के लिए जिला समिति को सौंपने को कहा है.
उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को भी निर्देश दिए कि वे चयनित गांवों में अपने विभाग से जुड़ी योजनाओं के तहत शत प्रतिशत कवरेज और लाभ देने के लिए समर्पित प्रयास करें. अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति उप योजना के तहत भी विकास कार्यों की फंडिंग के लिए कार्ययोजना बनाएं.
किस विकास खंड से कितने गांव
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में विकास खंड बल्ह के 25 गांव, सुंदरनगर के 12, गोहर के 11, बालीचौकी के 4, चौंतड़ा के 5, सराज के 2, मंडी सदर के 8, करसोग के 5 और सरकाघाट व धर्मपुर विकासखंड के 1-1 गांव का चयन हुआ है.
ये हैं सुधार के 10 कार्यक्षेत्र
योजना के तहत पेयजल और स्वच्छता. शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें और आवास, विद्युत और स्वच्छ ईंधन, कृषि प्रणालियां, वित्तीय समावेशन, डीजीटलीकरण, जीवन यापन और कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा किया जाएगा.