करसोगः प्रदेश सरकार भले ही हर घर में जल देने के दावे कर रही हो, लेकिन उपमंडल करसोग के तहत मशोग पंचायत के चार गांव में करीब 50 परिवारों के घरों में पिछले 20 सालों से सरकारी नल ही नहीं हैं, जबकि इस बीच प्रदेश में कई सरकारें आई और गई. ऐसे में ग्रामीणों ने व्यक्तिगत तौर पर 4 किलोमीटर दूर से प्लास्टिक की पाइपें बिछाकर अपने लिए पानी का जुगाड़ किया है.
इसी पानी को ग्रामीण सिंचाई के साथ-साथ पीने के भी उपयोग में भी ला रहे है. हर परिवार ने प्लास्टिक की लाइनें बिछाने पर 30 से 50 हजार खर्च किए है. हैरानी की बात है. मशोग वार्ड में न तो लोगों के घरों में सरकारी नल है और न ही क्षेत्र में कोई पब्लिक टैप लगा है. यहां सिर्फ सरकारी स्कूल में ही जलशक्ति विभाग ने नल का कनेक्शन दिया है. जिसमें साल भर में मुश्किल से एक या दो बार ही सप्लाई दी जाती है.
लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं
इसी तरह से मशोग पंचायत के पन्यालु, शमांद आदि गांव में भी लोग सरकारी नल के लिए तरस गए हैं. हालांकि ग्रामीण विभिन्न मंचों के माध्यम से जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से इस मामले को लेकर कई बार उठा चुके है, लेकिन वर्षों से गुहार लगा रहे लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.
विभाग के समक्ष रखी समस्या
इसी कड़ी में मंगलवार को चुराग जिला परिषद वार्ड से नव निर्वाचित सदस्य चेतन गुलेरिया की अध्यक्षता में ग्रामीण जल शक्ति विभाग करसोग डिवीजन के अधिशासी अभियंता से मिले और समस्या के स्थाई समाधान की गुहार लगाई है.
आवेदन करने पर विभाग देगा कनेक्शन
वहीं, जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक भूपल का कहना है कि ऐसा कोई मामला ध्यान में नही है. सरकार की प्राथमिकता हर घर में नल देने की है. ऐसे में अगर किसी घर में अगर नल नहीं है तो इसके लिए लोग आवेदन कर सकते हैं. जिससे घरों में तुरन्त प्रभाव से कनेक्शन दिया जाएगा.
लोगों को नहीं मिला योजना का लाभ
वहीं, चुराग वार्ड से जिला परिषद सदस्य चेतन गुलेरिया का कहना है कि ग्राम पंचायत मशोग के चार गांवों में लोगों के घर पर एक भी निजी नल नहीं है और न यहां कोई पब्लिक टैप लगाया गया है. इस तरह की समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण अधिशाषी अभियंता से मिले. उन्होंने कहा कि लोगों शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है, लेकिन मशोग पंचायत का दुर्भाग्य है कि यहां लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिला.
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