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4 सालों से निर्माणाधीन सड़क पर ग्रामीणों ने उठाये सवाल, सरकार को दी ये चेतावनी

उपमंडल आनी के रुमाली से डीम तक जाने वाले मार्ग का काम पूरा ना होने पर स्थानीय लोगों ने सरकार से इसकी जांच करने की अपील की है. साथ ही लोगों ने काम पूरा ना होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

villagers raised questions on the rumali road construction
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Published : Sep 20, 2020, 2:08 PM IST

आनी: दुर्गम क्षेत्र डीम की जीवन रेखा कही जाने वाले निरमंड मंडल की दलाश में रुमाली से डीम तक जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य पर क्षेत्र की जनता ने सवाल उठाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तीन करोड़ 88 लाख रुपये की अनुमानित लागत से करीब छह किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जाना था, जिसका भूमि पूजन साल 2016 में किया गया था, लेकिन अभी तक सड़क का काम पूरा नहीं हुआ है.

स्थानीय निवासी विक्रम राज ने बताया कि सड़क को बनाने का काम जुलाई 2018 में पूरा किया जाना था, लेकिन कछुआ चाल से चल रहे कार्य के चलते अभी तक 20 से 30 प्रतिशत ही काम ठेकेदार ने किया है. लोक निर्माण विभाग निर्माण कार्य के बदले ठेकेदार को करीब 60 से 70 प्रतिशत का भुगतान कर चुका है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेब सीजन में सेब की एक क्रेट को सड़क तक पहुंचाने का भाड़ा 100 रुपये देना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है.

वीडियो.

पंचायत समिति आनी के पूर्व उपाध्यक्ष यज्ञदत्त ठाकुर ने बताया कि इस सड़क के निर्माण से बुछैर और लझेरी पंचायतों के दुर्गम गांव शिलआरण, थनाच, उपरला थनाच, अनुसूचित जाति की बस्ती जाखनाली, खवाड़ी, जाजू, डीम, छलाली और बांडा गांवों की करीब 1200 आबादी को लाभ मिलना था, लेकिन सड़क का काम पूरा न होने के चलते उपरोक्त गांव के लोग मरीज को कई किलोमीटर तक चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचा रहे हैं. वहीं, गांव के कई लोग एक्सईएन से मिले, जिससे उन्हें काम जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है.

वहीं, ग्रामीणों ने सरकार से सड़क के निर्माण कार्य की जांच करने की गुहार लगाई है. साथ ही चेताया है कि सड़क का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए नहीं तो आंदोलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: सतौन-भटरोग मार्ग पर लोगों की आवााजही के लिए लोहे का ब्रिज तैयार, ग्रामीणों ने जताया आभार

आनी: दुर्गम क्षेत्र डीम की जीवन रेखा कही जाने वाले निरमंड मंडल की दलाश में रुमाली से डीम तक जाने वाली सड़क के निर्माण कार्य पर क्षेत्र की जनता ने सवाल उठाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तीन करोड़ 88 लाख रुपये की अनुमानित लागत से करीब छह किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जाना था, जिसका भूमि पूजन साल 2016 में किया गया था, लेकिन अभी तक सड़क का काम पूरा नहीं हुआ है.

स्थानीय निवासी विक्रम राज ने बताया कि सड़क को बनाने का काम जुलाई 2018 में पूरा किया जाना था, लेकिन कछुआ चाल से चल रहे कार्य के चलते अभी तक 20 से 30 प्रतिशत ही काम ठेकेदार ने किया है. लोक निर्माण विभाग निर्माण कार्य के बदले ठेकेदार को करीब 60 से 70 प्रतिशत का भुगतान कर चुका है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेब सीजन में सेब की एक क्रेट को सड़क तक पहुंचाने का भाड़ा 100 रुपये देना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है.

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पंचायत समिति आनी के पूर्व उपाध्यक्ष यज्ञदत्त ठाकुर ने बताया कि इस सड़क के निर्माण से बुछैर और लझेरी पंचायतों के दुर्गम गांव शिलआरण, थनाच, उपरला थनाच, अनुसूचित जाति की बस्ती जाखनाली, खवाड़ी, जाजू, डीम, छलाली और बांडा गांवों की करीब 1200 आबादी को लाभ मिलना था, लेकिन सड़क का काम पूरा न होने के चलते उपरोक्त गांव के लोग मरीज को कई किलोमीटर तक चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचा रहे हैं. वहीं, गांव के कई लोग एक्सईएन से मिले, जिससे उन्हें काम जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है.

वहीं, ग्रामीणों ने सरकार से सड़क के निर्माण कार्य की जांच करने की गुहार लगाई है. साथ ही चेताया है कि सड़क का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाए नहीं तो आंदोलन किया जाएगा.

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