कुल्लू: जिला की सैंज घाटी में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमानी चली रही है. पिछडी पंचायत शांघड के सीनियर सकेंडरी स्कूल में भेजी गई अंग्रेजी की प्रवक्ता को विभाग के अधिकारियों ने ज्वाइनिंग के बाद दो घंटे में ही प्रतिनियुक्ति पर कुल्लू बुला लिया.
जिला परिषद अध्यक्ष रोहिणी चौधरी की अगुवाई में शांघड के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधमंडल शिक्षा उप निदेशक कुल्लू से मिला. प्रतिनियुक्ति पर बुलाई गई प्रवक्ता को तुरंत वापस भेजने का आग्रह किया.
ग्रामीण रमेश कुमार ने कहा कि शांघड स्कूल में अध्यापकों के सात पद खाली है, जिससे बच्चों की पढ़ाई ठप्प हो गई है. पिछले कई सालों से अध्यापकों की कमी से जूझ रहे स्कूल में बीते दिनों सरकार ने अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता की नियुक्ति की दो घंटे में हो गई. उन्होंने बताया कि शिक्षकों की कमी झेल रही इस स्कूल में इस तरह से प्रवक्ता को डेपूटेशन पर बुलाना नियमों के खिलाफ है. सरकारी नीति के तहत किसी भी दुर्गम क्षेत्र के कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकती है.
विभाग ने स्कूल के लिए भेजी प्रवक्ता को अस्थाई तौर पर जिला उप निदेशक कुल्लू कार्यालय में बुला लिया है. अब न तो स्कूल में किसी दूसरे अध्यापक की नियुक्ति हो सकती और न ही नियुक्त अध्यापक स्कूल में पढ़ाने के लिए उपलब्ध है. जिससे स्कूल प्रबंधन समिति और अभिभावक ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष खिला ठाकुर ने कहा कि सरकार ने कई बार अध्यापकों को भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन अध्यापक भेजने के नाम पर स्कूली बच्चों से ही धोखा किया. वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने दो टूक कहा है कि प्रवक्ता को वापस भेजो या ग्रामीणों के रोष का सामना करने को तैयार रहे.
अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से अध्यापकों के खाली पद भरने और व डेपुटेशन पर भेजे अध्यापकों को जल्द स्कूल में नियुक्त करने की मांग की है. शिक्षा विभाग के उप निदेशक बलवंत ठाकुर ने कहा कि प्रवक्ता की प्रतिनियुक्ति शिक्षा निदेशक शिमला के कार्यालय से मिले निर्देशानुसार हुई है. उन्होंने बताया कि गामीणों की मांग से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा.
बता दें कि 16 सितंबर को स्कूल में उक्त प्रवक्ता की तैनाती हुई और दो घंटे में ही उन्हें डेपूटेशन पर शिक्षा उप निदेशक कार्यालय कुल्लू ज्वाइन करने के आदेश दे दिया गया. विभाग के इस कारनामे पर ग्रामीण भड़क उठे हैं.