कुल्लू: कुल्लू की उझी घाटी के देवता नाग धूंबल ने शनिवार को अठारह करडू की सौह ढालपुर मैदान में अपने अस्थायी शिविर के पास छिद्रा (शुद्धिकरण) किया. इस मौके पर भगवान रघुनाथ जी के कारदार दानवेंद्र सिंह सहित देवता के देवलु व हारियान मौजूद रहे. देवता नाग धूंबल अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के समापन मौके पर किसी बात को लेकर अपने हारियानों व देवलुओं से नाराज हुए थे.
उन्होंने गूर के माध्यम से भविष्यवाणी कर छिद्रा करने के आदेश दिए थे. हालांकि, देवता उस दिन वापिस अपने देवालय चले गए थे, लेकिन उन्होंने शीघ्र ही ढालपुर मैदान में आकर छिद्रा करने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके चलते नाग धूंबल गत शुक्रवार देर रात को कुल्लू पहुंचे. यहां पर सबसे पहले उन्होंने कुल्लू के अधिष्ठाता देवता भगवान रघुनाथ जी के मंदिर में जाकर हाजिरी भरी. उसके बाद ढालपुर मैदान स्थित अपने अस्थायी शिविर की ओर रवाना हुए और रात को वहीं पर रहे.
इसके बाद शनिवार सुबह छिद्रा का आयोजन हुआ और उसके बाद कुछ देर अस्थायी शिविर में विराजने के बाद वापस अपने देवालय को लौट गए. देवता के कारदार जवाहर ठाकुर ने बताया कि देवता किसी बात को लेकर नाराज हैं जिसके चलते उन्होंने दशहरा उत्सव के समापन मौके पर गूर के माध्यम से छिद्रा करने के आदेश दिए थे. उनके आदेशानुसार शनिवार को ढालपुर में छिद्रा हुआ है.
भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेन्द्र सिंह ने बताया कि देवता के द्वारा ढालपुर मैदान में देव गतिविधियों को पूरा किया गया है. देवता ने हारियानों को भी कुछ आदेश दिए हैं जिस का पूरी तरह से पालन किया जाएगा.
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