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शिंकुला टनल निर्माण के लिए सर्वे जारी, चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से सर्वेक्षण

दुनिया की सबसे लंबी शिंकुला टनल के निर्माण के लिए वायुसेना के अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर चिनूक के जरिए हवाई सर्वे होगा. तीन दिन तक चलने वाले इस सर्वे में मेकेनिकल और भूगर्भीय वैज्ञानिक शिंकुला टनल के साथ लगती जंस्कर रेंज की पहाड़ी में करीब 600 मीटर गहराई तक जांच करेंगे.

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Published : Oct 19, 2020, 10:05 AM IST

Updated : Oct 19, 2020, 12:50 PM IST

Arial survey of ShinkuLa Tunnel by Chinook helicopter
चिनूक हेलीकॉप्टर

कुल्लू : शिंकुला टनल निर्माण के लिए भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण का कार्य जारी है. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण के इंजीनियर सर्वेक्षण काम में जुटे हैं. हालांकि चंडीगढ़ गया चिनूक हेलीकाप्टर रविवार को भी नहीं आया, लेकिन इंजीनियर अपने काम में जुटे हुए हैं. प्रधिकरण की माने तो सोमवार से हवाई सर्वे होगा, जो दो से तीन दिन चलेगा. चिनूक हर रोज सुबह चंडीगढ़ से आएगा और शाम को लौट जाएगा.

भारत व चीन में बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय मनाली-लेह मार्ग के सामरिक महत्व को देख गंभीर है. लेह व लद्दाख को 12 माह खुला रखने के लिए केंद्र सरकार सभी दर्रो पर सुरंगें बनाने में जुटी है. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण के प्रबंध एवं कार्यकारी निदेशक संजीव मलिक स्वयं इस परियोजना के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं. प्राधिकरण के डीजीएम अनिल ने बताया कि चिनूक सोमवार को हवाई सर्वे करने शिंकुला आ सकता है.

दूसरी ओर उत्तर रेलवे तांगलांग ला में सुरंग निर्माण करने जा रहा है. उत्तर रेलवे के टीम परियोजना निदेशक हरपाल सिंह ने तुर्की और आईआईटी रुड़की के विशषज्ञों के साथ मौके का दौरा किया है. यह सुरंग शिंकुला से भी अधिक ऊचाई पर बनेगी.

बता दें कि अटल टनल रोहतांग से भी साढ़े तीन किलोमीटर अधिक लंबी शिंकुला टनल के लिए हवाई सर्वे वायुसेना के सबसे अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर चिनूक के जरिए होगा. इस टनल के बनने से मनाली-कारगिल-लेह सड़क मार्ग में साल भर यातायात खुला रह सकेगा. 16 हजार 600 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रा के नीचे से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी 13.5 किलोमीटर टनल होगी.

कुल्लू : शिंकुला टनल निर्माण के लिए भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण का कार्य जारी है. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण के इंजीनियर सर्वेक्षण काम में जुटे हैं. हालांकि चंडीगढ़ गया चिनूक हेलीकाप्टर रविवार को भी नहीं आया, लेकिन इंजीनियर अपने काम में जुटे हुए हैं. प्रधिकरण की माने तो सोमवार से हवाई सर्वे होगा, जो दो से तीन दिन चलेगा. चिनूक हर रोज सुबह चंडीगढ़ से आएगा और शाम को लौट जाएगा.

भारत व चीन में बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय मनाली-लेह मार्ग के सामरिक महत्व को देख गंभीर है. लेह व लद्दाख को 12 माह खुला रखने के लिए केंद्र सरकार सभी दर्रो पर सुरंगें बनाने में जुटी है. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण के प्रबंध एवं कार्यकारी निदेशक संजीव मलिक स्वयं इस परियोजना के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं. प्राधिकरण के डीजीएम अनिल ने बताया कि चिनूक सोमवार को हवाई सर्वे करने शिंकुला आ सकता है.

दूसरी ओर उत्तर रेलवे तांगलांग ला में सुरंग निर्माण करने जा रहा है. उत्तर रेलवे के टीम परियोजना निदेशक हरपाल सिंह ने तुर्की और आईआईटी रुड़की के विशषज्ञों के साथ मौके का दौरा किया है. यह सुरंग शिंकुला से भी अधिक ऊचाई पर बनेगी.

बता दें कि अटल टनल रोहतांग से भी साढ़े तीन किलोमीटर अधिक लंबी शिंकुला टनल के लिए हवाई सर्वे वायुसेना के सबसे अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर चिनूक के जरिए होगा. इस टनल के बनने से मनाली-कारगिल-लेह सड़क मार्ग में साल भर यातायात खुला रह सकेगा. 16 हजार 600 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रा के नीचे से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी 13.5 किलोमीटर टनल होगी.

Last Updated : Oct 19, 2020, 12:50 PM IST
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