लाहौल-स्पीति: पूरे देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगाया गया है. इसके चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 'हर घर पाठशाला कार्यक्रम' के तहत ऑनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त अभी हाल ही में दूरदर्शन व रेडियो के माध्यम से भी पाठ्यक्रम को लागू किया जा रहा है.
वहीं, लाहौल स्पीति के स्पीति उपमंडल के विषम परिस्थितियों एवं इंटरनेट सेवा के अभाव में यहां 'हर घर पाठशाला कार्यक्रम' लागू करने में कठिनाई आ रही है. इसी समस्या को देखते हुए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्ञान सागर नेगी के दिशा निर्देश के अनुसार स्पीति शिक्षा खंड के तत्वाधान में ऑफलाइन शिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिसमें स्पीति उपमंडल के 27 रिसोर्स पर्सन्स एवं 7 क्लर्कों को ऑफलाइन अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में प्रतिनियुक्त किया गया है.
साथ ही सभी पाठशाला (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक) प्रभारियों को अध्ययन सामग्री को घर-घर पहुंचाने एवं निरीक्षण का दायित्व दिया गया है. समस्त प्रतिनियुक्त शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी लॉकडाउन के समस्त नियमों का पालन कर रहें है. इसको करने के लिए सामाजिक दूरी और मास्क का उपयोग अनिवार्य कर दिया है.
कुमारी देकित डोलकर, प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा एवं नोडल अधिकारी, ऑफलाइन हर घर पाठशाला कार्यक्रम 2020 के अनुसार शिक्षण कार्यक्रम के तहत पहली से पांचवीं कक्षा के कुल 527 छात्र एवं छात्राएं और छठी से बारहवीं कक्षा के कुल 490 छात्र एवं छात्राएं लभान्वित हो रहे हैं और छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी इस कार्यक्रम से काफी उत्साहित है.
ऑफलाइन हर घर पाठशाला कार्यक्रम 2020 के तहत अध्ययन सामग्री का वितरण नोडल अधिकारी की निगरानी में प्रत्येक शनिवार को किया जाता है. इसी कड़ी में अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर स्पीति आए कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा, ने प्रदेश सरकार के इस अनूठे प्रयास की प्रशंसा की है. कृषि मंत्री ने कार्यक्रम को सफल बनाने का श्रेय यहां प्रतिनियुक्त रिसोर्स परर्सनस व समस्त कर्मचारियों को दिया है.
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि पूरे हिमाचल प्रदेश में स्पीति क्षेत्र ऐसा है जहां पर इस तरह का कार्यक्रम प्रशासन ने शुरू किया है. घर घर बच्चों के लिए स्टडी मटेरियल मुहैया करवाया जा रहा है. हर शनिवार को बच्चों को असाइनमेंट दी जाती है जिसका फिर मूल्यांकन किया जाता है. जब तक लॉकडाउन है, स्पीति में इसी तरह बच्चों को घर में ही पढ़ाया जा रहा है.
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