कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. लाहौल-स्पीति के बाद अब मनाली सहित पूरे ऊपरी हिमाचल में भारी बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. मनाली में सीजन का पहला हिमपात हुआ है, जिससे पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों और बागवानों-किसानों में खुशी का माहौल है.
बर्फबारी से प्रचंड शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है. सोमवार सुबह से ही लाहौल-स्पीति, कुल्लू और मनाली की ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है. पर्यटन नगरी मनाली ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. उधर, इस बर्फबारी से रोहतांग और बारालाचा दर्रा छह महीने के लिए बंद हो गए हैं, जबकि नेशनल हाईवे-305 जलोड़ी दर्रा बर्फबारी के कारण बंद हो गया है. इस वजह से आनी-निरमंड की 60 पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.
जिला कुल्लू के ऊंचाई वाले रूट भी इस बर्फबारी से प्रभावित हुए हैं. सैलानियों की पहली पसंद रहने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल रोहतांग, बारालाचा दर्रे, शिंकुला कुंजम जोत में भारी बर्फबारी हुई है. शनिवार को लेह की ओर से सेना के काफिले सहित कुछ वाहन मनाली की ओर आए, लेकिन मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के चलते रविवार को वाहनों की आवाजाही रही.
वहीं, लाहौल स्पीति प्रशासन ने मौसम को देखते हुए मनाली-काजा मार्ग आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है. हालांकि, किन्नौर होते हुए काजा घाटी शिमला से जुड़ी रहेगी लेकिन मनाली-काजा मार्ग अब अगले साल गर्मियों में ही बहाल होगा. पहाड़ों में हिमपात का क्रम शुरू होने से घाटी ठंड की चपेट में आ गई है. जिले में तापमान शून्य से भी नीचे चला गया है और लोग घरों के अंदर ही दुबकने को मजबूर हो गए हैं.
बर्फबारी से संपूर्ण हिमालयन क्षेत्र में ग्लेशियरों को मजबूत कवच मिलने की संभावना जग गई है. पश्चिमी विक्षोभ को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को लेकर भी येलो अलर्ट जारी किया हुआ है. डीसी लाहौल स्पीति पंकज राय ने बताया कि मनाली लेह मार्ग पर फिलहाल वाहनों की आवाजाही बंद है. प्रशासन सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन किसी भी विपरीत परिस्थितियों से निपटने को तैयार है और सभी आपात तैयारियां पूरी कर ली गई है. उधर, मनाली बर्फ से गुलजार हो गई है.
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