कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सांफिआ फाउंडेशन को विश्व स्तरीय जीरो अवार्ड के लिए (Sanfia Foundation Therapy on Wheels) चयनित किया गया है. यह अवार्ड 23 से 25 फरवरी 2022 तक होने वाली जीरो प्रोजेक्ट कॉन्फ्रेंस के दौरान यूनाइटेड नेशन कार्यालय ऑस्ट्रिया (वियना) में दिया जाएगा. जिला कुल्लू में सांफिआ फाउंडेशन द्वारा आश बाल विकास केंद्र के नाम से अखाड़ा बाजार में दिव्यांग बच्चों को थेरेपी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है.
इस संस्था द्वारा वर्ष 2021 में थेरेपी ऑन व्हील्स नामक एक प्रोजेक्ट (Therapy on Wheels kullu) चलाया जा रहा है. जिसके तहत पिछले 1 वर्षों से कुल्लू के उन दिव्यांग बच्चों को उनके घर द्वार जाकर थेरेपी सेवाएं मुहैया कराई जा रही है, जो किसी कारणवश आश बाल विकास केंद्र में नहीं आ सकते हैं. थैरेपी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट के बारे में जब से लोगों को पता चला है, तब से यह प्रोजेक्ट अपनी तकनीकी सुविधाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. क्योंकि ये भारत देश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट जिसमें एक गाड़ी के अंदर ही दिव्यांगजनों को थेरेपी सेवाएं दी जाती है. जो सुविधाएं आमतौर पर किसी केंद्र में ही संभव होती हैं.
थेरेपी ऑन व्हील्स इरेडा (इंडियन रिन्यूएबल डेवलपमेंट एजेंसी नई दिल्ली) द्वारा प्रदान की गई हैं. जिसके अंदर ट्रेड मिल ,थेरेपी बॉल ,पोजिशनिंग ब्लॉक्स, थेरेपी टॉयज, बुक्स, फ्लैश कार्डस , फिजिओथेरपी, स्पीच थेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी सबंधी इक्विपमेंट एवं फर्स्ट ऐड जैसी सुविधाएं शामिल हैं. टीम जीरो प्रोजेक्ट द्वारा इस वर्ष विश्व के 30 देशों में से उन 76 प्रोजेक्टों को जीरो प्रोजेक्ट अवार्ड के लिए चयनित किया गया है, जो किसी न किसी तरह से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.
सांफिआ फाउंडेशन के निदेशक श्रुति भारद्वाज, निदेशक रेखा ठाकुर, कार्यक्रम पबंधक बीजू एवं सभी स्टाफ ने सामूहिक रूप से खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज हमारे केंद्र के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है कि थेरेपी ऑन व्हील्स (Therapy on Wheels in Himachal) को इस तरह के विश्वस्तरीय पुरस्कार (UN Zero Project Award) के लिए चयनित किया गया है. उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार हमें दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने के लिए और ज्यादा प्रेरित करेगा.
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