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समदो-ग्रांफू मार्ग से बर्फ हटाने का काम तेज, 25 अप्रैल तक बहाल हो सकती है सड़क

सीमावर्ती मार्ग समदो-ग्रांफू को बहाल करने के कार्य को गति दे दी है. मौसम साफ रहा तो बीआरओ इसी माह कुंजम दर्रा बहाल कर स्पीति को लाहौल से जोड़ देगा. बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर की मानें तो समदो-ग्रांफू सड़क बहाली का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है.

समदो-ग्रांफू मार्ग
समदो-ग्रांफू मार्ग
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Published : Apr 4, 2021, 1:57 PM IST

कुल्लू: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सीमावर्ती मार्ग समदो-ग्रांफू को बहाल करने के कार्य को गति दे दी है. इस बार सर्दियों में कम बर्फबारी होने से सड़क में हिमस्खलन भी न के बराबर हुए हैं. मौसम साफ रहा तो बीआरओ इसी माह कुंजम दर्रा बहाल कर स्पीति को लाहौल से जोड़ देगा.

कुंजम दर्रे के कारण एक ही जिला की दोनों घटियां साल में छह माह ही आपस में जुड़ी रहती हैं. लाहौल घाटी को अटल टनल ने सालभर के लिए मनाली से जोड़ दिया है, जबकि स्पीति घाटी भी शिमला-किन्नौर होते हुए कुछ दिन छोड़कर सालभर शिमला से जुड़ी रहती है, लेकिन दोनों घटियां सर्दियों में कुंजम दर्रे के चलते आपस में नहीं जुड़ पाती. हालांकि मौसम बदलने पर सड़कें खोलने का अभियान प्रभावित हो सकता है, लेकिन बीआरओ की मानें तो इसी माह स्पीति को लाहौल से जोड़ देंगे.

अंतिम चरण में है सड़क बहाली का काम

शिंकुला दर्रे को बहाल कर जंस्कार घाटी को भी लाहौल से जोड़ दिया जाएगा. बीआरओ दारचा से शिंकुला की ओर बढ़ते हुए 40 किलोमीटर दूर दर्रे के करीब पहुंच गया है. रोहतांग दर्रे की बहाली को भी बीआरओ ने अपने कदम बढ़ाए हैं. बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर की मानें तो रोहतांग दर्रा 25 अप्रैल तक बहाल कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि समदो-ग्रांफू सड़क बहाली भी अंतिम चरण में पहुंच गई है. स्पीति की ओर से कुंजम दर्रा पार कर बातल से तीन किलोमीटर आगे निकल आए हैं, जबकि लाहौल से भी ग्रांफू से आगे निकल गए हैं. मौसम ने साथ दिया तो बीआरओ सभी सड़कों को अप्रैल में ही बहाल कर लेगा.

ये भी पढ़ें: अटल टनल बनने के बाद रोहतांग की जगह बारालाचा और शिंकुला दर्रा बना सैलानियों की पसंद

कुल्लू: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सीमावर्ती मार्ग समदो-ग्रांफू को बहाल करने के कार्य को गति दे दी है. इस बार सर्दियों में कम बर्फबारी होने से सड़क में हिमस्खलन भी न के बराबर हुए हैं. मौसम साफ रहा तो बीआरओ इसी माह कुंजम दर्रा बहाल कर स्पीति को लाहौल से जोड़ देगा.

कुंजम दर्रे के कारण एक ही जिला की दोनों घटियां साल में छह माह ही आपस में जुड़ी रहती हैं. लाहौल घाटी को अटल टनल ने सालभर के लिए मनाली से जोड़ दिया है, जबकि स्पीति घाटी भी शिमला-किन्नौर होते हुए कुछ दिन छोड़कर सालभर शिमला से जुड़ी रहती है, लेकिन दोनों घटियां सर्दियों में कुंजम दर्रे के चलते आपस में नहीं जुड़ पाती. हालांकि मौसम बदलने पर सड़कें खोलने का अभियान प्रभावित हो सकता है, लेकिन बीआरओ की मानें तो इसी माह स्पीति को लाहौल से जोड़ देंगे.

अंतिम चरण में है सड़क बहाली का काम

शिंकुला दर्रे को बहाल कर जंस्कार घाटी को भी लाहौल से जोड़ दिया जाएगा. बीआरओ दारचा से शिंकुला की ओर बढ़ते हुए 40 किलोमीटर दूर दर्रे के करीब पहुंच गया है. रोहतांग दर्रे की बहाली को भी बीआरओ ने अपने कदम बढ़ाए हैं. बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर की मानें तो रोहतांग दर्रा 25 अप्रैल तक बहाल कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि समदो-ग्रांफू सड़क बहाली भी अंतिम चरण में पहुंच गई है. स्पीति की ओर से कुंजम दर्रा पार कर बातल से तीन किलोमीटर आगे निकल आए हैं, जबकि लाहौल से भी ग्रांफू से आगे निकल गए हैं. मौसम ने साथ दिया तो बीआरओ सभी सड़कों को अप्रैल में ही बहाल कर लेगा.

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