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Bijli Mahadev Ropeway: आखिर कब पूरा होगा हिमाचल में पीएम मोदी का ड्रीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगवान बिजली महादेव के प्रति भी अटूट श्रद्धा है. जिसके चलते वे आज भी हिमाचल दौरे के दौरान हर मंच से भगवान बिजली महादेव को याद करना नहीं भूलते हैं. उन्होंने 5 साल पहले भी यह सपना देखा था कि बिजली महादेव तक रोपवे बनाया जाए ताकि देश-दुनिया के (PM Modi Dream Project Bijli Mahadev Ropeway) सैलानी भी वहां तक जा सकें. लेकिन प्रधानमंत्री का यह सपना फिलहाल अभी तक पूरा होता हुआ नहीं नजर आ रहा है.

Bijli Mahadev Ropeway
बिजली महादेव रोपवे
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Published : May 30, 2022, 5:47 PM IST

कुल्लू: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार के 8 साल पूरा होने पर हिमाचल पहुंच रहे हैं. ऐसे में जहां वह शिमला से भारत वर्ष को संबोधित करेंगे तो वहीं, हिमाचल आने पर वह एक बार फिर से अपने आराध्य बिजली महादेव को याद करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी हिमाचल दौरे पर आए हैं तो वे बिजली महादेव को याद करना नहीं भूले हैं. वहीं, उन्होंने 5 साल पहले भी यह सपना देखा था कि बिजली महादेव तक रोपवे बनाया जाए ताकि देश-दुनिया के सैलानी भी वहां तक जा सकें. लेकिन प्रधानमंत्री का यह सपना फिलहाल अभी तक पूरा होता हुआ नहीं नजर आ रहा है.

बिजली महादेव को याद करना नहीं भूलते पीएम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 की जनसभा में भी कुल्लू में भगवान बिजली महादेव को याद किया था और उम्मीद की थी कि यहां पर अगर रोपवे का निर्माण होता है तो सैलानियों को भी आसानी से भगवान बिजली महादेव के दर्शन हो सकते हैं. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी जब दिल्ली दौरे पर होते हैं तो उस समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बिजली महादेव के रोपवे के बारे में चर्चा करते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री का यह सपना कागजों में उलझता हुआ नजर आ रहा है, हालांकि रोपवे के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास भी शुरू किए और एक निजी कंपनी को टेंडर भी किया गया था. लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते यह काम शुरू नहीं हो पाया और अब यह मामला प्रदेश सरकार के कानूनी विभाग के पास फंस गया है.

Bijli Mahadev Ropeway
भगवान बिजली महादेव मंदिर

4 सालो में कागजों की औपचारिकता रफ्तार नहीं पकड़ सकी: कानूनी विभाग से अनुमति मिलने के बाद सरकार के द्वारा इसी रोपवे को लेकर दोबारा से टेंडर करवाने की भी योजना है. ऐसे में प्रधानमंत्री का यह सपना इस साल भी पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बीते साढ़े 4 सालो में कागजों की औपचारिकता रफ्तार नहीं पकड़ सकी. इस पर सियासत बहुत हुई और योजना को अमलीजामा पहनाने में नुमाइंदों ने गंभीरता नहीं दिखाई. सभी राजनितिक दलों के नेता लोगों को महज दिलासा देकर राजनीतिक रोटियां सेकते रहे. लेकिन दो किलोमीटर प्रस्तावित प्रोजेक्ट का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 150 करोड़ खर्च होंगे और प्रोजेक्ट बनने से कुल्लू-मनाली में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा. साथ ही पर्यटन कारोबार में और बढ़ोतरी होगी.

रोपवे की लंबाई करीब 2 किलोमीटर होगी: जिला कुल्लू की खराहल घाटी से संबंध रखने वाले लोगों को इसका प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा. हाईप्रोफाइल सैलानियों की संख्या भी धार्मिक पर्यटन स्थल बिजली महादेव में बढ़ेगी. पहले इस रोप-वे का निर्माण बिजली महादेव मंदिर परिसर से बाहर यानी 70 मीटर नीचे किया जाना था. इसको लेकर मंदिर कमेटी ने आपत्ति जाहिर की थी. उस समय मंदिर कमेटी की आपत्ति के कारण रोप-वे निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. अब मंदिर परिसर से बाहर रोप-वे का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर मंदिर कमेटी ने भी सहमती जता दी है. इसके लिए पहले ऑस्ट्रिया की टेक्निकल कमेटी ने जांच के बाद जगह को रोप-वे निर्माण के लिहाज से उचित बताया है. अब इस रोपवे की लंबाई करीब 2 किलोमीटर होगी. ऐसे में उम्मीद थी कि जल्द ही बिजली महादेव रोप-वे निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. लेकिन अभी भी यह मामला कागजों में उलझा हुआ है.

Bijli Mahadev Ropeway
बिजली महादेव में नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

पीएम घंटों बैठकर भगवान बिजली महादेव की करते थे आराधना: बिजली महादेव रोप-वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जब वह (PM Modi Dream Project) हिमाचल के प्रभारी थे तब वह अक्सर बिजली महादेव मंदिर आते थे. प्रधानमंत्री को यह जगह बहुत ही पसंद आती है. वह जब भी हिमाचल प्रदेश आते हैं, बिजली महादेव मंदिर का जिक्र जरूर करते हैं. पीएम ने बिजली महादेव मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से संवारने की बात कही है. वहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे तो वह अपना अधिकतर समय कुल्लू में ही गुजारते थे. इस दौरान में कुल्लू के अखाड़ा बाजार के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ बिजली महादेव का रुख करते थे. हिमाचल प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष राम सिंह ने बताया कि उस दौरान भी वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दौरे पर रहते थे और वह खराहल घाटी के जंगलों से पैदल चलकर बिजली महादेव पहुंचे थे. यहां पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दौरान अकेले बैठकर घंटों भगवान बिजली महादेव की आराधना किया करते थे और जब उन्हें मौका मिलता था तो वे तुरंत भगवान बिजली महादेव के दर्शनों के लिए पहुंच जाया करते थे.

कानूनी विभाग से अनुमति मिलते ही रोपवे प्रक्रिया में आएगी तेजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगवान बिजली महादेव के प्रति भी अटूट श्रद्धा है. जिसके चलते वे आज भी हिमाचल दौरे के दौरान हर मंच से भगवान बिजली महादेव को याद करना नहीं भूलते हैं. वहीं जिला कुल्लू पर्यटन विभाग की उपनिदेशक सुनैना शर्मा का कहना है कि बिजली महादेव रोपवे निर्माण को लेकर कुछ कागजी कार्रवाई प्रदेश सरकार के लॉ डिपार्टमेंट के पास गई है. लॉ डिपार्टमेंट में उन सभी चीजों का अध्ययन किया जा रहा है. लॉ डिपार्टमेंट से अनुमति मिलने के बाद बिजली महादेव रोपवे की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा जल्द ही यहां पर सैलानियों के लिए एक सुंदर रोपवे का निर्माण किया जाएगा और उस रोपवे के बनने से स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के द्वार मजबूत होंगे.

ये भी पढ़ें: PM Modi Relation With Himachal: देवभूमि को यूं ही दूसरा घर नहीं कहते पीएम मोदी, आठ साल के जश्न को इसलिए चुना शिमला

कुल्लू: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार के 8 साल पूरा होने पर हिमाचल पहुंच रहे हैं. ऐसे में जहां वह शिमला से भारत वर्ष को संबोधित करेंगे तो वहीं, हिमाचल आने पर वह एक बार फिर से अपने आराध्य बिजली महादेव को याद करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी हिमाचल दौरे पर आए हैं तो वे बिजली महादेव को याद करना नहीं भूले हैं. वहीं, उन्होंने 5 साल पहले भी यह सपना देखा था कि बिजली महादेव तक रोपवे बनाया जाए ताकि देश-दुनिया के सैलानी भी वहां तक जा सकें. लेकिन प्रधानमंत्री का यह सपना फिलहाल अभी तक पूरा होता हुआ नहीं नजर आ रहा है.

बिजली महादेव को याद करना नहीं भूलते पीएम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 की जनसभा में भी कुल्लू में भगवान बिजली महादेव को याद किया था और उम्मीद की थी कि यहां पर अगर रोपवे का निर्माण होता है तो सैलानियों को भी आसानी से भगवान बिजली महादेव के दर्शन हो सकते हैं. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी जब दिल्ली दौरे पर होते हैं तो उस समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बिजली महादेव के रोपवे के बारे में चर्चा करते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री का यह सपना कागजों में उलझता हुआ नजर आ रहा है, हालांकि रोपवे के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास भी शुरू किए और एक निजी कंपनी को टेंडर भी किया गया था. लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते यह काम शुरू नहीं हो पाया और अब यह मामला प्रदेश सरकार के कानूनी विभाग के पास फंस गया है.

Bijli Mahadev Ropeway
भगवान बिजली महादेव मंदिर

4 सालो में कागजों की औपचारिकता रफ्तार नहीं पकड़ सकी: कानूनी विभाग से अनुमति मिलने के बाद सरकार के द्वारा इसी रोपवे को लेकर दोबारा से टेंडर करवाने की भी योजना है. ऐसे में प्रधानमंत्री का यह सपना इस साल भी पूरा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बीते साढ़े 4 सालो में कागजों की औपचारिकता रफ्तार नहीं पकड़ सकी. इस पर सियासत बहुत हुई और योजना को अमलीजामा पहनाने में नुमाइंदों ने गंभीरता नहीं दिखाई. सभी राजनितिक दलों के नेता लोगों को महज दिलासा देकर राजनीतिक रोटियां सेकते रहे. लेकिन दो किलोमीटर प्रस्तावित प्रोजेक्ट का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 150 करोड़ खर्च होंगे और प्रोजेक्ट बनने से कुल्लू-मनाली में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा. साथ ही पर्यटन कारोबार में और बढ़ोतरी होगी.

रोपवे की लंबाई करीब 2 किलोमीटर होगी: जिला कुल्लू की खराहल घाटी से संबंध रखने वाले लोगों को इसका प्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा. हाईप्रोफाइल सैलानियों की संख्या भी धार्मिक पर्यटन स्थल बिजली महादेव में बढ़ेगी. पहले इस रोप-वे का निर्माण बिजली महादेव मंदिर परिसर से बाहर यानी 70 मीटर नीचे किया जाना था. इसको लेकर मंदिर कमेटी ने आपत्ति जाहिर की थी. उस समय मंदिर कमेटी की आपत्ति के कारण रोप-वे निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. अब मंदिर परिसर से बाहर रोप-वे का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर मंदिर कमेटी ने भी सहमती जता दी है. इसके लिए पहले ऑस्ट्रिया की टेक्निकल कमेटी ने जांच के बाद जगह को रोप-वे निर्माण के लिहाज से उचित बताया है. अब इस रोपवे की लंबाई करीब 2 किलोमीटर होगी. ऐसे में उम्मीद थी कि जल्द ही बिजली महादेव रोप-वे निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. लेकिन अभी भी यह मामला कागजों में उलझा हुआ है.

Bijli Mahadev Ropeway
बिजली महादेव में नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

पीएम घंटों बैठकर भगवान बिजली महादेव की करते थे आराधना: बिजली महादेव रोप-वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जब वह (PM Modi Dream Project) हिमाचल के प्रभारी थे तब वह अक्सर बिजली महादेव मंदिर आते थे. प्रधानमंत्री को यह जगह बहुत ही पसंद आती है. वह जब भी हिमाचल प्रदेश आते हैं, बिजली महादेव मंदिर का जिक्र जरूर करते हैं. पीएम ने बिजली महादेव मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से संवारने की बात कही है. वहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे तो वह अपना अधिकतर समय कुल्लू में ही गुजारते थे. इस दौरान में कुल्लू के अखाड़ा बाजार के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ बिजली महादेव का रुख करते थे. हिमाचल प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष राम सिंह ने बताया कि उस दौरान भी वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दौरे पर रहते थे और वह खराहल घाटी के जंगलों से पैदल चलकर बिजली महादेव पहुंचे थे. यहां पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दौरान अकेले बैठकर घंटों भगवान बिजली महादेव की आराधना किया करते थे और जब उन्हें मौका मिलता था तो वे तुरंत भगवान बिजली महादेव के दर्शनों के लिए पहुंच जाया करते थे.

कानूनी विभाग से अनुमति मिलते ही रोपवे प्रक्रिया में आएगी तेजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगवान बिजली महादेव के प्रति भी अटूट श्रद्धा है. जिसके चलते वे आज भी हिमाचल दौरे के दौरान हर मंच से भगवान बिजली महादेव को याद करना नहीं भूलते हैं. वहीं जिला कुल्लू पर्यटन विभाग की उपनिदेशक सुनैना शर्मा का कहना है कि बिजली महादेव रोपवे निर्माण को लेकर कुछ कागजी कार्रवाई प्रदेश सरकार के लॉ डिपार्टमेंट के पास गई है. लॉ डिपार्टमेंट में उन सभी चीजों का अध्ययन किया जा रहा है. लॉ डिपार्टमेंट से अनुमति मिलने के बाद बिजली महादेव रोपवे की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा जल्द ही यहां पर सैलानियों के लिए एक सुंदर रोपवे का निर्माण किया जाएगा और उस रोपवे के बनने से स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के द्वार मजबूत होंगे.

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